ट्रम्प से कतर में मिले मुकेश अंबानी:US-कतर के बीच ₹100 लाख करोड़ की डील; आज UAE के दौरे पर रवाना होंगे अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से बुधवार को कतर में भारतीय बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने हाथ भी हिलाया। मुकेश अंबानी कुछ देर रुककर ट्रम्प से बात करते हुए भी नजर आए।

इससे पहले कल रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कतर के अमीर शेख तामिन बिन हमद अल-थानी के बीच बुधवार को दोहा में 1.2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 100 लाख करोड़ रुपए) की अलग-अलग डील हुई।

व्हाइट हाउस के मुताबिक इसमें दोनों देशों के बीच 243 अरब डॉलर (करीब 20 लाख करोड़ रुपए) की फाइनेंशियल डील भी शामिल है।

इस फाइनेंशियल डील में कतर एयरवेज द्वारा बोइंग विमानों की खरीद, हथियारों की खरीद, नेचुरल गैस और क्वांटम टेक्नोलॉजी से जुड़े सौदे शामिल हैं।

कतर एयरवेज ने बोइंग और जीई एयरोस्पेस के साथ 210 मेड इन अमेरिका ‘बोइंग 787 ड्रीमलाइनर’ और ‘777X’ विमानों की खरीद का समझौता किया। इसकी वैल्यू 96 अरब डॉलर (करीब 8 लाख करोड़ रुपए) है।

अमेरिका और कतर में 4 प्रमुख समझौते

  • कतर एयरवेज का बोइंग और जीई एयरोस्पेस के साथ 210 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर और 777X विमान खरीद का समझौता।
  • कतर और अमेरिका के बीच MQ-9B ड्रोन की खरीद के लिए औपचारिक समझौता प्रक्रिया पूरी। इसकी वैल्यू 2 अरब डॉलर है।
  • दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए एक औपचारिक दस्तावेज पर सहमति जताई।
  • अमेरिका और कतर आपसी सहयोग मजबूत करने के लिए एक जॉइंट डिक्लेरेशन पर सहमत।

आज UAE दौरे पर पहुंचेंगे ट्रम्प

ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल के पहले विदेशी दौरे के तहत बुधवार को सऊदी अरब के बाद कतर पहुंचे। कतर के अमीर ने खुद ट्रम्प को दोहा एयरपोर्ट पर रिसीव किया। उनका रेड साइबर ट्रक और ऊंटों से स्वागत हुआ।

अपने मिडिल ईस्ट दौरे के आखिरी दिन यानी आज ट्रम्प UAE पहुंचेंगे। यहां वो UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर और एनर्जी से जुड़े मुद्दों पर डील हो सकती है।

सऊदी में सीरियाई राष्ट्रपति से मिले ट्रम्प इससे पहले ट्रम्प ने रियाद में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा उर्फ अबु मोहम्मद अल-जुलानी के साथ मुलाकात की थी। ‌‌BBC की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 के बाद पहली बार है जब अमेरिका और सीरिया के राष्ट्र प्रमुख की मुलाकात हुई।

अमेरिका ने जुलानी पर 1 मिलियन डॉलर (करीब 85 करोड़ रुपए) का इनाम रखा था, लेकिन पिछले साल दिसंबर में जुलानी के अंतरिम राष्ट्रपति बनने के बाद यह इनाम हटा लिया गया था।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के मुताबिक ट्रम्प ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा को 5 निर्देश दिए…

  1. इजराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने के लिए अब्राहम अकॉर्ड पर दस्तखत करना
  2. सारे विदेशी आतंकियों को सीरिया छोड़ने का आदेश देना
  3. ‘फिलिस्तीनी आतंकियों’ को देश से बाहर निकालना
  4. इस्लामिक स्टेट को फिर से सक्रिय होने से रोकना
  5. सीरिया के पूर्वी इलाके में ISIS से जुड़े हिरासत केंद्रों की जिम्मेदारी संभालना

ट्रम्प ने सीरिया पर लगे सभी बैन हटाए डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को सीरिया पर लगाए गए सभी बैन हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने तुर्किये और सऊदी अरब की अपील पर ऐसा किया था। सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंध हटाने का जश्न देशभर में मनाया जा रहा है। लोग सड़कों पर देश के झंडे के साथ खुशियां मना रहे हैं।

दरअसल, सीरिया में पिछले साल दिसंबर में बशर अल असद का तख्तापलट किया गया था। असद के समय सीरिया को ईरान का समर्थन माना जाता था। तख्तापलट के बाद विद्रोही गुट तहरीर अल शाम (HTS) के लड़ाकों ने सरकार बनाई है।

