Forgery in corona investigation : बरेली में एक बार फिर फर्जीवाड़ा, एक ही मोबाइल नंबर पर कर दी 7101 लोगों की जांच; सभी की रिपोर्ट निगेटिव

Forgery in corona investigation : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जिले के स्वास्थ्य विभाग का एक नया खेल भी सामने आया है। विभाग द्वारा की जा रही कोविड जांच में बीते कुछ महीनों में हजारों जांच फर्जी कर दी गईं।

जांच की संख्या बढ़ाने के लिए 7017….31 मोबाइल नंबर पर जनवरी से अब तक 7101 रजिस्ट्रेशन किए गए। इनमें से अधिकतर की एंटीजन जांच की जानी दर्शाई गई हैं, वहीं कुछ की एंटीजन और आरटीपीसीआर दोनों जांच की गईं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन 7101 जांचों में से किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई। जो जांच के नाम पर हो रहे इस फर्जीवाड़े को और पुख्ता करता है।

जिले में कोरोना संक्रमण का पहला केस बीते वर्ष 28 मार्च को मिला था। इसके बाद धीरे धीरे संक्रमण बढ़ता गया। जुलाई से अक्टूबर तक संक्रमण ने करीब दस हजार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद संक्रमण का प्रभाव कम होना शुरू हुआ। इसके चलते लोगों ने जांच कराने में दिलचस्पी लेना भी कम कर दी। लेकिन विभाग पर प्रतिदिन जांच करने का दवाब था। ऐसे में टीमें तो जांच करने में लगी रहीं, लेकिन जांच कराने वाले नहीं आए। इस दौरान जांच का लक्ष्य पूरा करने के लिए विभागीय कर्मियों ने खेल करना शुरू किया।

वह फर्जी या पुरानी फाइलों से नाम निकाल कर पोर्टल पर दर्ज कर सूचना शासन को भेजने लगे। करीब आठ दिन पहले विभाग के ही एक वरिष्ठ कर्मी ने बातों बातों में इसका जिक्र कर गए। पड़ताल शुरू की तो 7017….31 मोबाइल नंबर सामने आया। एक विभागीय सूत्र के जरिए इस नंबर को पोर्टल पर डालकर चेक कराया गया तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। जनवरी से अब तक इस मोबाइल नंबर पर 7101 लोगों की जांच की गई थी, जिसमें से कोई पॉजिटिव नहीं था। इस संबंध में जब जिम्मेदार लोगों से बात की गई तो उन्होंने तर्क दिया कि जिनके पास मोबाइल नंबर नहीं होते उनके नंबर पर वह अपने किसी व्यक्ति का नंबर डाल देते हैं। लेकिन जब एक जैसे पते (बीएलवाई) पर सवाल किया तो वह भी चक्कर में पड़ गए।

जागरण ने पहले भी किया था राजफाश

दैनिक जागरण ने करीब पांच महीने पहले भी इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। उस दौरान 0 से 9 तक के अंकों के दस नंबर के करीब एक हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन किए गए थे। इन नंबरों पर दर्ज सभी लोगों की रिपोर्ट भी निगेटिव ही आई थी।सीएमओ डा. एस के गर्ग ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्रेशन करने की विभाग की कोई मंशा नहीं होती। किसी एक मोबाइल नंबर पर कई लोगों के नाम दर्ज होना गलत है। अगर ऐसा है तो इसकी जांच कराकर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आंकड़ों में समझिए स्थिति

7101 लोग 7017….31 मोबाइल नंबर पर दर्ज

1849 रजिस्ट्रेशन जनवरी में हुए

3777 रजिस्ट्रेशन फरवरी में हुए

736 रजिस्ट्रेशन मार्च में हुए

739 रजिस्ट्रेशन अप्रैल में अब तक हो चुके।