दिल्ली के नामी सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर संदीप मौर्या को राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने कहा कि पीड़िता एक मेक-अप आर्टिस्ट है और यह जबरन यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है। इतना ही नहीं शादी का वादा करने के संबंध में कोई भी सुबूत पेश नहीं किए गए हैं। याचिकाकर्ता सफदरजंग अस्पताल में डाक्टर है। वह न तो पीड़िता को धमकाने की स्थिति में है और न ही सबूतों से छेड़छाड़ व गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में। पीठ ने कहा कि मामले से जुड़े सुबूत जुटाए जा चुके हैं और याची का फोन पुलिस के पास है। ऐसे में डॉ. संदीप मौर्या को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत सशर्त जमानत दी जाती है। पीठ ने संदीप मौर्या को निर्देश दिया कि वह अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को दी और प्रत्येक सोमवार को हौजखास थाने में रिपोर्ट करें। पीठ ने उक्त निर्देशों के साथ जमानत याचिका का निपटारा कर दिया। पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि फैसले में की गई उक्त टिप्पणियां मुकदमे के मेरिट के बजाए सिर्फ जमानत देने के लिए की गई है।
याचिका के अनुसार पीड़िता का आरोप है कि पिता को हार्ट-अटैक होने पर वह दो जनवरी 2019 को उन्हें लेकर सफदरजंग अस्पताल गई थी। जहां पर डॉ. संदीप ड्यूटी डॉक्टर थे। पीड़िता ने आरोप लगाया कि इजाज के बाद संदीप उनके घर आए थे और शादी करने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद नौ जून 2020 को संदीप ने उन्हें यूसुफ सराय बुलाया और फिर वहां से उसे अपने दोस्त के घर ले गया। जहां पर उसके दोस्त ने कोल्ड-ड्रिंक दी, जिसके बाद उन्हें कुछ याद नहीं है। इसके बाद 17 जून 2020 को यूसुफ सराय स्थित एक होटल में बुलाया और वहां दुष्कर्म किया। इसके बाद 16 सितंबर 2020 को फिर एक होटल बुलाया और वहां दुष्कर्म किया। साथ ही वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी। पीड़िता ने इसके बाद 28 जनवरी 2021 को हौज खाज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। संदीप ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत की मांग की थी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि शादी का वादा करके पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाया गया है।
डॉ. संदीप की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने दलील दी कि पीड़िता ने पिता को दो जनवरी 2019 को भर्ती कराया था, जबकि आरोप है कि नौ जून 2019 को याची ने अपने दोस्त के घर ले जाकर दुष्कर्म किया। उन्होंने कहा कि पीड़िता ने यह कहानी पूरी तरह से छोड़ दी और फिर आरोप लगाया कि याची ने शादी का वादा करके उनके साथ शारीरिक संबंध बनाया। वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि याचिकाकर्ता पर गंभीर अपराध का आरोप है।