लखनऊ में IRS अफसर का गला दबाया, मुक्के मारे:साथी अफसर ने प्राइवेट पार्ट पर जूतों से हमला किया, हत्या के प्रयास की FIR दर्ज

लखनऊ के इनकम टैक्स ऑफिस में IRS अधिकारी गौरव गर्ग पर एक अन्य IRS अधिकारी योगेंद्र मिश्रा ने जानलेवा हमला किया। एफआईआर में गौरव गर्ग ने बताया कि योगेंद्र मिश्रा अचानक ऑफिस में घुस आए और उन पर हमला कर दिया। ऑफिस में उन्होंने गला दबाने का प्रयास किया।

कांच के गिलास को फेंककर मारा और चेहरे पर मुक्के भी मारे। यही नहीं, उन्होंने जूतों से उनके प्राइवेट पार्ट पर भी हमला किया। इस हमले के पीछे की वजह यह थी कि एक क्रिकेट मैच में योगेंद्र मिश्रा को नहीं खिलाया गया था। तब उन्होंने अन्य खिलाड़ियों को भी धमकाया था। उनकी इसी हरकत के चलते उनका ट्रांसफर लखनऊ से उत्तराखंड कर दिया गया था। तभी से वह नाराज़ चल रहे थे।

हमले के बाद डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग को पुलिस ने सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, गौरव गर्ग की स्थिति फिलहाल स्थिर है। पूरी घटना गुरुवार शाम हजरतगंज स्थित आयकर विभाग की छठी मंजिल पर हुई। गौरव गर्ग IPS अफसर रविना त्यागी के पति हैं।

ACP हजरतगंज विकास जायसवाल ने बताया कि आरोपी अफसर योगेंद्र मिश्रा पर हत्या के प्रयास के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराएं लगाई गई हैं। मामले की जांच जारी है।

सबसे पहले पढ़िए डिप्टी कमिश्नर ने FIR में क्या लिखा-

मैं गौरव गर्ग निवासी ऑफिसर्स कॉम्प्लेक्स लखनऊ का रहने वाला हूं। वर्तमान में प्रत्यक्ष कर भवन में डिप्टी कमिश्नर हूं। फरवरी 2025 में बीबीडी क्रिकेट ग्राउंड में क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ, जिसमें आयकर विभाग में ही जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा ने सभी से कहा था- मुझे भी खिलाओ और मुझे कप्तान भी बनाओ।

उनकी इस जबरदस्ती के चलते मामला पीसीसी सर के पास पहुंचा। पीसीसी सर ने निर्णय लिया कि जो लोग क्वार्टर फाइनल खेल चुके हैं, वही लोग सेमीफाइनल और फाइनल भी खेलेंगे। फाइनल मैच शुरू होने से पहले योगेंद्र क्रिकेट पिच पर लेट गए।

उन्होंने कहा कि अगर उन्हें नहीं खिलाया गया तो मैच नहीं होने देंगे। इस हरकत पर पीसीसी सर ने उन्हें चेतावनी दी कि अगर वह पिच से नहीं हटे तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। मैच का आयोजन सरकारी रूप से हो रहा था। योगेंद्र ने सरकारी कार्य में बाधा डाली।

क्रिकेटर के खिलाड़ियों को धमकाया तो ट्रांसफर हुआ

इसके बाद योगेंद्र ने क्रिकेट टीम के कुछ खिलाड़ियों को वॉट्सऐप पर अपशब्द कहे, जिससे उनके खिलाफ कई शिकायतें हुईं। उन्होंने एक खिलाड़ी से कहा- मुझे पता है तुम्हारी बहन का चक्कर कहां चल रहा है। एक अन्य खिलाड़ी से कहा-बचकर रहना, आजकल एनसीबी वाले घूम रहे हैं। गाड़ी में नशीला पदार्थ रखवाकर झूठे मुकदमे में फंसा दूंगा।

योगेंद्र के खिलाफ कुल 12 शिकायतें की गईं। इसके बाद पीसीसी सर ने मुझे शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। योगेंद्र मिश्रा की इस हरकत के बाद उनका ट्रांसफर लखनऊ से उत्तराखंड कर दिया गया, जहां वे वर्तमान में तैनात हैं।

योगेंद्र के खिलाफ पहली शिकायत के संबंध में मेरे ऑफिस से उन्हें एक लेटर जारी किया गया। इसके बाद उन्होंने आयकर आयुक्त (प्रशासन एवं करदाता सेवाएं) ऋचा रस्तोगी को वॉट्सऐप पर धमकी दी। उनसे जांच वापस लेने को कहा।

गालियां दीं, फिर जानलेवा हमला किया

गुरुवार दोपहर 3:00 बजे से 3:30 बजे के बीच मैं ऑफिस के छठे फ्लोर पर बैठा था। मेरे साथ सीनियर अधिकारी ऋचा रस्तोगी और शौर्य शाश्वत शुक्ला भी मौजूद थे। मैं पीसीसी सर के रिटायरमेंट फेयरवेल कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रहा था, तभी अचानक योगेंद्र बिना अनुमति के वहां आ धमके।

