मुद्रा योजना के 10 साल, ₹32 लाख करोड़ लोन दिया:लाभार्थियों में 68% महिलाएं; मोदी बोले- योजना ने लोगों के सपनों को हकीकत बनाया

आज 8 अप्रैल को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 10 साल पूरे हो हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के लाभार्थियों से बात किया और उन्हें बधाई दी।

नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज, जब हम मुद्रा योजना के 10 साल( #10YearsOfMUDRA) पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस योजना ने लोगों को सशक्त बनाकर कई सपनों को हकीकत में बदला है।’

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा- यह दिखाता है कि भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। हर मुद्रा ऋण अपने साथ सम्मान, स्वाभिमान और अवसर लेकर आता है।

मुद्रा योजना का उद्देश्य बिना गारंटी के माइक्रो और छोटे व्यवसायों को लोन देना

मुद्रा योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में की थी, जिसका उद्देश्य बिना गारंटी के माइक्रो और छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। पिछले 10 वर्षों में इस योजना के तहत 52 करोड़ ऋण खाते खोले गए और कुल 32 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया गया । इस योजना में 68 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं, और 50 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने हर उद्यमी को ऋण मिले यह सुनिश्चित करने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘लोन लेकर उद्यमी आत्मविश्वास के साथ अपने व्यवसाय को बढ़ा सकेंगे।”

वित्त मंत्रालय ने 7 अप्रैल को एक प्रेस रिलीज में मुद्रा योजना से लोगो जींदगी में आए बदलाव साझा किए। जिनमें, कमलेश जो दिल्ली में एक घरेलू दर्जी थीं, उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ाया, तीन अन्य महिलाओं को रोजगार दिया और अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में भर्ती कराया। बिंदु नाम की महिला जो पहले रोज 50 झाड़ू बनाती थी, अब 500 झाड़ू बनाने वाली एक यूनिट चलाती हैं, शामिल हैं।

छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार बढ़ा

इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार बढ़ा। SKOCH की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार 2014 से हर साल कम से कम 5.14 करोड़ नए रोजगार शुरू हुए हैं, जिसमें अकेले PMMY ने 2014 से प्रति वर्ष 2.52 करोड़ एवरेज स्थिर रोजगार जोड़े हैं। जम्मू-कश्मीर में इस मुद्रा योजना के तहत सबसे ज्यादा लाभ हुआ है और करीब 20 लाख मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।

योजना से महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ

मुद्रा योजना के कुल लाभार्थियों में 68 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो देश भर में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 2025 के बीच , प्रति महिला PMMY लोन राशि 13 प्रतिशत की CAGR से बढ़कर 62,679 रुपए तक पहुँच गई, जबकि प्रति महिला जमा 14 प्रतिशत की CAGR से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई । महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने वाले राज्यों ने महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME के माध्यम से काफी रोजगार सृजन दर्ज किया है, जो महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण और श्रम बल भागीदारी को बढ़ाने में समावेशन की प्रभावशीलता को मजबूत करता है।