राजस्थान के जयपुर में 13 में 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट में 71 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में जिन चार आतंकियों को जयपुर के स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन चार आतंकियों में तीन आजमगढ़ के रहने वाले हैं। जबकि एक भदोही का रहने वाला है।
पुलिस से बचने को बदल लिया था धर्म और नाम इन आतंकियों ने बचने के लिए अपने नाम के साथ-साथ अपनी जाति और धर्म भी बदल लिया था। यही कारण है कि जांच एजेंसी और सुरक्षा एजेंसी को इन आतंकियों को सजा दिलाने में 17 वर्ष लग गए। जयपुर ब्लास्ट के ठीक 4 महीने के भीतर दिल्ली के बाटला हाउस में 13 सितंबर 2008 को पांच स्थानों पर सीरियल ब्लास्ट हुए।
इस सीरियल ब्लास्ट में शामिल आतंकियों की तलाश करते हुए दिल्ली पुलिस ने जब दक्षिणी दिल्ली के जामियानगर में बाटला हाउस फ्लैट में छापेमारी की थी तो मोहम्मद सैफ को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस पूछताछ में मोहम्मद सैफ ने जयपुर ब्लास्ट का खुलासा करते हुए कहा था कि जयपुर में बम प्लांट करने में इंडियन मुजाहिदीन के आरिफ खान उर्फ जुनैद मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक मोहम्मद खालिद सैफुर रहमान, साजिद छोटा, सलमान, सरवर और मोहम्मद आतिफ अमीन शामिल थे।
हिंदू ग्राहक बनकर खरीदी थी साइकिल जयपुर ब्लास्ट में शामिल आजमगढ़ के तीनों आतंकियों ने दिल्ली से जयपुर जाने के लिए फर्जी हिंदू नाम से बेसन के टिकट बुक कर आए थे। इसके साथ ही इन आतंकियों ने जो साइकिल खरीदी थी। वह भी हिंदू ग्राहक बनकर खरीदी थी।
आजमगढ़ जिले के कोतवाली नगर क्षेत्र के बदरका का रहने वाला सैफ़ुर्रहमान ने अपना नाम अजय सिंह रखा था। जबकि आजमगढ़ जिले के ही सरायमीर थाना क्षेत्र के संजरपुर का रहने वाला मोहम्मद सैफ ने अपना नाम हर्ष यादव रखा था।
इसके साथ ही आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के चंद पट्टी का रहने वाला मोहम्मद सरवर आजमी ने राजहंस बनकर साइकिल खरीदी। इसी साइकिल में टाइम बम लगाया था। जिसमें 71 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
रेकी करने के बाद किए गए थे बम प्लांट आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र का रहने वाला सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ ने आजमगढ़ के निजामाबाद थाना क्षेत्र के रहने वाले एक नाबालिग के साथ मिलकर रेकी कर बम प्लांट किए थे। शाहबाज ने धमाकों के बाद साइबर कैफे से मेल करके इंडियन मुजाहिदीन के नाम से धमाकों की जिम्मेदारी ली थी।
सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में जी साइबर कैफे से मेल किया गया था उसे शहबाज की शिनाख्त कराई थी।
अहमदाबाद ब्लास्ट में आजमगढ़ के 6 लोगों को सुनाई गई थी फांसी की सजा
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट जिसमें 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में भी अहमदाबाद कोर्ट ने 38 दोषियों को फांसी और उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
जिनमें से छह आजमगढ़ जिले के रहने वाले थे। आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार निवासी अबू बशर को हमले का मास्टर माइंड माना गया था। इसके साथ ही संजरपुर निवासी मोहम्मद आरिफ, बाज बहादुर निवासी मोहम्मद सैफ, कंधरापुर थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी शकीब निसार, बदरका चौकी का रहने वाला शैफुर रहमान व जीशान प्रमुख है।
इन सभी को फांसी की सजा कोर्ट ने सुनाई थी। जयपुर ब्लास्ट में आजीवन कारावास की सजा पाया सैफ़ुर्रहमान और मोहम्मद सैफ अहमदाबाद ब्लास्ट में भी शामिल रह चुके हैं। जिस मामले में इन दोनों आरोपियों सहित 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।