हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए सरकार ने हाई कोर्ट से मांगा दो महीने का समय

हरियाणा में पंचायत चुनाव कराने के लिए निर्देश देने की मांग की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान बेंच ने तय किया कि पंचायत चुनाव से संबंधित सभी याचिका पर एक साथ सुनवाई की जाए। हरियाणा राज्य चुनाव आयोग के वकील अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्य चुनाव आयोग को 22 मार्च को एक पत्र लिखकर वार्डबंदी व आरक्षण तय करने के लिए दो महीने और उसके बाद अन्य तैयारी के लिए एक महीने का समय लगने की बात कही है।

सरकार की वार्डबंदी व अन्य काम के बाद ही राज्य चुनाव आयोग चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने इस मामले को पंचायत चुनाव से संबंधित अन्य याचिका के साथ सुनवाई के लिए तय करते हुए मामले की सुनवाई 20 अप्रैल तक स्थगित कर दी। मामले में जिला जींद के देवेंद्र सिंह व अन्य ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 ई के प्रावधानों के अनुसार चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए राज्य को निर्देश देने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं ने ग्राम पंचायतों के मामलों को चलाने के लिए प्रशासकों की नियुक्ति के राज्य सरकार के फैसले पर भी आपत्ति जताई है।

याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा में ग्राम पंचायतों का चुनाव जनवरी 2016 में हुआ था और इस तरह से ग्राम पंचायत का चुनाव 23 फरवरी या पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति से पहले पूरा किया जाना था। हालांकि राज्य, पंचायतों के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करने में विफल रहा। सरकार ने संविधान व जनादेश के खिलाफ प्रशासक नियुक्त कर दिए। हाई कोर्ट को जानकारी दी गई कि ग्राम पंचायत स्थानीय प्रशासन या स्व-शासन के मॉडल का एक अनिवार्य हिस्सा है। निर्धारित समय के भीतर चुनाव न कराने और राज्य द्वारा प्रशासक नियुक्त करने के आदेश सरकार की मनमानी को दिखाता है।