कर्मचारी भविष्य निधि में अब पांच लाख रुपये तक के कर्मचारी योगदान पर मिलने वाला ब्याज होगा कर मुक्त

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भविष्य निधि कोष (PF) में कर्मचारी के सालाना पांच लाख रुपये तक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि यह बढ़ी सीमा योगदान पर लागू होगी जहां नियोक्ता की ओर से इस कोष में योगदान नहीं हो। भविष्य निधि पर ब्याज को कर मुक्त रखने के संबंध में कर्मचारी के अधिकतम वार्षिक योगदान की सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।

सीतारमण ने वित्त विधेयक 2021 में लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को पीएफ में होने वाली जमा की कर मुक्त ब्याज की वार्षिक सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की। सीतारमण के जवाब के बाद सदन ने वित्त विधेयक 2021 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ ही लोकसभा में बजट 2021- 22 पारित करने की प्रक्रिया पूरी हो गई। कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) में करीब छह करोड़ अंशधारक हैं।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2021 को संसद में पेश 2021- 22 के बजट में घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले नये वित्त वर्ष में कर्मचारियों के पीएफ में सालाना ढाई लाख रुपये से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया जायेगा। इसके लिए गणना में नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले अंशदान को शामिल नहीं किया गया था।

यह छूट ऐसे मामलों में है कि पांच लाख रुपये तक के योगदान में नियोक्ता का योगदान शामिल नहीं हैं, क्योकि नियोक्ता का योगदान कर्मचारी के मूल वेतन के 12 प्रतिशत तक ही सीमित है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज पर लगाये गये टैक्स प्रस्ताव से केवल एक प्रतिशत भविष्य निधि खाताधारकों पर ही असर पड़ेगा। अन्य खाताधारकों पर इस कर प्रस्ताव का असर इसलिए नहीं पड़ेगा क्योंकि उनका सालाना पीएफ योगदान ढाई लाख रुपये से कम है। यह नया प्रावधान एक अप्रैल से अमल में आ जायेगा।

सीतारमण ने पेट्रोल, डीजल पर ऊंची कर दरों के बारे में कहा कि वह पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा करना पसंद करेगी।