मेरी बेटी को गंदे वीडियो दिखाकर रेप किया। लड़के के परिवार से शिकायत की, तो राम बाबू ने बेटे को चप्पलों से पीटा। फिर मेरी बेटी की इज्जत की कीमत 10 हजार लगा दी। पति से सहा नहीं गया, उन्होंने केस दर्ज कराया। अब पुलिस ने ज्यादती करते हुए मेरे पति को ही जेल में बंद कर दिया। कहते हैं तुम्हारे पति ने राम बाबू को जहर देकर मार दिया। साहब…बेटी से रेप हुआ, अब हमें ही धमकाया जा रहा है। हम गांव में रह नहीं पा रहे।
ये कहना है कौशांबी की 7 साल की बच्ची राधिका (परिवर्तित नाम) की मां का। 28 मई को ईट भट्ठा पर बच्ची के साथ रेप हुआ। आरोप गांव के धन्नू पर लगा। 29 मई को धन्नू को जेल भेजा गया। 4 जून को धन्नू के पिता राम बाबू ने सैनी थाने के सामने सुसाइड कर लिया।
5 जून को परिवार ने लाश को नेशनल हाईवे-2 पर रखकर जाम लगा दिया। 2 घंटे के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके सबको हटा दिया। 6 जून को रामबाबू के परिवार के 10 लोगों के खिलाफ FIR लिखी गई।
गांव का माहौल
आरोपी ब्राह्मण, बच्ची पाल बिरादरी की, इसलिए टेंशन गांव में दाखिल होते ही एक चौपाल पर कुछ लोग बैठे दिखे। हमने पूछा- जिस बच्ची से रेप हुआ, उसका घर कहां पर है? इशारे से हमे एक संकरे रास्ते पर भेजा गया। वो पाल बिरादरी का परिवार है, आरोपी ब्राह्मण जाति के हैं। इसलिए गांव में टेंशन है। उधर कम लोग ही आ-जा रहे हैं।
भास्कर टीम बच्ची के घर पहुंची। घर की दीवारें पक्की ईट से बनी हुई थीं, लेकिन प्लास्टर नहीं था। घर पर छप्पर पड़ा हुआ था। यहां पर हमारी मुलाकात बच्ची और उसकी मां से हुई। हमने पूछा- बच्ची के साथ क्या हुआ था? मां ने कहा- मेरी 7 साल की बेटी घटना के बाद से एक भी रात चैन से सो नहीं पाई है।
एक बेटा, 2 बेटियों के लेकर भटक रही हूं। धन्नू के परिवार के लोग दबंग हैं। हमारे ऊपर दबाव है कि केस वापस ले लें। कितनी बड़ी साजिश कर डाली। मेरी बेटी के साथ रेप के बाद उसके पिता को ही जेल भिजवा दिया। हमें थोड़े पता था कि धन्नू के पिता थाने जाकर सुसाइड कर लेंगे। हमारी तो उनसे बात भी नहीं हो रही थी।
हमने पूछा- उस दिन आपको कैसे पता चला कि बच्ची के साथ रेप हुआ है। मां ने कहा- 27 मई को रामबाबू के भाई ननका के घर पर रामायण बैठी थी। बेटी 28 मई को वहां से लौटी, तो बहुत उदास थी। मैंने प्यार से पूछा- तब उसने बताया कि मेरे साथ बहुत गलत हुआ है। उसने जो कुछ बताया, उसे सुनकर हम चौंक गए।
मैंने अपने पति को यह सब बताया। हम धन्नू के घर गए। उनका घर हमारे घर से 200 मीटर दूर है। राम बाबू तिवारी ने हमारी बात सुनकर धन्नू को बुला लिया। उसने पहले मना किया, मगर बेटी के सामने वह चुप हो गया। राम बाबू ने हमारे सामने अपने बेटे को चप्पलों से पीटा। फिर उन्होंने कहा- हमारी भी गांव में इज्जत है, आपकी भी है…।
उन्होंने हमारे सामने 10 हजार रुपए रखकर कहा कि मामला यही खत्म कर दीजिए। रुपए देखकर मेरे पति से रहा नहीं गया। वह गुस्से में थाने गए और केस दर्ज करा दिया। इसके बाद हमारे ऊपर FIR वापस लेने का दबाव बनाया जाने लगा। फिर हमें बताया गया कि रामबाबू ने तो सुसाइड कर लिया है, फिर पुलिस मेरे पति को ही पकड़ ले गई।
