पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी की बहू और IFS अधिकारी निधि तिवारी को अपना प्राइवेट सेक्रेटरी बनाया है। PM रहते मोदी के 11 साल के कार्यकाल में ये पहली बार है, जब प्राइवेट सेक्रेटरी महिला है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अजित डोभाल की टीम में काम करने के कारण निधि सीधे पीएमओ में पहुंचीं।
डॉ. सुशील के साथ निधि की मां प्रभा तिवारी भी घर पर मौजूद थीं। हमने उनसे जाना कि निधि की शादी कैसे हुई? शादी के 8 साल बाद निधि ने IFS क्वालिफाई कैसे किया? स्टूडेंट लाइफ में मुलाकात से जिंदगी कैसे कामयाबी की सीढ़ी चढ़ती चली गई।
1. निधि की लव स्टोरी कैसे शुरू हुई?
निधि तिवारी लखनऊ की रहने वाली हैं। ग्रेजुएशन के बाद वह BHU में पढ़ाई करने आईं। 2005 में उन्होंने M.Sc बायोकेमिस्ट्री में एडमिशन लिया। हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थीं। उनके पति, डॉ. सुशील जायसवाल मेडिकल स्टूडेंट थे। दोनों की लैब में कभी-कभी मुलाकात होती थी। यहीं से दोनों में बातचीत शुरू हुई। फिर धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। दिसंबर, 2006 में दोनों ने शादी कर ली।
2. शादी के बाद निधि की पढ़ाई का रुख कैसा रहा? डॉ. सुशील बताते हैं- मैं तो 1999 से BHU का छात्र रहा हूं, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन वहीं से किया। फिर निधि से शादी हो गई। उसने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद वैज्ञानिक बनने की तैयारी शुरू कर दी। 2007 में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में उनका सिलेक्शन हो गया और महाराष्ट्र में जाकर जॉइन कर लिया। लेकिन, उनका मन तो ब्यूरोक्रेसी में कुछ बड़ा करने का था।
3. UPSC में कैसे सिलेक्ट हुईं?
डॉ. सुशील ने बताया- हमें 2008 में बेटा हुआ। निधि घर आ गई थीं। यहां रहते हुए निधि ने अपनी नई मंजिल की तैयारी शुरू कर दी। 2008 में उन्होंने UPPSC की परीक्षा पहली बार दी। उनका असिस्टेंट कमिश्नर (कॉमर्शियल टैक्स) के पद पर चयन हुआ। करीब 2 साल तक उन्होंने जॉब की। 2011 में निधि ने पहली बार UPSC का फॉर्म भरा। घर से तैयारी नहीं हो पा रही थी, तो वे दिल्ली शिफ्ट हो गईं। पहले अटेम्प्ट में ही उन्होंने IAS क्वालिफाई किया।
4. IFS में सिलेक्शन कैसे हुआ? डॉ. सुशील ने बताया- निधि की रैंक कम होने के चलते उन्हें भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (IRPS) में जगह मिली, मगर उन्होंने जॉइन नहीं किया। उनका सपना तो IFS या IAS बनने का था। इसके बाद 2013 में उन्होंने दोबारा आवेदन किया। इस बार जरनल कैटेगरी में 96वीं रैंक आई। ऑप्शन में IFS भरते ही निधि का सपना पूरा हो गया।
5. निधि को पहली तैनाती कहां मिली? 2017 में निधि को विदेश मंत्रालय (दिल्ली) में डेस्क पर पोस्टिंग मिली थी। इसके बाद वियाना (ऑस्ट्रिया) में मिली। यहां उन्हें 2 साल यानी 2019 तक रखा गया। वह UN के देशों के साथ भारत का अलग-अलग मुद्दों पर समन्वय बनाने की जिम्मेदारी निभा रही थीं।
डॉ. सुशील वाराणसी के जाने-माने सर्जन डॉ. सुशील जायसवाल वाराणसी के नामचीन लेप्रोस्कोपी सर्जन हैं। आर्थो में घुटना प्रत्यारोपण के अलावा सिर और गले की सर्जरी करते हैं। वह एनेस्थीसिया के स्पेशलिस्ट हैं। श्रीरामनगर कॉलोनी में उनका क्लिनिक है।
22 साल का अनुभव रखने वाले डॉ. सुशील जायसवाल को एम्स दिल्ली, सर गंगाराम दिल्ली, लखनऊ और वाराणसी के अलावा कई शहरों में लेप्रोस्कोपी की सर्जरी और ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता है।
निधि की मां की बात…
वो जिंदगी में कभी असफल नहीं हुई डॉ. सुशील जायसवाल ने बताया- निधि तिवारी का कहना है कि जिस पैनल और अधिकारियों ने उन्हें चुना है, उनकी उम्मीदों पर खरा उतारना है। निधि की मां प्रभा तिवारी ने बताया, निधि पढ़ने में हमेशा अव्वल आईं और गोल्ड मेडल लेकर ही घर आई। प्री-स्कूल से लेकर IFS बनने तक उसका सफर हमेशा सफलता भरा रहा। निधि ने अपने जीवन में किसी परीक्षा में असफल नहीं हुई।
गोल्ड मेडलिस्ट रहीं निधि एजुकेशन
- लखनऊ यूनिवर्सिटी से 2004 में बायोकेमिस्ट्री से B.Sc में डिग्री ली, उन्हें गोल्ड मेडल मिला।
- 2007 में BHU बायोकेमिस्ट्री से पास होने पर गोल्ड मेडलिस्ट के खिताब से नवाजी गईं।
ट्रेनिंग
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में वैज्ञानिक की ट्रेनिंग में भी निधि ने गोल्ड मेडल जीता और सबसे पहला स्थान पाया।
- IFS ट्रेनिंग सेंटर मसूरी में भी उन्हें गोल्डमेडल से नवाजा गया। ट्रेनिंग में भी टॉपर रही निधि पर सभी की नजर रहीं।
निधि पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी रहीं निधि तिवारी नवंबर, 2022 से प्रधानमंत्री कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर थीं। इससे पहले, उन्होंने विदेश मंत्रालय के डिस-आर्मामेंट एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी अफेयर्स डिवीजन में अंडर सेक्रेटरी के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।
PMO में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान निधि तिवारी ने ‘विदेश और सुरक्षा’ वर्टिकल में काम किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करता है। इस दौरान उन्होंने विदेश मामलों, परमाणु ऊर्जा, सुरक्षा मामलों और राजस्थान राज्य से संबंधित मुद्दों पर काम किया।