2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने ED की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा- ED की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का कोई सबूत नहीं मिला। इसलिए इस मामले को और आगे बढ़ाने का कोई भी कारण नहीं है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने कहा कि ED ने CBI के भ्रष्टाचार वाले केस के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। लेकिन CBI पहले ही भ्रष्टाचार के मामले में सभी आरोपियों को बरी कर चुकी है। साथ ही ED की जांच में भी अपराध का कोई सबूत नहीं मिला।
कोर्ट ने सभी आरोपियों की जांच को समाप्त किया कोर्ट ने पूर्व कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति (OC) के प्रमुख सुरेश कलमाड़ी, महासचिव ललित भनोट और अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को समाप्त कर दिया। इसी के साथ 15 साल पुराना CWG घोटाला केस समाप्त हो गया।
भ्रष्टाचार का सबूत नहीं मिलने पर CBI ने 2014 में क्लोजर रिपोर्ट लगाई थी कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन अक्टूबर 2010 में हुआ था। तमाम आरोपों और CAG रिपोर्ट के बाद CBI ने एक दर्जन से ज्यादा केस दर्ज किए। इसके बाद अप्रैल 2011 में सुरेश कलमाड़ी को CWG (OC) के प्रेसीडेंट पद से बर्खास्त किया गया। कुछ दिन बाद ही गिरफ्तारी हुई। फिर 9 महीने तक तिहाड़ जेल में रहे। हाईकोर्ट ने 19 जनवरी 2012 को जमानत दी थी।
CBI ने तब कहा था कि कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े ठेके गेम्स वर्कफोर्स सर्विस और गेम्स प्लानिंग, प्रोजेक्ट एण्ड रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज को दिए गए। इससे आयोजन समिति को 30 करोड़ का नुकसान हुआ था। हालांकि भ्रष्टाचार का सबूत नहीं मिलने पर CBI ने जनवरी 2014 में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 स्कैम केस की टाइमलाइन
- 2010: CBI भ्रष्टाचार और गलत तरीके से ठेके का आवंटन के आरोप में केस दर्ज किया।
- अप्रैल 2011: CWG ऑर्गनाइजिंग कमेटी के चीफ सुरेश कलमाड़ी पर ज्यादा कीमत पर ठेके बांटने का आरोप लगा। पद से बर्खास्त किया गया, फिर जेल हुई।
- मई 2011: CBI ने सुरेश कलमाड़ी, ललित भनोट और 9 अन्य के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की।
- जनवरी 2012: हाईकोर्ट ने सुरेश कलमाड़ी को जमानत दी।
- अगस्त 2012: ED ने CBI के भ्रष्टाचार और पैसों में हेर-फेर करने के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
- फरवरी 2013: CBI कोर्ट ने सुरेश कलमाड़ी और 9 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए।
- जनवरी 2014: भ्रष्टाचार का सबूत न मिलने की वजह से CBI ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की।
- 28 अप्रैल 2025: ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का सबूत नहीं मिलने के कारण क्लोजर रिपोर्ट फाइल की।
कांग्रेस बोली- झूठ का मायाजाल खत्म हुआ, धराशायी हो गया इस मामले के समाप्त होने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने BJP और आम आदमी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज झूठ का मायाजाल खत्म हुआ और धराशायी हो गया। उन्होंने BJP और AAP पर आरोप लगाया कि सत्ता में आने के लिए मनमोहन सिंह और शीला दीक्षित जैसी शख्सियतों को बदनाम किया गया। पीएम मोदी और अरविंद केजरीवाल को देश और दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए।