लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र बोले- मैडम टुकड़े-टुकड़े गैंग की मेंबर:प्रोफेसर के 8 विवादित पोस्ट सामने आए, PM-CJI पर आपत्तिजनक कमेंट किए

पाकिस्तान में वायरल हो रहीं लखनऊ यूनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के सुर देशद्रोह के केस के बाद बदल गए हैं। उन्होंने खुद को सच्चा देशभक्त बताया है। X पर लिखा- मैं कल भी अपने देश के साथ खड़ी थी, आज भी हूं और मरते दम तक रहूंगी।

इधर, लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र प्रोफेसर के खिलाफ तीन दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है- मैडम ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की मेंबर हैं। मानसिक आतंकवाद फैला रही हैं।

दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रोफेसर ने कहा था- धर्म पूछकर बुलडोजर चलाना आतंकवाद है। असली आतंकवाद को पहचानो। अगर सरकार इन सबकी जिम्मेदार नहीं है तो वह क्या कर रही है? इस बयान के खिलाफ सोमवार को ABVP से जुड़े छात्रों ने हसनगंज थाने में देशद्रोह समेत कुल सात धाराओं में FIR दर्ज करवाई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन के भीतर जवाब मांगा।

सबसे पहले प्रोफेसर की सफाई पढ़िए-

पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार से सवाल पूछने वाले वीडियो और ट्वीट के संदर्भ में मैं स्पष्टीकरण देना चाहती हूं। मेरे द्वारा किए गए ट्वीट और बनाए गए वीडियो में ‘आतंकवादी/आतंकी’ शब्द सिर्फ पाकिस्तान द्वारा समर्थित और प्रायोजित उन आतंकवादियों के लिए हैं, जिन्होंने पहलगाम में धर्म पूछकर भारतीयों की निर्मम हत्या की।

इन सभी आतंकवादियों और ऐसे पाकिस्तान समर्थित हमलों की जितनी निंदा की जाए, कम है। ऐसी विषम परिस्थिति में हम सभी को एकजुट रहने की सबसे अधिक आवश्यकता है। मेरा हर ट्वीट, हर वीडियो इसी बात को बार-बार दोहराता है और दोहराता रहेगा।

मुझे दुख है कि एक शिक्षक होते हुए भी मैं अपना आशय स्पष्ट नहीं कर पाई। भाषा-विज्ञान में डिग्री होने के बावजूद मेरी भाषा इतनी स्पष्ट नहीं हो पाई कि मेरा एकता का संदेश मेरे देशवासियों तक पहुंच सके।मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे पाकिस्तान से जोड़ा जाएगा।

इससे मेरी और मेरे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को चोट लगी है, हमारी छवि धूमिल हुई है। मेरी देशभक्ति पर प्रश्नचिह्न लग गया। मुझे खेद है कि मेरे शब्दों का अर्थ गलत समझा गया और आपको दुख पहुंचा। मैं कल भी अपने देश और देशवासियों के साथ खड़ी थी, आज भी हूं और मरते दम तक रहूंगी।

  • लखनऊ विश्वविद्यालय के बीए सेकेंड ईयर के छात्र विवेक मिश्रा कहते हैं- मैडम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को ‘कौवा’ कहकर संबोधित किया है। उन्होंने अपने हाथ पर ‘बेखौफ आज़ादी’ लिखवाया है और उससे जुड़ा पोस्ट भी प्रोफाइल में शेयर किया है। अगर मैडम को भारत से आजादी चाहिए तो उन्हें आजादी मिले। हमें ऐसे शिक्षकों से आजादी मिले। JNU का कल्चर लखनऊ विश्वविद्यालय में नहीं लाने दिया जाएगा।
  • छात्र रौनक तिवारी कहते हैं- मैडम मानसिक आतंकवाद फैला रही हैं, लेकिन उन्हें इस काम में आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा। उनका हर कदम पर विरोध होगा। देश पर कटाक्ष बर्दाश्त नहीं होगा। वे हमें कुछ भी कह लें, पर देश पर टिप्पणी करना तत्काल बंद करें।

    प्रोफेसर के समर्थन में उतरा छात्रों का दूसरा गुट

    असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी को नोटिस दिए जाने को लेकर छात्र संगठनों में रार छिड़ गई है। मंगलवार को ABVP और संयुक्त छात्र मोर्चा के गुट आमने-सामने थे। संयुक्त छात्र मोर्चा के बैनर तले NSUI, छात्र सभा, AISA समेत कई संगठनों ने शिक्षिका के पक्ष में प्रदर्शन और नारेबाजी की, जबकि दूसरी ओर ABVP के कार्यकर्ताओं ने प्रशासनिक भवन घेराव किया।

    क्रीड़ा परिषद के महासचिव का इस्तीफा

    इधर, LU क्रीड़ा परिषद के महासचिव प्रोफेसर अजय आर्या ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। वह भाषा-विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगने से नाराज थे। उन्होंने इस नोटिस को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। उन्होंने लेटर में लिखा- मैं ऐसे परिवेश में काम नहीं कर सकता हूं।