तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और पूर्व सांसद कुणाल घोष ने मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे भाजपा और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- हमें इनपुट मिले हैं कि हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी।
केंद्रीय एजेंसियां, BSF और कुछ राजनीतिक दलों का एक सेक्शन इस साजिश में शामिल था। BSF ने मदद करके उपद्रवियों को राज्य का बॉर्डर पार करवाया। कुछ उपद्रवी मुर्शिदाबाद के इलाके में घुसे, अराजकता फैलाई और BSF ने उन्हें वापस जाने के लिए भी मदद की। यह इनपुट सच है या नहीं इसकी जांच होनी चाहिए।
घोष ने आगे कहा- भाजपा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दूसरे राज्यों की तस्वीरों का इस्तेमाल करके उसे मुर्शिदाबाद का बताया। वे बंगाल के लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार और पार्टी इस साजिश का मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रही है।
उधर, सोमवार को भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक दिल्ली में जारी है। इसमें देश-भर से कई मुस्लिम संगठनों के सदस्य शामिल हुए हैं।
केंद्रीय बलों की 21 कंपनियां तैनात, इंटरनेट बंद पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में 10 अप्रैल से हिंसक प्रदर्शन जारी है। इसी बीच रविवार को मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का इलाके में तनाव फैल गया। हालांकि, जल्द ही हालात पर काबू पा लिया गया।
वहीं, पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर हिंसाग्रस्त इलाकों में AFSPA (आर्म्स फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट) लगाने की मांग की है।
केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। इनमें 300 BSF जवान हैं। कुल 21 कंपनियां तैनात की गई हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बैन है। BNS की धारा 163 भी लागू है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा- केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। हालांकि, अभी भी मुर्शिदाबाद जिले से पलायन करने वाले हिंदू वापस लौटने को तैयार नहीं हैं।
जिले के धुलियान से करीब 500 लोग पलायन कर गए हैं। इन सभी ने नदी पार मालदा के वैष्णवनगर में एक स्कूल में शरण ली है। इन लोगों का आरोप है कि उनके घरों में तोड़फोड़-आगजनी की गई। पीने के पानी में जहर मिला दिया गया है। ये किसी तरह BSF की मदद से वहां से बचकर आए हैं।
वक्फ कानून का विरोध- 13 अप्रैल के अपडेट्स
- तमिलगा वेट्री कज़गम (TVK) के अध्यक्ष और अभिनेता विजय ने वक्फ कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
- बंगाल, तमिलनाडु, केरल के बाद कर्नाटक के मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में इस कानून को लागू नहीं करने का फैसला किया है।
- कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा है कि पार्टी की मणिपुर इकाई वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।
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सुवेंदु अधिकारी ने NIA जांच की मांग की पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें केंद्रीय बल की तैनाती और हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए थे।
जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था- हम उन रिपोर्ट्स पर आंखें मूंद नहीं सकते जो सामने आई हैं। इनमें राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाई देती है। मुर्शिदाबाद के अलावा जहां भी हिंसा नजर आती है, वहां केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की जाए।
भीड़ ने पिता-बेटे को पीट-पीटकर मार डाला
मुर्शिदाबाद जिले में 12 अप्रैल को फिर हिंसा भड़की थी। हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर पिता-बेटे की हत्या कर दी। इनकी पहचान हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) के रूप में हुई है। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे।
वहीं, 11 अप्रैल को हिंसा में घायल की 12 अप्रैल को अस्पताल में मौत हो गई थी। इस तरह मुर्शिदाबाद हिंसा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
ममता बोलीं- दंगा न करें, सबकी जान कीमती मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 12 अप्रैल को कहा- वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए। मेरी अपील है कि शांत रहें। सबकी जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं।
मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में 11 अप्रैल को हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और पुलिस पर पथराव किया था। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके गए थे। इस दौरान 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
हालात काबू करने के लिए पुलिस ने चार राउंड फायरिंग की थी। गोलीबारी में दो लोग घायल हुए थे। दोनों का इलाज जारी है।
केंद्रीय गृह सचिव ने मुख्य सचिव-DGP से की बात केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और DGP के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा।
ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया- आज (शनिवार) की घटना का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है। पुलिस की ओर से गोली नहीं चली है, BSF की ओर से हो सकता है। ये शुरुआती जानकारी है। घायल खतरे से बाहर है।
पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में भी हिंसा
- 11 अप्रैल:- जम्मू-कश्मीर, हुर्रियत नेता नजरबंद श्रीनगर में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए। कुछ स्थानीय संगठनों और नेताओं ने कानून को अल्पसंख्यक अधिकारों के खिलाफ बताया। स्थिति तनावपूर्ण बनी तो हुर्रियत नेताओं को नजरबंद किया गया।
- 12 अप्रैल:- त्रिपुरा, 18 पुलिसकर्मी घायल त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में 4 हजार लोगों की रैली हिंसक हुई। एसडीपीओ सहित कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने 18 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
- 13 अप्रैल:- असम: सिलचर में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प असम के सिलचर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। मधुरबंद इलाके में बिना परमिशन हजारों लोग जुट गए। पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश की। पहले धक्का-मुक्की की, फिर पत्थर फेंके। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को भी लाठी चार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक और भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ऐलान, 87 दिन चलेगा प्रदर्शन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू होकर 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी।