राजधानी दिल्ली में हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (High Security Registration Plates) अनिवार्य होने जा रहा है। इसके लिए 1 नवंबर (रविवार) से दिल्ली में वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का काम फिर से शुरू हो गया है। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने वाहनों में नंबर प्लेट लगाने के लिए 150 की जगह अब 658 केंद्र बना दिए हैं, जिससे लोगों को भी सहूलियत मिलेगी। बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते नंबर प्लेट की होम डिलीवरी की भी सुविधा दी है। होम डिलीवरी की एवज में वाहन मालिकों को एक मामूली रकम अदा करनी होगी। बताया जा रहा है कि होम डिलीवरी की एवज में 100-200 रुपये देने होंगे। बता देें कि दिल्ली में करीब 20 लाख वाहनों में नंबर प्लेट बदली जानी है।
- वाहनों में लगने वाली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगवाने की प्रक्रिया में दिल्ली सरकार के बनाए गए नियमों के मुताबिक, लोग अपने वाहन की नंबर प्लेट अधिकृत सर्विस सेंटरों पर भी लगवा सकेंगे।
- एचएसआरपी लगवाने के लिए 274 डीलरों के अलावा 384 अधिकृत सर्विस सेंटरों पर भी यह सुविधा होगी। कुल 658 स्थानों पर नंबर प्लेट लगवाई जा सकेगी।
- एचएसआरपी की होम डिलीवरी की भी व्यवस्था होगी। इसके लिए डेढ़ सौ से लेकर 3 सौ रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा।
- 1 नवंबर से एचएसआरपी और कलर कोडेड स्टिकर की बुकिंग के लिए सिआम द्वारा एकल वेबसाइट यूआरएल उपलब्ध की जाएगी। इस वेबसाइट के लिए एनआइसी तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
- बुकिंग के बाद, उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से प्रत्येक चरण का वास्तविक समय में अपडेट मिलेगा।
- आवेदक को अपॉइंटमेंट की तारीख से कम से कम 2 दिन पहले सूचित कर दिया जाएगा, ताकि उन्हे किसी प्रकार की पड़ेशानी का सामना न करना परे।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए ऐसे करें अप्लाई
वाहन चालकों के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए अप्लाई करने के लिए bookmyhsrp.com/index.aspx पर जाना होगा। यहां पर उपभोक्ताओं को प्राइवेट वाहन और कमर्शियल वाहन के 2 विकल्प दिखाई देंगे। प्राइवेट व्हीकल टैब पर क्लिक करने पर पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक, CNG और CNG+पेट्रोल के विकल्प को चुनना होगा। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की कड़ी में क्लिक करने पर वाहनों की श्रेणी खुलेगी। इसके बाद आवदेनकर्ता को बाइक, कार, स्कूटर, ऑटो और भारी वाहन जैसे विकल्प में से एक को चुनना होगा। इसके बाद आसान प्रक्रिया के तहत राज्य का नाम फिल करना होगा। फिर डीलर्स का चयन करने के पश्चात आपको अपने वाहन से संबंधित जानकारी भरनी होगी। इस प्रक्रिया के अंतिम चरण में उपभोक्ता को वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन तारीख, इंजन और चेसिस नंबर, ई-मेल और मोबाइल नंबर की जानकारी देनी होगी। यह सब जानकारी अपलोड करने पर एक नई विंडो खुलेगी। इसमें भी मांग गई जानकारी फिल करनी होगी। मसलन, वाहन की आरसी और आईडी प्रूफ भी अपलोड करना होगा। सारी जानकारी और कागजात अपलोड करने के बाद मोबाइल फोन ओटीपी जेनरेट हो जाएगा। सबसे आखिर में आपको पेमेंट का विकल्प दिखाई देगा, जिस भरने के बाद आपकी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
क्या होगा हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट लगाने का फायदा
दरअसल, हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम है, जबकि होलोग्राम एक स्टीकर होता है। इस पर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर होते हैं। ऐसे यह नंबर पेंट और स्टीकर से प्रेशर मशीन के जरिये लिखा जाता है, जिससे छेड़खानी नहीं हो सकती है। इसके अलावा, नंबर प्लेट पर एक तरह का पिन होगा जो आपके वाहन से जोड़ेगा। ऐसे गाड़ी चोरी होने की स्थिति में यह पिन एक बार आपके वाहन से प्लेट को पकड़ लेगा तो यह दोनों ही तरफ से लॉक होगा, किसी से खुलेगा नहीं।
कलर कोडिंग भी होगी
हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन के साथ वाहन निर्माता कंपनियों को नंबर प्लेट पर अब तीसरा रजिस्ट्रेशन मार्क भी बनाना होगा। इसमें कलर के जरिये यह दर्शाना होगा कि कौन सा ईंधन गाड़ी में इस्तेमाल हो रहा है? इसके लिए कलर कोडिंग करनी होगी। वहीं, पुराने वाहन निर्माता कंपनी की तरफ से दिए गए हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को कंपनी के डीलर्स भी लगा सकते हैं।