कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में इंश्योरेंस का महत्व काफी बढ़ गया है। दैनिक जागरण समय-समय पर पाठकों को इंश्योरेंस के महत्व के बारे में जागरूक करता रहता है। इसी क्रम में जागरण न्यू मीडिया के मनीश मिश्रा और अभिनव गुप्ता ने Jagran Dialogues के तहत कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के महत्व पर स्टार यूनियन लाइफ दयाची इंश्योरेंस के पूर्व एमडी और सीईओ कमलजी सहाय और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल से विस्तृत चर्चा की। इस पैनल परिचर्चा के मुख्य अंश इस प्रकार हैंः
सवाल: इंश्योरेंस लेने के क्या फायदे हैं।
कमलजी सहाय: किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी उम्र में कोई दुर्घटना हो सकती है। लाइफ इंश्योरेंस इस परिस्थिति में परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। हर एक व्यक्ति को अपने परिवार की सुरक्षा के लिए जीवन बीमा करवाना चाहिए और पर्याप्त राशि का बीमा करना चाहिए।
सवाल: हेल्थ इंश्योरेंस में कोई कोविड मरीज है, तो वह लिस्टेड अस्पताल में कैसे अपने कवर का लाभ ले सकते हैं।
कमलजी सहाय: पहले मरीज को अस्पताल के काउंटर पर बताना होगा कि उसके पास इंश्योरेंस पॉलिसी है। आमतौर पर इंश्योरेंस कंपनी के असिस्टेंस भी अस्पताल में मौजूद होते हैं, वे भी हेल्प करते हैं। अस्पताल शुरुआत में प्रारंभिक जमा के रूप में थोड़ी रकम लेते हैं, उसके बाद इंश्योरेंस कंपनी के हेल्थ इंश्योरेंस में जितना प्रोटेक्शन है, वह क्लेम कर लेंगे। मरीज या उनके परिवार वालों को कुछ भी देने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
सवाल: हेल्थ इंश्योरेंस किफायती किस प्रकार हो और क्या पहले दिन से सभी लाभ मिलने लगते हैं?
पंकज मठपाल: किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस में एक्सीडेंट को छोड़कर, 30 दिन का वेटिंग पीरियड होता है। कुछ विशेष बीमारियों के लिए 36 महीने या 48 महीने का भी वेटिंग पीरियड हो सकता है। कोरोना के लिए भी 30 दिन बाद पॉलिसी लागू होगी। मेरी राय है कि फैमिली फ्लॉटर पॉलिसी लेनी चाहिए। इसमें एक ही सम इंश्योर्ड में पूरी पॉलिसी कवर हो जाती है। आप पांच लाख की एक बेसिक पॉलिसी और उसके ऊपर 25 लाख की एक सूपर टॉप अप पॉलिसी भी ले सकते हैं। ध्यान रखें कि आपके आस-पास के अस्पताल उस पॉलिसी के नेटवर्क में जरूर हों।