उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर तेजी से बढ़ रहा है। मार्च में अब हर दिन ज्यादा मरीज मिलने का सिलसिला जारी है। करीब ढाई महीने बाद चौबीस घंटों के दौरान कोरोना से संक्रमित सर्वाधिक 638 रोगी मिले हैं। इससे पहले नौ जनवरी को 646 रोगी मिले थे। बीती एक मार्च को जब कोरोना के 87 रोगी मिले तो लगा कि संक्रमण की चाल थमेगी, लेकिन फिर जो तेजी आई वह रुकने का नाम नहीं ले रही। अब एक दिन में सात गुना तक ज्यादा रोगी मिल रहे हैं। बीते 24 घंटे में लखनऊ में सबसे ज्यादा 232 रोगी मिले हैं। कासगंज में दोबारा संक्रमण वापस लौटा है, जबकि 15 जिलों में संक्रमण बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश में अब तक 6.08 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जिसमें 5.96 लाख रोगी ठीक हो चुके हैं। अब तक 8,764 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केस बढ़कर 3,844 हो गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने लोगों से पूरी सतर्कता बरतने की अपील की है। अब लखनऊ में 954 रोगी हैं। राजधानी सहित 15 जिलों में संक्रमण बढ़ा है। कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, गोरखपुर, आगरा, बरेली, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बलिया व आगरा शामिल हैं। उधर प्रयागराज व मेरठ में लगातार केस कम हो रहे थे, लेकिन मंगलवार को फिर बढ़ गए। कासगंज कोरोना मुक्त हो गया था, लेकिन अब यहां भी नए रोगी मिले हैं।
मार्च में 46 फीसद बढ़े एक्टिव केस : सितंबर 2020 से लगातार कोरोना के घट रहे रोगियों का सिलसिला मार्च में आकर थम गया। जनवरी व फरवरी में क्रमश: 60-60 प्रतिशत एक्टिव केस कम हुए थे, लेकिन मार्च में यह उल्टा तेजी से बढ़ गए। एक मार्च को 2,078 रोगी थे और अब 3,844 एक्टिव केस हैं। यानी 1,766 रोगी बढ़े। ऐसे में कुल 46 फीसद मरीज बढ़े हैं।
कम लोगों की जांच, फिर भी ज्यादा मिले संक्रमित : प्रदेश में मंगलवार को केवल 1.19 लाख लोगों की कोरोना जांच की गई, जिसमें 638 लोग संक्रमित पाए गए। सोमवार को 1.35 लाख लोगों का टेस्ट किया गया था, जिसमें 542 लोग संक्रमित पाए गए थे। यानी संक्रमण की दर भी बढ़ने लगी है।
अब तक लगाए गए 48.2 लाख टीके : उत्तर प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए 48.2 लाख टीके लगाए जा चुके हैं। अब तक 38.7 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है और 9.4 लाख लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। हफ्ते में छह दिन जिला अस्पताल, निजी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगाया जा रहा है। उधर सोमवार, गुरुवार व शुक्रवार को इनके साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी वैक्सीन लगाई जा रही है। मंगलवार को करीब एक लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई।
सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क टीका : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि टीकाकरण अभियान को और तेज करने पर जोर दिया जा रहा है। एक हजार निजी अस्पतालों में टीका लगाया जा रहा है। यहां प्रति डोज के 250 रुपये शुल्क देने होंगे और सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क टीका लगाया जा रहा है। संक्रमण से बचने के लिए बुजुर्गों व गंभीर रोगियों को टीके लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिन्हें ऑनलाइन पंजीकरण कराने में कठिनाई आ रही है, वह अपना आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या अन्य पहचान पत्र लेकर सीधे टीकाकरण केंद्र पहुंचे। यहां स्वास्थ्य कर्मी उनका पंजीकरण कराएंगे।
45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाने की तैयारी तेज : एक अप्रैल से केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी टीका लगाया जाना है। फिलहाल परिवार कल्याण विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। जरूरत के अनुसार केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसे लोगों का डाटा एकत्र किया जा रहा है।