अयोध्या मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। बेटियों ने वार्ड बॉय और स्टाफ नर्स पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। बेटी मीनाक्षी ने बताया- जो दवा (नौरऐड) 10 घंटे में चढ़नी थी, वह दवा महज 15 मिनट में चढ़ा दी गई।
मेरे पिता 15 मिनट तक छटपटाते रहे, बुलाने के बाद भी कोई स्टाफ देखने नहीं आया। करीब 20 मिनट में तड़प-तड़पकर मेरे पिता की मौत हो गई।
स्टाफ ने मेरे पिता की हत्या की है। परिजनों ने हंगामा करते हुए आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सत्यजीत वर्मा ने वार्ड बॉय अखिलेश और संबंधित स्टाफ नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जो 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगी।
15 मिनट में तड़प-तड़पकर पिता की मौत हो गई
बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के रजौरा गांव निवासी नरेंद्र बहादुर (76) को शुक्रवार दोपहर को राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर में भर्ती कराया गया था। उन्हें लूज मोशन की दिक्कत थी। बड़ी बेटी मीनाक्षी सिंह ने बताया- मेरे पिता बिल्कुल ठीक थे। मैं और मेरी बहन रागिनी ने उन्हें खाना-पीना खिलाया।
वह अच्छे से खा-पी रहे थे। शाम को उन्होंने हम लोगों से खाना खाने के लिए बोला। मेरे पिता ने कहा था- जाओं मैं ठीक हूं। मैं अपने बहन के बेटे को छोड़कर घर चले गए।
करीब 10 मिनट बाद बेटे का फोन आया- बोला मौसी पापा की तबियत खराब हो गई। हम पहुंचे तो उनकी मौत हो चुकी थी। बेटे ने बताया वार्ड बॉय आया और उसने पिता को चढ़ने वाली दवा नौरऐड की स्पीड बढ़ा दी, इससे पिता की हालत खराब होने लगी। कुछ देर बाद वह छटपटाने लगे। मैं दौड़कर स्टाफ के पास गया, मगर कोई देखने नहीं आया।
20 मिनट में तड़प-तड़पकर पिता की मौत हो गई।
10 घंटे में चढ़ने वाला इंजेक्शन 15 मिनट में चढ़ाया
मीनाक्षी सिंह का कहना है कि मैं खुद गोंडा में स्टाफ नर्स हूं। मेरे पिता को नौरऐड दवा चढ़ाई जा रही थी, जिसे ड्रॉप-ड्रॉप देनी थी। मगर इसे वार्ड बॉय और स्टाफ नर्स से फास्ट चला दी। इससे उनकी मौत हो गई। बताया कि नौरऐड इंजेक्शन को 10 घंटे में चढ़ाया जाता है, स्टाफ ने उसे मात्र 15 मिनट में चढ़ा दिया। इससे मेरे पिता की मौत हो गई।
कहा- दोषी लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई गई
बेटी रागिनी ने कहा- जब हमने स्टाफ से इसकी शिकायत की तो वह लड़ने लगे। बोले- यहां मरीज लेकर क्यों आए थे? अस्पताल वालों ने मेरे पिता की हत्या की है। इन पर केस होना चाहिए। हमने लिखित शिकायत कॉलेज के प्राचार्य को दी है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कहा- शिकायत मिली है। हम सीसीटीवी देख रहे हैं। जो भी दोषी होंगे कार्रवाई की जाएगी। कमेटी बना दी गई है। रिपोर्ट आते ही दोषियों को सस्पेंड किया जाएगा।