मासूम ने कहा- मोबाइल में गंदी पिक्चर दिखाकर मुझे छूने लगा अब मासूम बच्ची ने बताया- मैं तो रामायण देखकर आ रही थी। गांव के बाहर वाले ईट भट्ठे के पास धन्नू मिला। उसने कहा- आओ, तुम्हें मोबाइल दिखाएं। फिर उसने कुछ पिक्चर दिखाई। वो गंदी थीं… फिर वो मुझे जगह-जगह छूने लगा। मुझे ऐसी जगह छुआ कि मैं भागने लगी, तब उसने मुझे पकड़ लिया। गलत काम करने लगा। मैं चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उसने मेरा मुंह दबा दिया।
तब तक गांव का एक और लड़का वहां पहुंच गया। उसने शोर मचाया, तब धन्नू भाग गया। मैं घर आई और पूरी कहानी सुना दी।
आरोपी धन्नू के परिवार की बात
धन्नू ने एक बच्चे को झापड़ मारा था, दूसरे दिन उस पर केस लगा दिया पीड़ित परिवार की बात समझने के बाद हम धन्नू के घर पहुंचे। धन्नू का घर पक्का बना हुआ था, परिवार समृद्ध लग रहा था। घर के हाते में रामबाबू के बेटे अक्षय तिवारी मिले। हमने पूछा- क्या कोई और विवाद भी चल रहा है? अक्षय ने कहा- हमारे परिवार और ग्राम प्रधान का जमीनी विवाद चल रहा है। 7 महीने पहले प्रधान ने उस जमीन पर जबरन दीवार बना ली। फिर झगड़ा होने के बाद उसने दीवार गिरा भी दी। इसके बाद मामला शांत हो गया।
हमारे घर-परिवार में 27 मई को रामायण बैठी थी। इसी बीच कुछ छोटे-छोटे बच्चे टीन पर ईंट मार रहे थे। मुझे ठीक-ठीक नहीं पता कि वहां मना करने कौन गया था? मगर मेरा छोटा भाई सिद्धार्थ उर्फ धन्नू वहां गया, एक बच्चे को डांटकर झापड़ मार दिया था। फिर वह दोबारा रामायण पढ़ने लगा।
इसके अगले दिन मेरे भाई के ऊपर झूठा केस लगा दिया गया। समझौते के लिए 20 लाख रुपए मांगे गए। जब हम नहीं दे सके, तो मेरे भाई को जेल भिजवा दिया।
क्या आपके पिता ने खुद जहर खाया? अक्षय ने कहा- मुझे ठीक से नहीं पता कि उन्होंने खुद खाया या किसी ने खिला दिया। जब मैंने पापा को फोन किया, तब थाने के किसी पुलिस वाले ने फोन उठाया और कहा कि आपके पिता सरकारी हास्पिटल में हैं। इतना कह कर उसने फोन काट दिया।
भतीजे ने कहा- पुलिस अपनी गलती लाठी से दबाना चाहती थी रामबाबू के भतीजे शैलेश तिवारी कहते हैं- रामबाबू मर चुके हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि धन्नू को पुलिस दाह संस्कार के वक्त ले आए। जब पुलिस वाले नहीं लाए, तब हम लोग सड़क पर बैठ गए। एडिशन एसपी आए। हमें लगा कि अब हमारी सुनवाई होगी, मगर उन्होंने 2 मिनट बाद ही लाठी चलवा दी।
पूरे मामले में धन्नू तो जेल में बंद है। उसके खिलाफ रेप और पास्को एक्ट में केस लिखा गया है। राम बाबू तिवारी ने बेटे को बेगुनाह साबित करने के लिए थाना सैनी पुलिस से लेकर कौशांबी पुलिस के आला अफसरों की चौखट पर गुहार लगाई, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी।
