पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस शुक्रवार सुबह मुर्शिदाबाद और मालदा के लिए रवाना हो गए हैं। यहां अगले 2 दिन राज्यपाल हिंसा प्रभावित इलाकों और शरणार्थी शिविरों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा- मैं जमीनी स्थिति का जायजा लूंगा। वहां जो कुछ भी हुआ चौंकाने वाला है। किसी भी कीमत पर शांति स्थापित होनी चाहिए।
इससे पहले गुरुवार को CM ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था। ममता ने कहा- मैं गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें। राज्यपाल से कुछ और दिन प्रतीक्षा करने की अपील करूंगी। स्थिति सामान्य हो रही है। मैंने स्वयं प्रभावित इलाकों का फिलहाल दौरा नहीं करने का निर्णय लिया है।
उधर, हिंसा पर बंगाल सरकार ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है। इसमें ममता सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब नियंत्रण में हैं। जस्टिस सौमेन सेन और राजा बसु चौधरी की बेंच ने हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
वक्फ कानून के विरोध में 10-12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। गाड़ियां जलाईं, दुकानों-घरों में तोड़फोड़ कर लूट भी की गई थीं। 3 लोगों की मौत हुई। 15 पुलिसकर्मी घायल हुए। 300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं।
नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने याचिका दायर की थी
जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की बेंच नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने संवेदनशीलता को देखते हुए मुर्शिदाबाद में सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तैनाती बढ़ाने की मांग रखी।
जिले के सुती और समसेरगंज-धुलियान के अशांत इलाकों में फिलहाल केंद्रीय बलों की करीब 17 कंपनियां तैनात हैं। एक याचिका में हिंसा से विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी के लिए राज्य सरकार की तरफ से कदम उठाए जाने का अपील की।
इधर, बंगाल पुलिस ने जाफराबाद में हिंसक प्रदर्शन के दौरान पिता-पुत्र की हत्या करने वाले मास्टरमाइंड में से एक को गिरफ्तार किया है। आरोपी इंजामुल हक को गुरुवार को जिले के सुती से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले मामले में दो अन्य गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
कोर्ट बोला- कोई भी पार्टी भड़काऊ भाषण न दें
कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य सभी पक्षों को चेतावनी दी कि कोई भी भड़काऊ बयानबाजी न करे। कोर्ट ने कहा, “कृपया कोई भी भड़काऊ भाषण न दें। यह निर्देश सिर्फ किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है।”
दावा- मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथी शामिल
15 अप्रैल को मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आया। न्यूज एजेंसी PTI ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश के दो कट्टरपंथी संगठनों जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) ने इसे अंजाम दिया था।
विरोध प्रदर्शन की इजाजत, लेकिन राज्य को चेतावनी
हालांकि कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, “हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर रहे। लेकिन अगर राज्य सरकार इसकी अनुमति देती है, तो वह खुद समस्या को आमंत्रण दे रही है।”
हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए बनेगी कमेटी
कोर्ट ने कहा कि हिंसा से प्रभावित लोगों की पहचान और उनके लिए भोजन और रहने की व्यवस्था के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी। यह समिति राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (WBHRC) और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (SLSA) के प्रतिनिधियों से मिलकर बनेगी।
राज्य सरकार को पुनर्वास योजना बनाने का निर्देश
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा है कि वह हिंसा में प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास योजना बनाए। कोर्ट ने टिप्पणी की, “राज्य को उनके पुनर्वास और पुनर्स्थापना की योजना बनानी होगी। जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।”
इलाके की बिजली काटी, सीसीटीवी भी तोड़े
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने बताया कि इंजामुल न केवल हत्या की योजना बनाने में शामिल था, बल्कि उसने इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित करके और सीसीटीवी कैमरों को नष्ट करके सबूतों से छेड़छाड़ करने का अपराध भी किया।
पुलिस ने इसी हफ्ते हत्या के सिलसिले में दो भाइयों, कालू नवाब और दिलदार नवाब को गिरफ्तार किया था। कालू को भारत-बांग्लादेश सीमा के पास सुती में एक गांव से गिरफ्तार किया गया, जबकि दिलदार को झारखंड सीमा के पास बीरभूम के मुराराई से उठाया गया।
राज्य पुलिस ने मुर्शिदाबाद के डीआईजी सैयद वकार रजा के नेतृत्व में 11 सदस्यों वाली SIT भी बनाई है। जो जिले में इस और अन्य हिंसा के मामलों की जांच करेगी।
दंगों के सिलसिले में अब तक जिले भर में 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले चार दिनों में हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है। प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति लौट रही है। घरों से भागे 85 परिवार अब वापस आ गए हैं।
हिंसा की जांच के लिए NCW ने कमेटी बनाई
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मुर्शिदाबाद में हुई हालिया हिंसा की जांच के लिए एक जांच कमेटी बनाई है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर खुद हिंसा-प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी और पीड़ितों से मुलाकात करेंगी। NCW ने यह भी कहा है कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।