वाराणसी में इलाज करा रहे नक्सली का भतीजा गिरफ्तार:रिमांड पर झारखंड पुलिस साथ ले गई, नक्सली कमांडर अखिलेश पुलिस निगरानी में भर्ती

वाराणसी के लंका में साइन मेडिसिटी अस्पताल में छिपकर इलाज करवा रहे नक्सली अखिलेश के भतीजे आकाश को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अखिलेश अपने चाचा को गोली लगने के बाद वाराणसी लेकर भाग आया था, जहां छिपकर उसका इलाज करवा रहा था। झारखंड पुलिस आकाश को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर गुरुवार की रात झारखंड को रवाना हो गई।

वहीं झारखंड के पलामू के कुख्यात नक्सली अखिलेश का लंका पुलिस की निगरानी में इलाज किया जा रहा है। उसके सही होने के बाद उसे भी झारखंड पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर गिरफ्तार कर झारखंड ले जाएगी।

पुलिस से बचाकर चाचा को लाया था वाराणसी इस संबंध में ACP भेलूपुर इशांत सोनी ने बताया- नरिया के रोहित नगर स्थित मेडिसिटी अस्पताल में झारखंड के नक्सली के इलाज कराने की सूचना मिली थी। उसे पेट में गोली लगी थी, जो उसकी कमर को छेदते हुए बाहर निकल गई थी। इस सूचना के बाद झारखंड पुलिस के साथ जब दबिश दी गई तो मामला खुल गया। नक्सली कमांडर अखिलेश को उसका भतीजा आकाश पलामू से वाराणसी लेकर आया था और इलाज करवा रहा था।

भतीजे आकाश को झारखंड पुलिस ने किया गिरफ्तार एसीपी ने बताया- बुधवार को ही भतीजे आकाश को झारखंड पुलिस ने हिरासत में लेकर लंका पुलिस को सौंप दिया था। इसके बाद उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर गिरफ्तार करते हुए झारखंड पुलिस झारखंड के लिए रवाना हो गई। भतीजा आकाश भी नक्सलियों को उनके ऑपरेशन में मदद करता था।

अखिलेश का चल रहा इलाज नक्सली अखिलेश का साईं मेडिसिटी अस्पताल में लंका पुलिस की सख्त निगरानी में इलाज चल रहा है। ACP ने बताया – उसके ठीक होने पर झारखंड पुलिस उसे भी ट्रांजिट रिमांड पर झारखंड ले जाएगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल के ऊपर कार्रवाई के लिए CMO को पुलिस की तरफ से लेटर लिखा जाएगा।

पलामू में हुई थी नक्सलियों और पुलिस की मुठभेड़ 17 मई को झारखंड के पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के बंसकटिया जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में नक्सली संगठन टीएसपीसी का सब जोनल कमांडर अखिलेश कुमार गोली लगने से घायल हुआ था। घायल अखिलेश को उसका भतीजा आकाश लेकर वाराणसी पहुंचा था और गुपचुप तरीके से इलाज करवा रहा था।

15 मई से टीम जांच कर रही थी झारखंड के IG रांची के निर्देश पर नक्सल प्रभावित एरिया में 15 मई की रात नक्सलियों की मौजूदगी पर सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। सूचना मिली कि जंगल इलाके में TSPC (प्रतिबंधित माओवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति) का जोनल कमांडर शशिकांत (10 लाख का इनामी), 5 लाख के इनामी मुखदेव शंभु सिंह, नगीना, गौतम और 7-8 अन्य सदस्य रुके हैं। मनातू थाना क्षेत्र के जसपुर जंगल में बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी है।

पुलिस ने जसपुर जंगल की घेराबंदी की तो 16 मई की सुबह मुठभेड़ शुरू हो गई। 17 मई की सुबह तक मनातू के बंसकटिया जंगल में पुलिस को देखते ही TSPC नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।

पुलिस ने सरेंडर की चेतावनी दी, लेकिन नक्सलियों ने फायरिंग जारी रखी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोलीबारी की। कई नक्सलियों को गोली लगी तो कुछ मामूली चोटिल हो गए।

पुलिस बल के दबाव के कारण नक्सली घने जंगल और पहाड़ी क्षेत्र का फायदा उठाकर भाग निकले। मुठभेड़ में TSPC का सबजोनल कमांडर अखिलेश यादव उर्फ गौतम यादव पुलिस की गोली से घायल हो गया। लेकिन, मौके से साथी उसको भी उठा ले गए। वहीं, गोली पेट के रास्ते पीठ की तरफ निकल गई थी। उसके पेट में काफी मात्रा में खून जमा था। इसका ऑपरेशन डॉक्टरों द्वारा किया गया, जो डाक्टरों की देखरेख में आईसीयू में अपना इलाज करा रहा है।

रात को भतीजे के साथ कार में छिपकर वाराणसी आया अखिलेश झारखंड के गढ़वा निवासी नक्सली अखिलेश ने 17 मई की शाम वाराणसी में किसी से बात की। भतीजे आकाश की कार में छिपकर वाराणसी के लिए रवाना हो गया। पुलिस चेकिंग और बैरियर पर गलत नाम पता बताते हुए दोनों वाराणसी आ गए। साईं मेडिसिटी लंका में मिथलेश कुमार के नाम से भर्ती हो गया।

पुलिस ने पलामू और गढ़वा में तलाश की, तो उसके भतीजे आकाश के यूपी जाने की जानकारी मिली। आकाश का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया तो तीन दिन से वाराणसी के लंका में लोकेशन पता चली। पुलिस ने साईं मेडिसिटी पहुंचकर पड़ताल की, तो मिथलेश कुमार यादव का नाम मिला। इसके बाद आकाश और अखिलेश तक पुलिस पहुंच गई।