लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूर अपने घर भेज रहे ज्यादा पैसा, EPFO रजिस्ट्रेशन बढ़ा: रिपोर्ट

देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में प्रवासी मजदूरों के घर पैसे भेजने में बढ़त दर्ज की गयी और यह फरवरी के स्तर से ऊपर पहुंच गया। इसी तरह एसबीआई रिसर्च की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नए पंजीकरण की संख्या मे भी बढ़त दर्ज की गयी है।

रिपोर्ट के मुताबिक एक और अच्छी बात इस दौरान जनधन खातों की संख्या में बड़ी वृद्धि होना है। इनकी संख्या अब 41 करोड़ के पार जा चुकी है। प्रवासी मजदूरों द्वारा अपने घरों को भेजे जाने वाले पैसे में अप्रैल में लॉकडाउन के बाद भारी गिरावट आयी थी। जून और जुलाई से इसमें सुधार देखा गया। जबकि सितंबर के आंकड़े कोविड-19 महामारी से पहले फरवरी के स्तर को भी पार कर गए हैं। यह दिखाता है कि प्रवासी मजदूर आजीविका के लिए काम पर लौटने लगे हैं।

हालांकि अगस्त में कई इलाकों में भारी बारिश के चलते काम बाधित रहा और मजदूरों के घर पैसे भेजने में गिरावट दर्ज की गयी। एसबीआई रिसर्च का प्रवासी मजदूरों के घर पैसे भेजने का सूचकांक फरवरी में 112 अंक था जो आमतौर पर 100 के आसपास रहता है। वहीं अप्रैल में यह गिरकर 85 अंक पर आ गया। लेकिन मई में इसमें सुधार दर्ज किया गया। मई यह 94, जून में 105, जुलाई में 103 और अगस्त में 97 रहा। जबकि सितंबर में यह फिर से 115 अंक पर पहुंच गया।

इसी तरह ईपीएफओ के अप्रैल-अगस्त 2020 के पेरोल आंकड़ों के अनुसार, उसके पास 25 लाख नए पंजीकरण हुए। इनमें से 12.4 लाख पहली बार पंजीकृत होने वाले लोग रहे। इसके अलावा 14 अक्टूबर तक कुल जनधन खातों की संख्या 41.05 करोड़ रही। वहीं इनमें कुल बकाया जमा 1.31 लाख करोड़ रुपये रही। अप्रैल की शुरुआत से अब तक करीब तीन करोड़ नए जनधन खाते खोले गए जबकि इनमें कुल जमा में 11,060 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गयी है।