योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश ने कहा- भारत सरकार मुझे एक हथियार थमा दे। पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों को मारूंगा। पता नहीं चलेगा कि आतंकवादी कहां चले गए।
कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज सोज जैसे लोगों को पाकिस्तान में शरण ले लेनी चाहिए। जहां जाति और धर्म पूछकर मारा जा रहा हो, उस पर कांग्रेसी नेता इस तरीके के बयानबाजी कर रहे हैं। यह तो दुर्भाग्यपूर्ण है।
दरअसल, सैफुद्दीन सोज ने कहा था- अगर पाकिस्तान यह रुख अपनाता है कि पहलगाम हमले में उसका हाथ नहीं है, तो हमें पाकिस्तान की बात मान लेनी चाहिए।
अखिलेश के पोस्टर विवाद पर कहा- ये पोस्टर मैन
राजभर ने कहा- अखिलेश यादव ने सपा में अलग-अलग उपाधि के लोग पाले हैं। एक पोस्टर मैन है, अभी उनका बयान आया कि लाल सेना की संज्ञा बता रहे थे। लाल सेना वाले को हमने रोका। ये तो पोस्टर मैन हैं। ये दिन भर सोते हैं, रात को जगते हैं। पोस्टर लगाते हैं। फिर छिछालेदर करा करके घर में घुस जाते हैं।
ये सपा 2012 से पहले मंचों से कहा करती थी कि जो बाबा साहब के नाम पर लखनऊ में अंबेडकर पार्क बना है। हमारी सरकार आएगी तो इसको गिराएंगे और वहां पर शौचालय बनाएंगे। प्रमोशन में आरक्षण सपा ने खत्म किया। लाखों लोग नौकरी छोड़ दिए, कितने लोग आत्महत्या कर लिए, कितने लोगों का डिमोशन हो गया।
सपा गरीबों का हक लूटने वाली पार्टी
सपा ने गरीबों शोषित वंचितों के लिए बनी योजनाओं को समाप्त किया। सपा पिछड़ों का, दलितों का, गरीबों का हक छीनने वली पार्टी है। इसलिए ये सब करने से दलित वोटर कतई नहीं प्रभावित होगा। समाजवादी पार्टी पिछड़ों, दलितों का हक लूटने वाली पार्टी है।
बसपा ने जो अपने समाज के लिए किया, वह सपा कभी नहीं कर पाएगी
सपा को भ्रम है। मैं उदाहरण आपको बता दे रहा हूं। कटेहरी का चुनाव वहां सांसद समाजवादी पार्टी का जीता और सांसद जीतने के बाद बाय इलेक्शन में कुछ नहीं मिला। अगर आप बहुजन समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी का वोट जोड़ दीजिए तो एक जगह है। सत्ता में रह रहकर बहुजन समाजवादी पार्टी ने जो अपने समाज के लिए काम किया, उसका 1000 वां हिस्सा भी समाजवादी पार्टी नहीं कर पाएगी। जब तक मायावती जी रहेगी तब तक ये लोग केवल स्वप्न ही देखते रहें।
अफजाल अंसारी ने कहा- पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि पहलगाम में विदेशी आतंकवादियों ने मासूम पर्यटकों की जघन्य हत्या की। आतंकवादियों ने अपनी घातक योजना के तहत नाम और धर्म पूछ कर हत्या की। काश्मीर का एक स्थानीय नागरिक आतंकवादियों और पर्यटकों के बीच ढाल बन कर खड़ा हुआ और जान गवांयी। स्थानीय कश्मीरियों ने पर्यटकों को सुरक्षित बचने में मदद की।
बड़ा सवाल ये है कि सरकार ने बार-बार कहा था कि कश्मीर में परिंदा पर नहीं मार सकता। ये इंटेलिजेंस और सरकार का बड़ा फेल्योर है कि आतंकवादियों ने इतनी बड़ी घटना की। जहां 2 हजार पर्यटक थे, वहां एक भी सुरक्षा कर्मी नहीं था। इस सवाल को लेकर पूरे देश मे व्याकुलता है।
पुलवामा की घटना अभी रहस्य पुलवामा की घटना में भी ऐसा ही हुआ था। पुलवामा की घटना अभी भी रहस्य है, उसका सच सामने नहीं आया। ये बहुत बड़ी जवाबदेही है, हमारे सुरक्षा तंत्र की,गृह मंत्रालय की। पहलगाम की घटना के बाद पीएम पटना में चुनाव रैली कर रहे थे।
ऐसी स्थिति में देश मे बहुत गुस्सा और चिंता है। लोग कह रहे है कि जातीय जनगणना के फैसला शिगूफा तो नहीं। पहलगाम की खबर को पटल से हटाने के लिए ये फैसला बस शिगूफा न हो। जातीय जनगणना पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से होनी चाहिए।