हरियाणा-पंजाब पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने 3 और पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों भी देश की खुफिया जानकारी विभिन्न माध्यमों से पाकिस्तान भेज रहे थे। जासूसी के मामले में दोनों राज्यों से 9वां मामला पकड़ में आया है।
हरियाणा के नूंह में पकड़े गए आरोपी की पहचान तावडू उपमंडल के गांव कांगरका से तारीफ पुत्र हनीफ के रूप में हुई। उससे एक मोबाइल भी बरामद हुआ है, जिसमें कई संदिग्ध वीडियो, फोटो और डेटा बरामद हुआ है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
नूंह में तीन दिन पहले (16 मई) को भी एक जासूस अरमान को पकड़ा गया था। उधर, पंजाब के गुरदासपुर में भी दो युवकों को पकड़ा गया है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के हैंडलर्स के सीधे संपर्क में थे।
सोशल मीडिया अकाउंट पर रखी जा रही थी नजर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से लगातार केंद्रीय जांच एजेंसियां उन लोगों पर नजर रखे हुए है जो पाकिस्तान की यात्रा कर चुके है या हाल फिलहाल में वहां से लौटे है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखी जा रही है। पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि इसी कड़ी में तावडू उपमंडल के गांव कांगरका के तारीफ पुत्र हनीफ की गतिविधियां भी संदिग्ध मिली। इसके बाद रविवार शाम को तारीफ को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही रविवार को ही मामले में नूंह पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 और देशद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। तारीफ के साथ पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी नागरिक आसिफ बलोच और जाफर के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।
इससे पहले पकड़ा गया था राजा का गांव का अरमान 16 मई 2025 को ही हरियाणा पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने राजा का गांव से अरमान को भी गिरफ्तार किया था। अरमान ने पाकिस्तानी एजेंटों के निर्देश पर भारतीय सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। 2025 में डिफेंस एक्सपो की साइट का दौरा किया था। दो बार पाकिस्तान जा चुका है। 2023 से भारत स्थित पाकिस्तानी एम्बेसी के अधिकारी दानिश के संपर्क में था। उसे खुफिया जानकारियां भेज रहा था। पुलिस को अरमान के पास से एक फोन मिला है। फिलहाल वह 6 दिन के पुलिस रिमांड पर है।
पंजाब के गुरदासपुर से भी दो को युवकों को पकड़ा पंजाब के गुरदासपुर पुलिस ने भी जासूसी विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सैन्य जानकारी भेजने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डीजीपी गौरव यादव ने सोमवार को बताया कि आरोपियों की पहचान सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह के रूप में हुई है। सुखप्रीत आदियां का रहने वाला है, जबकि करणबीर चंदूवडाला का निवासी है। दोरांगला पुलिस थाने में गोपनीयता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जांच जारी है और इस दौरान अन्य महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक कर रहे थे डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि दोनों आरोपी ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक कर रहे थे। इसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेना की आवाजाही तथा महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों की जानकारी शामिल थी। पुलिस ने आरोपियों से 3 मोबाइल फोन और 30 बोर के 8 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। मोबाइल की फोरेंसिक जांच से पुष्टि हुई है कि आरोपी आईएसआई हैंडलर्स के सीधे संपर्क में थे। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तान को भेजी थी।