वे बहुत तेज आवाज में गालियां देने लगे। बोले- तुम लोगों ने मेरा जबरदस्ती ट्रांसफर करवा दिया। फिर मेरी तरफ बढ़ते हुए कहा, “तुम बड़े नेता बन रहे हो? अब मेरा ट्रांसफर वापस लखनऊ करवाओ। मेरे खिलाफ आगे कोई कार्रवाई करोगे तो अच्छा नहीं होगा।

उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दी और कहा कि सभी शिकायतें रफा-दफा कर दो। उन्होंने कहा कि इन शिकायतों से उनका बहुत नुकसान हुआ है। यह कहते हुए उन्होंने टेबल पर रखा गिलास उठाकर मेरी तरफ पानी फेंका। फिर उसी कांच के गिलास से जोर से मारा, जिससे मैं बड़ी मुश्किल से बचा।

कांच के गिलास से गर्दन पर मारा, फिर गला दबाया

इसके बाद उन्होंने उसी कांच के गिलास (जो सरकारी संपत्ति है) को घातक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए मेरी गर्दन पर वार किया। मैं अपना लैपटॉप लेकर कमरे से बाहर जाने लगा, तभी योगेंद्र ने पीछे से आकर मेरा गला दबा दिया। मेरी सांस रुकने लगी थी। मैंने तड़पते हुए उन्हें हटाया।

तब तक उन्होंने मुझे कई मुक्के मारे, जिनमें कुछ मेरे नाक, ओठ और कान पर लगे। इससे मेरे नाक और ओठ से खून निकलने लगा। मेरे आगे के दांत हिलने लगे और मुझे दाहिने कान से सुनाई देना बंद हो गया। इसके बाद योगेंद्र ने अपने भारी-भरकम जूतों से मेरे प्राइवेट पार्ट पर वार किया।

अस्पताल पहुंचते-पहुंचते मैं बेहोश हो गया

इस दौरान शौर्य शाश्वत शुक्ला ने मुझे बचाने का प्रयास किया। योगेंद्र ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, सरकारी काम में बाधा डाली और मुझ पर जानलेवा हमला किया। मैंने तत्काल डायल 112 पर सूचना दी। इसके बाद पुलिस मुझे सिविल अस्पताल लेकर गई। गाड़ी में बैठने से पहले ही अत्यधिक चोटों के कारण मेरी तबीयत बिगड़ने लगी थी।

अस्पताल पहुंचते-पहुंचते मैं बेहोश हो गया था। मेरी तबीयत अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं है। हालांकि, डॉक्टरों के इलाज से थोड़ा आराम मिला है। इसके बाद मैं यह प्रार्थना पत्र दे रहा हूं, कृपया इस पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए।

अब पढ़िए प्रत्यक्षदर्शी ने क्या बताया-

  1. चपरासी ने बताया- कमरे से तेज-तेज बहस की आवाजें आ रही थीं। ऐसा लग रहा था कि कोई बड़ा झगड़ा हो रहा है। थोड़ी ही देर में गर्ग सर के चिल्लाने की आवाज आई। जब वो बाहर निकले, तो उनके चेहरे से खून बह रहा था।
  2. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दोनों अधिकारियों के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही थी। बात सिर्फ व्यक्तिगत नहीं थी, बल्कि इसकी जड़ें विभागीय कार्रवाई से जुड़ी हैं।

    गौरव गर्ग वरिष्ठ IRS अधिकारी हैं। वह IPS अधिकारी रवीना त्यागी के पति हैं। वह लंबे समय तक डीसीपी सेंट्रल की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। वह फिलहाल लखनऊ में ही तैनात हैं। रवीना त्यागी लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त अभिसूचना एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

    वहीं, इस घटना के बाद आयकर विभाग में दहशत का माहौल है। अधिकारियों और कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी गहरी चिंता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी आपसी विवाद को सुलझाने के बजाय हिंसा पर उतर आए।

    अखिलेश बोले- अधिकारी को बंधक बनाकर पीटा, भूपेंद्र चौधरी ने किया पलटवार

    इधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसा। कहा- भाजपा सरकार में अब तक पुलिस बनाम पुलिस हो रहा था। अब अधिकारी बनाम अधिकारी हो रहा। लखनऊ में एक IRS अधिकारी को बंधक बनाकर एक इनकम टैक्स अधिकारी द्वारा पीटे जाने का मामला सामने आया है। इसकी जांच हो। पता किया जाए कि एक IPS अधिकारी के पति के साथ ऐसी घटना क्यों घटी? इसके सूत्र किस-किस से जुड़े हैं?

    अखिलेश के बयान पर यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पलटवार किया। कहा- यह पॉलिटिकल एंगल नहीं है। कानून अपना काम करेगा। उनके मुंह और पैर में चोट लगी है।