बीजापुर हमला: अगवा जवान की दो दिन में हो सकती है रिहाई, नक्सलियों ने सरकार के सामने रखी ये शर्त

बीजापुर मुठभेड़ के बाद अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सली दो दिनों में रिहा कर सकते हैं।  बीजापुर के एक पत्रकार को फोन कर नक्सलियों ने इस बात की जानकारी दी है। इससे पहले नक्सलियों ने जवान की रिहाई के लिए सरकार से शर्त रखी थी। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पर्चा जारी कर केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने की इच्छा जताई थी। संगठन ने अगवा जवान को रिहा करने के लिए केंद्र मध्यस्थों को नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था।

पत्रकार गणेश मिश्रा ने बताया, ‘मुझे नक्सलियों की तरफ से दो बार फोन आया कि एक जवान उनकी हिरासत में है। उन्होंने कहा कि जवान को गोली लगी है और उसका इलाज किया गया है। उसे 2 दिनों में रिहा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जवान का एक वीडियो और फोटो जल्द ही जारी किया जाएगा।

वहीं, अपने दो पेज के पत्र में नक्सलियों ने कहा है, ‘बीजापुर हमले में 24 सुरक्षाकर्मियों की जान गई, 31 घायल हुए, 1 हिरासत में है। पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के 4 जवानों की जान चली गई। हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं। वे मध्यस्थों की घोषणा कर सकते हैं। हम उसे रिहा कर देंगे। जवान हमारे दुश्मन नहीं।

इस बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों के आपरेशन में कोई कमी नहीं थी और हमारे जवानों ने कई नक्सलियों को मार गिराया। महानिदेशक ने कहा कि हमारे जवानों ने करीब 700-750 प्रशिक्षित नक्सलियों से डटकर मुकाबला किया। हमें पता चला था कि बीजापुर के गांव में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं और सुरक्षा बलों ने मिलकर आपरेशन चलाया। नक्सलियों ने हमारे जवानों को घात लगाकर ग्रेनेड लांचर, लाइट मशीन गन और अन्य आटोमैटिक हथियारों से भारी फायरिंग की

अगवा जवान की रिहाई के लिए पुलिस चौतरफा प्रयास कर रही है। बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि मीडिया समेत गांव के मध्यस्थों को इस काम में लगाया गया है। इलाके की सघन तलाशी भी ली जा रही है। अभी जवान की लोकेशन का पता नहीं चला है, पर जल्द ही उसे रिहा करा लेंगे। बता दें कि शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 22 जवान शहीद हुए थे।