पंजाब-हरियाणा पानी विवाद: CM मान नंगल डैम के लिए रवाना:BBMB चेयरमैन को बंधक बनाया, आम आदमी पार्टी के समर्थकों का प्रदर्शन शुरू

पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी विवाद के बीच पंजाब CM भगवंत मान नंगल डैम जा रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि बीती रात ‌‌BBMB के एक अधिकारी ने नंगल डैम से जबरन पानी छोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

पंजाब के CM के साथ एजी पंजाब भी जा रहे हैं। वहीं BBMB के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी भी भाखड़ा नंगल डैम पहुंचे है। लेकिन उन्हें डैम में नहीं जाने दिया गया। इसके बाद वह सतलुज ​​​​​​भवन में पहुंचे। इसके बाद सतलुज भवन के मेन गेट पर शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस अपने समर्थकों सहित पहुंचे। साथ ही उन्होंने सदन के मेन गेट ताला लगा दिया और आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

प्रस्ताव पास, हरियाणा काे नहीं देंगे अतिरिक्त पानी 5 मई को पंजाब विधानसभा के स्पेशल सेशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ है कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाएगा। BBMB इस तरह के आदेश पंजाब सरकार पर न थोपे। दूसरी तरफ 7 मई को इस मामले से जुड़ी याचिका की सुनवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को भाखड़ा नंगल डैम और लोहड़ कंट्रोल रूम वाटर रेगुलेशन कार्यालयों में तैनात पुलिस कर्मियों को दैनिक कामकाज से दूर रखने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिए गए आदेशों का पालना करें।

हालांकि पंजाब भाखड़ा डैम पर अगर पुलिस सिक्योरिटी बढ़ाना चाहता है तो बढ़ा सकता है, लेकिन ऑपरेशन सिस्टम में हस्तक्षेप न करे।

ऐसे शुरू हुआ था विवाद दरअसल, पंजाब-हरियाणा पानी विवाद की शुरुआत 28 अप्रैल को हुई थी, जब भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में पंजाब ने साफ कर दिया कि वह हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देंगे। पंजाब CM के वीडियो के बाद मामला सुर्खियों में आया यह मामला 29 अप्रैल को दोपहर में सुर्खियों में आया, जब सीएम पंजाब भगवंत मान ने एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि हम पानी की एक भी बूंद हरियाणा को नहीं देंगे। केंद्र की भाजपा सरकार ऐसा कर चाल चल रही है। इसी दिन शाम को BBMB की तरफ से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया, जिसमें पंजाब सरकार के फैसले के बारे में बताया गया। इसी दिन शाम हरियाणा सरकार ने BBMB को पत्र लिखकर रूल्स 1974 की धारा-7 के तहत फैसला लेने को कहा था। पानी देने के आदेश दिए, रात में बदला डायरेक्टर 30 अप्रैल को BBMB ने पंजाब सरकार को हरियाणा को 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के आदेश दिए थे। उस समय आदेश दिया गया था कि मानवता के आधार पर पानी दिया जाए। हालांकि, इस मीटिंग में काफी हंगामा हुआ था। इसमें हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और सिंध कमीशन ने हरियाणा को पानी देने के लिए वोट का इस्तेमाल किया। अधिकारी मीटिंग छोड़कर आ गए थे। इस मीटिंग के बाद देर रात ही पंजाब कोटे से भाखड़ा डैम के डायरेक्टर वाटर रेगुलेशन पर तैनात आकाशदीप को हटाकर हरियाणा के संजीव कुमार को डायरेक्टर लगाया गया। 1 मई को इस मामले में राजनीति हुई इसके बाद BBMB के कुछ और अधिकारियों की ट्रांसफर की गई। सचिव सुरिंदर सिंह मित्तल को हटा दिया गया, जो हरियाणा कोटे के थे। जबकि राजस्थान के इंजीनियर बलबीर सिंह को डायरेक्टर सुरक्षा सचिव का चार्ज दिया गया। इसके बाद इंजीनियर राजीव सैनी को चेयरमैन का ओएसडी लगाया गया। पंजाब की तरफ नंगल डैम में पुलिस तैनात कर दी गई। CM भगवंत मान और एजुकेशन मिनिस्टर हरजोत बैंस वहां पहुंचे। डैम से जहां से पानी छोड़ जाता है, वहां कंट्रोल रूम पर ताला लगा दिया गया। साथ ही पानी बंद कर दिया गया। इस दौरान पूरे पंजाब में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया। शाम को सर्वदलीय मीटिंग और 5 मई को स्पेशल सेशन बुलाने का फैसला लिया गया।

2 मई को ऑल पार्टी मीटिंग हुई पंजाब सीएम भगवंत मान की अगुआई में ऑल पार्टी मीटिंग हुई। इसमें सबने तय किया कि हरियाणा को पानी नहीं देंगे। साथ ही इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टाइम लेकर सारे नेता मिलकर इस मामले को उठाएंगे। इसी दिन गृह विभाग के सचिव गोबिंद मोहन ने पंजाब और हरियाणा से डेढ़ घंटे तक नई दिल्ली मीटिंग की। दोनों राज्यों को जिद छोड़ने को कहा गया और मीटिंग बुलाने को कहा गया। 3 मई – बीबीएमबी की मीटिंग 3 मई को बीबीएमबी की तरफ से चंडीगढ़ से पानी के मुद्दे पर मीटिंग की गई। मीटिंग का पंजाब ने बायकॉट किया। पंजाब सरकार ने कहा कि बीबीएमबी को मीटिंग तय करने से पहले रेगुलेशन 1976 की धारा 7 के तहत 7 दिन का नोटिस जरूरी होता है। मीटिंग स्थगित करने के लिए कहा गया। सूत्रों से पता चला है कि मीटिंग में तय हुआ कि BBMB के चेयरमैन इस मामले में पंजाब से मीटिंग करेंगे और मामले को निपटाने की कोशिश करेंगे।

हरियाणा में इस मामले में क्या हुआ जैसे ही 29 अप्रैल को पंजाब के सीएम भगवंत मान का वीडियो रिलीज हुआ और कहा कि हरियाणा को पानी नहीं देंगे, इसके बाद हरियाणा सीएम की तरफ से बयान आया कि पंजाब सीएम इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की। 30 अप्रैल को हरियाणा सरकार का कदम 30 अप्रैल को हरियाणा सरकार ने धारा सात के तहत यह मामला केंद्रीय सरकार को भेजने को कहा। हालांकि, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर का बयान आया कि पंजाब इस मामले में राज धर्म नहीं निभा रहा है। पंजाब सीएम ने हरियाणा सीएम को पत्र लिखा और कहा कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के लिए नहीं है। इस दौरान हरियाणा सीएम ने कहा कि उनके यहां भी पानी बनेगा। 1 मई को पानी का संकट गहराया 1 मई को हरियाणा के दस से अधिक जिलों में पानी का संकट गहरा गया। सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए और पानी के वैकल्पिक इंतजाम के आदेश दिए। 2 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय की मीटिंग 2 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मीटिंग की, लेकिन मीटिंग बेनतीजा रही। 3 मई को ऑल पार्टी मीटिंग 3 मई को हरियाणा ने ऑल पार्टी मीटिंग की, और सभी पार्टियां एकजुट हुईं। 4 मई को रणदीप सिंह सुरजेवाला का बयान 4 मई को हरियाणा कांग्रेस के सीनियर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हरियाणा के दस जिले पानी की दिक्कत में हैं। टैंकर माफिया हावी हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए और बीबीएमबी पर सीआईएसएफ तैनात की जानी चाहिए।