जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा विधायकों में हाथापाई:नए वक्फ कानून को लेकर भिड़े; कल बिल की कॉपी फाड़ी थी

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान NC और भाजपा विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

इससे पहले सोमवार को NC के विधायक ने सदन में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी। एक NC विधायक ने अपनी जैकेट फाड़कर सदन में लहराई। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। NC समेत अन्य दलों ने वक्फ कानून के खिलाफ रेजोल्यूशन लाने की बात कही थी।

वक्फ संशोधन बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में पास हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब कानून लागू करने के लिए केंद्र नोटिफिकेशन जारी करेगा।

वक्फ कानून के खिलाफ SC में 11 याचिकाएं दर्ज नए वक्फ कानून की संवैधानिकता के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अलावा सुप्रीम कोर्ट में 7 अप्रैल तक 11 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि हमारी राज्य इकाइयां भी हाईकोर्ट में कानून को चुनौती देंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई को लेकर सोमवार को कहा- वह नए वक्फ कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लिस्ट करने यानी सुनवाई पर फैसला करेंगे। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से अर्जेंट हियरिंग की मांग की थी।

इस पर CJI संजीव खन्ना ने कहा- आप वकीलों से कहें कि हमें मेल या पत्र भेजें। इस पर सिब्बल ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के लिए ओरल मेंशनिंग यानी जुबानी अपील की व्यवस्था खत्म हो चुकी है। सिबब्ल के बाद CJI संजीव खन्ना ने कहा- ठीक है, हम पत्र और मेल देखेंगे। इन पर फैसला लिया जाएगा। हम इन्हें लिस्ट करेंगे।

मणिपुर में भाजपा नेता का घर जलाया, तोड़फोड़

मणिपुर के थोउबल जिले में रविवार को भीड़ ने नए वक्फ कानून का समर्थन करने पर भाजपा बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असगर अली मकाकमयुम के घर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी।

5 अप्रैल को राष्ट्रपति ने कानून को मंजूरी दी, गजट नोटिफिकेशन जारी

वक्फ संशोधन बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी।

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था।

वक्फ बिल पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने शनिवार शाम को वक्फ बिल के विरोध में दो पेज का लेटर जारी किया और 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। AIMPLB ने कहा कि हम सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते।

वक्फ बिल पर विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा?

  • राहुल गांधी: वक्फ बिल मुसलमानों पर हमला करता है और भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने की मिसाल कायम करता है। बिल पास होने के बाद RSS ने अब कैथोलिक चर्च की जमीन पर फोकस कर लिया है। RSS को अपना ध्यान ईसाइयों की ओर मोड़ने में ज्यादा समय नहीं लगा। संविधान ही एकमात्र ढाल है जो हमारे लोगों को ऐसे हमलों से बचाता है और इसकी रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है।
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे: सरकार का इरादा ठीक नहीं है। वक्फ लैंड किसको देंगे यह सामने नहीं आया। व्यापारियों को देंगे…मुझे पता नहीं। अंबानी-अडाणी जैसे लोगों को खिलाएंगे। मैं गृहमंत्री से अपील करूंगा कि आप इसे वापस ले लें। इसे प्रेस्टीज ईश्यू न बनाएं। मुसलमानों के लिए ये अच्छा नहीं है। संविधान के खिलाफ है।
  • PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती: ऐसा नहीं होना चाहिए। यह अल्पसंख्यकों, मुसलमानों की संस्था है और इसे इस तरह से बुलडोजर करना और राज्यसभा में पारित करना, मैं समझती हूं कि यह डाका डालने के बराबर है, जो बहुत गलत है जो नहीं होना चाहिए।
  • NC सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी: भाजपा को मुसलमानों के लिए बोलने का कोई नैतिक या राजनीतिक अधिकार नहीं है और वक्फ विधेयक पारित करके RSS-भाजपा शासन ने अपनी मुस्लिम विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी मंशा की पुष्टि की है। आज भारत क्रूर बहुसंख्यकवाद के एक अंधेरे युग में चला गया है, जहां अल्पसंख्यक हितों को दरवाजा दिखा दिया गया।