ट्रम्प ने भारत-PAK सीजफायर का फिर क्रेडिट लिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट लिया। मंगलवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में ट्रम्प ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीजफायर में मध्यस्थता के लिए मैंने काफी हद तक बिजनेस का इस्तेमाल किया।

सऊदी-अमेरिका इन्वेस्टमेंट फोरम में ट्रम्प बोले, ‘मैंने भारत-पाक से कहा कि चलो दोस्तों, एक डील करते हैं। कुछ बिजनेस करते हैं। परमाणु मिसाइलों का व्यापार नहीं करते। बल्कि उन चीजों का बिजनेस करते हैं, जिन्हें आप इतनी खूबसूरती से बनाते हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को भी भारत-पाक सीजफायर का क्रेडिट खुद को दिया था। उन्होंने कहा था कि मैंने दोनों देशों को समझाया कि अगर लड़ाई नहीं रोकी तो ट्रेड नहीं करेंगे।

ट्रम्प ने रियाद में कहा;-

मेरा सबसे बड़ा सपना शांति स्थापित करने का है। मैं विभाजन नहीं, एकता चाहता हूं। मुझे युद्ध पसंद नहीं है।

बुधवार को कतर पहुंचे ट्रम्प

डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति बनने के बाद मंगलवार को अपने पहले आधिकारिक विदेशी दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे थे। ट्रम्प चार दिन के लिए मिडिल ईस्ट दौरे पर हैं। रियाद में बुधवार को अमेरिका और गल्फ कॉर्पोरेशन काउंसिल (GCC) के बीच गल्फ समिट हुई।

इस समिट का आयोजन सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने किया। इसमें सऊदी अरब, UAE, बहरीन, कुवैत, ओमान, और कतर के प्रतिनिधि शामिल हुए। गल्फ समिट में हिस्सा लेने के बाद ट्रम्प कतर पहुंचे। वे दौरे के आखिरी दिन UAE पहुंचेंगे।

ट्रम्प ने MBS के साथ 12 लाख करोड़ रुपए की डील साइन की

अमेरिका और सऊदी अरब ने मंगलवार को 142 अरब डॉलर (12.1 लाख करोड़ रुपए) की डिफेंस डील साइन की है। व्हाइट हाउस ने इसे इतिहास की सबसे बड़ी डिफेंस डील बताया है।

इस समझौते में सऊदी अरब को C-130 ट्रांसपोर्ट विमान, मिसाइलें, रडार सिस्टम और कई एडवांस हथियार दिए जाएंगे। ये लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, और नॉर्थरॉप ग्रुम्मन जैसी अमेरिकी कंपनियों से मिलेंगे।

मंगलवार को क्राउन प्रिंस MBS से मुलाकात के बाद ट्रम्प ने रियाद में सऊदी-अमेरिका इन्वेस्टमेंट फोरम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सऊदी और अमेरिका के बीच 80 साल की साझेदारी का जिक्र किया।

ट्रम्प ने 2017 में सऊदी जाकर परंपरा तोड़ी

अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा-मेक्सिको या फिर यूरोपीय देश की यात्रा करने की परंपरा है। बराक ओबामा ने पहले विदेशी दौरे पर कनाडा की यात्रा की थी। उनसे पहले जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अपने पहले विदेशी दौरे पर मेक्सिको की यात्रा की थी।

ट्रम्प ने 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले सऊदी अरब पहुंच कर इस परंपरा को तोड़ा था। पिछले राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने पहले दौरे पर ब्रिटेन गए थे।

दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर ट्रम्प ने सबसे पहले MBS को फोन किया

ट्रम्प ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले सऊदी प्रिंस सलमान को ही फोन किया था। शपथ ग्रहण के कुछ दिन बाद ट्रम्प से उनके पहले विदेशी दौरे को लेकर मीडिया ने सवाल किया था।

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि जो देश अमेरिका में सबसे ज्यादा निवेश करेगा, वे वहां का पहला दौरा करेंगे।

इसके बाद सऊदी सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि उनका देश अगले चार सालों के भीतर अमेरिका में 600 अरब डॉलर (50 लाख करोड़ रुपए) के निवेश के लिए तैयार है।

हालांकि, ट्रम्प ने कहा था कि वो इसे बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर होते देखना चाहते हैं, जिसमें ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी मिलिट्री इक्विपमेंट की खरीद भी शामिल है।

सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड और पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) में 925 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम है। सऊदी ने इसके जरिए पहले ही अमेरिका में कई इन्वेस्टमेंट कर रखे हैं। वहीं, UAE ने भी अगले 10 साल में अमेरिका के AI, सेमीकंडक्टर, एनर्जी और इन्फ्रा सेक्टर में 1.4 ट्रिलियन डॉलर निवेश करने की इच्छा जताई है।