बांग्लादेश की राजनीति धीरे-धीरे चुनावों की ओर बढ़ रही है, हालांकि अभी तक चुनाव की आधिकारिक तारीख तय नहीं हुई है। देश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने संकेत दिया है कि चुनाव इस वर्ष दिसंबर या अगले वर्ष जनवरी में हो सकते हैं।
शेख हसीना की अवामी लीग और खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) जैसी पारंपरिक पार्टियां इसकी तैयारी में लगी हुई हैं। वहीं छात्र आंदोलन से उभरे नए राजनीतिक दल ‘नेशनल सिटिजन पार्टी’ (NCP) ने भी खुद को एक अहम ताकत के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया है।
BNP और जमात-ए-इस्लामी ने सभी 300 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी का दावा किया है। BNP नेता खालिदा जिया सोमवार को लंदन से बांग्लादेश आने वाली हैं।
छात्रों ने हसीना की पार्टी पर बैन की मांग रखी
बांग्लादेश की राजनीति में इस बार छात्र संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती दिख रही है। नेशनल सिटिजन पार्टी ने कॉलेज और गांवों में सक्रियता से अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी है।
NCP ने यह साफ कर दिया है कि जब तक अवामी लीग को प्रतिबंधित नहीं किया जाता और चुनावी सुधार नहीं होते, वह इस चुनाव को मान्यता नहीं देगा। जमीनी स्तर पर संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने के लिए एनसीपी लगातार सभाएं कर रही है और कट्टरपंथी धार्मिक दलों के साथ गठजोड़ भी कर रही है।
दक्षिणी क्षेत्र के प्रमुख आयोजक हसनत अब्दुल्ला के मुताबिक, “सुधार और अवामी लीग पर प्रतिबंध के बिना चुनाव नहीं हो सकते। हम समानांतर रूप से दोनों लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं।’ एनसीपी का यह रुख आने वाले चुनावों में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
अवामी लीग को प्रत्याशियों की हत्या का डर अवामी लीग भी चुनाव को लेकर तैयारियां कर रही है। लेकिन शीर्ष नेता और पूर्व पीएम शेख हसीना के भारत जाने के बाद से पार्टी नेतृत्व के संकट से जूझ रही है। पार्टी को प्रतिबंध की आशंका है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, सभी 300 सीटों के लिए वैकल्पिक उम्मीदवारों की सूची तैयार की जा चुकी है। हालांकि, पार्टी नेताओं की हत्या और गिरफ्तारी को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है।
संगठन के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, यदि निष्पक्ष चुनाव कराए जाते हैं, तो पार्टी परीक्षा देने को तैयार है। लेकिन मौजूदा सरकार की नीयत पर संदेह लगातार बना हुआ है, जिससे पार्टी की रणनीति चुनौतीपूर्ण होती जा रही है।
बीएनपी ने रैलियां शुरू कीं, शीर्ष नेतृत्व गायब खालिदा की बीएनपी ने सभी 300 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है। पार्टी की छात्र शाखा विश्वविद्यालय परिसरों में सक्रिय है और लगातार सभाएं आयोजित कर रही है।
बीएनपी की प्रवक्ता फरजाना शारमिन पुतुल के अनुसार, पार्टी मानसिक रूप से चुनाव के लिए तैयार है। हालांकि, पार्टी पर जमीनी स्तर पर धन उगाही और राजनीतिक दबदबे के आरोप लगे हैं।
पार्टी के संभावित नेता तारिक रहमान की वापसी को लेकर असमंजस बना हुआ है, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। पार्टी महासचिव मिर्जा फखरुल और रुहुल कबीर रिजवी ने वर्तमान सरकार के अधीन निष्पक्ष चुनाव को लेकर संदेह जताया है।