तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (Bhartiya Udyog Vyapar Mandal ) ने दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन को स्थगित करने की मांग की है। बीयूवीए के चेयरमैन मनोहर लाल कुमार ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति भयावह है। ऐसे में आंदोलनकारी संकट की इस घड़ी मे अपने आंदोलन को स्थगित करके महामारी से निपटने में सरकार और मरीजों को राहत दें। गौरतलब है कि इस आंदोलन को खत्म करने की मांग केंद्र सरकार भी कर रही है, पर आंदोलनकारी अड़े हुए हैं।
बीयूवीएम के वरिष्ठ महामंत्री विजय प्रकाश जैन ने इसके साथ ही देश भर के व्यापारियों से भी अनुरोध किया है कि वे संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, दो गज की दूरी और हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर में धोने की प्रक्रिया अवश्य करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। महामारी से निपटने के लिए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से सभी आवश्यक कदम तत्काल प्रभाव से उठाने का अनुरोध किया है।
यहां पर बता दें कि दिल्ली-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसान किसी भी कीमत पर यहां से हटने के लिए तैयार नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कोरोना का टीका तो लगाने के लिए तैयार हो गए हैं, लेकिन धरना नहीं खत्म करेंगे। पिछले दिनों राकेश टिकैत ने साफ-साफ कहा था कि लॉकडाउन की स्थिति में भी धरना प्रदर्शन स्थल से किसान वापस नहीं जाएंगे।
ऑक्सीजन सिलेंडर से लैंस गाड़ियों का मुहैया कराएं रास्ता
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पहले ही कहा जा चुका है कि बॉर्डर पर बैठे किसान ऑक्सीजन से लैस गाड़ियों को खुद रास्ता देंगे। मोर्चा के नेताओं ने कहा है कि किसान का धरना प्रदर्शन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाधा नहीं बनेगा।