मिथुन बोले- भाजपा नहीं, ममता बंगाली हिंदुओं के लिए खतरा:सांप्रदायिक तनाव बढ़ाया; CM ने कहा था- मुर्शिदाबाद हिंसा भाजपा-BSF की मिलीभगत

पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून हिंसा विवाद के बीच भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा- ममता बनर्जी बंगाली हिंदुओं के लिए खतरा बन चुकी हैं। बंगाली हिंदू बेघर हैं, राहत शिविरों में खिचड़ी खाने को मजबूर हैं। उनका क्या दोष है। साथ ही उन्होंने कहा- राज्य में भाजपा नहीं, ममता बनर्जी ने सांप्रदायिक तनाव बढ़ाया है। वो समुदायों के बीच अशांति पैदा कर रही हैं।

दरअसल, बुधवार को ममता बनर्जी ने इमामों की सभा में कहा था- मुर्शिदाबाद में हुआ दंगा प्री प्लांड था। इसमें भाजपा, BSF और सेंट्रल एजेंसीज की मिलीभगत थी। बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में बुलाकर ये दंगे करवाए गए। साथ ही कहा- यूपी के सीएम योगी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। वह सबसे बड़े भोगी हैं।

वहीं, ममता के आरोपों के जवाब में BSF के एक अधिकारी ने कहा- घुसपैठ कराकर हिंसा कराने की बात गलत है। बांग्लादेश बॉर्डर से कोई घुसपैठ नहीं हुई है। इधर पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठित कर दी है। टीम में नौ अधिकारी होंगे। मुर्शिदाबाद रेंज के DIG को टीम की कमान सौंपी गई है।

इमामों के बैठक में ममता के संबोधन की 3 बड़ी बातें

  1. मुझे मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में बांग्लादेश के शामिल होने की खबर मिली है। क्या बॉर्डर की सुरक्षा BSF की भूमिका नहीं है? राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा नहीं करती है। केंद्र सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
  2. मैं प्रधानमंत्री से अमित शाह पर नियंत्रण रखने का अनुरोध करूंगी, वह अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए लोगों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की। साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को BSF की भूमिका की जांच शुरू करने का निर्देश दिया।
  3. विपक्ष का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस वक्फ हिंसा में शामिल है। अगर हमारे नेता हिंसा में शामिल होते तो उनके घरों पर हमला नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कुछ मीडिया संस्थानों को पैसे देकर बंगाल को बदनाम करने के लिए अन्य राज्यों में हुई हिंसा के वीडियो प्रसारित करवा रही है।

बंगाल के 4 जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे

वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। गाड़ियां जलाईं, दुकानों-घरों में तोड़फोड़ कर लूट भी की गई थीं।

3 लोगों की मौत हुई। 15 पुलिसकर्मी घायल हुए। 300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। इनमें 300 BSF जवान हैं।

इधर, मुर्शिदाबाद हिंसा में पिता-पुत्र की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को अरेस्ट किया है। एक आरोपी बीरभूम और दूसरा बांग्लादेश बॉर्डर से पकड़ा गया है।

दावा- मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथी शामिल

15 अप्रैल को मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आया। न्यूज एजेंसी PTI ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश के दो कट्टरपंथी संगठनों जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) ने इसे अंजाम दिया था।

हिंसा में पिता-पुत्र की हत्या मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी बीरभूम और दूसरा बांग्लादेश बॉर्डर से पकड़ा गया है। इनके नाम कालू नदाब और दिलदार नदाब हैं। मुर्शिदाबाद हिंसा में 3 लोगों की मौत हुई, जबकि 15 पुलिसकर्मी घायल हैं। अब तक 300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों के 1600 जवान तैनात हैं।

लोग बोले- शांति चाहिए, BSF हटाई तो दिक्कत होगी

मुर्शिदाबाद में हिंसा के 5 दिन बाद हालात सामान्य हो गए हैं। प्रशासन ने कहा- हिंसा वाले शहर धुलियान में स्थिति नियंत्रण में है। लोग अब धीरे-धीरे काम पर लौट रहे हैं। धुलियान से पलायन कर चुके 500 से ज्यादा लोग अब वापस आ रहे हैं।

हिंसा प्रभावित शमशेरगंज के एक निवासी हबीब-उर-रहमान ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा- BSF और CRPF की तैनाती के बाद माहौल शांत है। प्रशासन ने हमसे दुकान खोलने और अनुशासन बनाए रखने को कहा है। कई लोगों ने BSF की स्थायी तैनाती की मांग भी की है। उनका कहना है कि अगर BSF हटी तो फिर से हालात खराब हो सकते हैं।

हिंसा की जांच के लिए NCW ने कमेटी बनाई

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मुर्शिदाबाद में हुई हालिया हिंसा की जांच के लिए एक जांच कमेटी बनाई है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर खुद हिंसा-प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी और पीड़ितों से मुलाकात करेंगी। NCW ने यह भी कहा है कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में भी हिंसा

  • 11 अप्रैल:- जम्मू-कश्मीर, हुर्रियत नेता नजरबंद श्रीनगर में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए। कुछ स्थानीय संगठनों और नेताओं ने कानून को अल्पसंख्यक अधिकारों के खिलाफ बताया। स्थिति तनावपूर्ण बनी तो हुर्रियत नेताओं को नजरबंद किया गया।
  • 12 अप्रैल:- त्रिपुरा, 18 पुलिसकर्मी घायल त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में 4 हजार लोगों की रैली हिंसक हुई। एसडीपीओ सहित कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने 18 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
  • 13 अप्रैल:- असम: सिलचर में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प असम के सिलचर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। मधुरबंद इलाके में बिना परमिशन हजारों लोग जुट गए। पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश की। पहले धक्का-मुक्की की, फिर पत्थर फेंके। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को भी लाठी चार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक और भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाए। तमिलगा वेट्री कज़गम (TVK) के अध्यक्ष और अभिनेता विजय ने वक्फ कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ऐलान, 87 दिन चलेगा प्रदर्शन

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू होकर 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी।

5 अप्रैल को राष्ट्रपति ने कानून को मंजूरी दी

वक्फ बिल 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी।

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था।