शैलेश ने कहा- 4 जून को वह बेटे से मिलने जाने की बात कह कर घर से निकले। दोपहर करीब 12 बजे सैनी थाना पुलिस ने फोन करके सिराथू CHC आने को कहा। बताया कि तुम्हारे पिता की हालत खराब है। हम वहां पहुंचे तो रामबाबू बेजान स्ट्रेचर पर लेटे थे। शरीर ठंडा हो गया था। कमीज हवा से हटी तो पेट पर पेन से कुछ लिखा देखा।
जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए गांव के प्रधान भूप नारायण पाल, उसके भाई विपिन पाल, रेप पीड़ित बेटी का पिता और धर्मेंद्र पाल का नाम लिखा था। इसके अलावा जेब में एक सुसाइड नोट भी मिला।
पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। परिवार ने जल्दी पोस्टमॉर्टम कराने को लेकर धरने पर बैठ नारेबाजी की। पुलिस ने लाश परिवार को सौंपी तो परिवार ने अंतिम संस्कार करने के बजाय शव को नेशनल हाईवे 2 पर रख कर जाम लगा दिया। परिवार के लोगों के मुताबिक वह रेप के आरोप में जेल में बंद धन्नु को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल करने की मांग कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज करके उन्हें खदेड़ दिया।
अब जानिए पेट पर सुसाइड नोट में क्या लिखा…
सुसाइड नोट में लिखा था- मेरा लड़का निर्दोष है। मैं छोटका तिवारी, मेरे पास एक दिन गांव के एक व्यक्ति ने आकर कहा कि मेरे भाई का एक प्लॉट रोड पर है। मेरे भाई ने अपना प्लाट गांव के रामेश्वर के हाथ बेच दिया है। मैं ये प्लॉट तुम्हें देना चाहता हूं। लेकिन मैं 1.5 लाख से कम नहीं लूंगा। तुम्हें 1.20 लाख में दूंगा। मैंने उसको समझाया कि तू गरीब आदमी है। तेरे एक-दो बच्चे भी हैं। जमीन बेचने के बाद दोबारा खरीदने में दिक्कत होगी। तू एक काम कर जमीन मत बेच, तुझको जितने रुपए चाहिए…ले लो।
उसने कहा कि मुझे पैसे का काम है। फिर मैंने उसे एक लाख रुपए दे दिए। एक साल बीत गए। जब रुपए मांगता हूं तो वह आनाकानी करता था। फिर मैंने कहा 5- 5 हजार करके वापस कर देना, पर उसने नहीं दिया। 27 मई को उसकी पत्नी ने घर आकर मुझसे पैसे मांगे, तो मैंने कहा कि पहले से ही तुम्हारे पति ने रुपए ले रखे हैं। इतने में वह उठकर चली गई। रात 9 बजे आकर कहती है, तेरे जैसे बहुत से देने वाले लोग हैं।
उसने मेरे लड़के को फंसाया है। अगर उसके लड़के हैं तो मैं उसे छोडूंगा नहीं, मरने के बाद भी नहीं, ये मेरा वादा है। क्योंकि मैं जीते जी तो बदला ले नहीं सका, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।
बच्ची OBC कास्ट से, आरोपी ब्राह्मण, सियासत बढ़ती चली गई….
नेशनल हाईवे पर लाठीचार्ज होने के बाद यूपी की सियासत गरमा गई। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने X अकाउंट पर पोस्ट करके पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। सपा विधायक पल्लवी पटेल ने भी X पर पुलिस को कठघरे में खड़ा किया। नेताओं की टिप्पणी के बाद अफसरों ने सैनी थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया। दो दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया।