वैक्सीन के लिए भारत को कच्चा माल देगा अमेरिका, भारत व अमेरिका के एनएसए की वार्ता में हुआ फैसला

पिछले कुछ दिनों से जुबानी सद्भावना जता रहे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से ठोस मदद आने के संकेत हैं। खास तौर पर अमेरिका भारत को वैक्सीन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की आपूíत करने को तैयार हो गया है। रविवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलिवान और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच टेलीफोन वार्ता के बाद इसकी घोषणा बाइडन प्रशासन ने की।

ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, यूरोपीय संघ से भी जल्द ही पहुंचेगी मदद 

अमेरिका के अलावा रविवार को ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोपीय संघ ने भी कहा है कि उन्होंने भारत की मदद के लिए वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बनाने की मशीन व दूसरी सामग्री भेजने का फैसला किया है। उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिख कर वेंटिलेटर, एक्स-रे मशीन आदि देने का आग्रह किया है।

भारत व अमेरिका के एनएसए की वार्ता में हुआ फैसला

भारत की तरफ से कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति पर लगी रोक हटाने का एलान सुलिवान और डोभाल की वार्ता के बाद अमेरिका की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गई। इसमें कहा गया है कि भारत को जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने पर रात-दिन काम किया जा रहा है।

कोविशील्ड के लिए कच्चे माल के साथ ऑक्सीजन मशीन व वेंटिलेटर भी भेज रहा है अमेरिका

अमेरिका ने उन कच्चे माल की पहचान कर ली है, जिसे भारत में कोविशील्ड वैक्सीन के निर्माता कंपनी को शीघ्र जरूरत है। इसकी जल्द आपूर्ति की जाएगी, ताकि भारत में कोरोना मरीजों और महामारी से लड़ रहे फ्रंट लाइन वर्करों की मदद की जा सके। अमेरिका ने डायग्नोस्टिक किट्स, पीपीई, वेंटिलेटर्स को भी चिह्नित किया है, जिनकी भारत को आपूर्ति की जाएगी। भारत को आपातकालीन हालात में ऑक्सीजन जेनरेशन व दूसरी संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति भी की जाएगी।

अमेरिका से विशेष चिकित्सा और महामारी विशेषज्ञों की टीम भारत आएगी 

भारत को वर्ष 2022 तक कोरोना महामारी के खात्मे के लिए वैक्सीन की एक अरब डोज बनाने में भी अलग से मदद दी जाएगी। अमेरिका से विशेष चिकित्सा और महामारी विशेषज्ञों की टीम भारत आएगी। अमेरिकी एनएसए की इस घोषणा से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्विटर पर लिखा था कि कोविड-19 के भयानक प्रकोप की स्थिति में हम भारत की जनता के साथ हैं। हम भारत सरकार में अपने साझेदारों के संपर्क में हैं।

कोविशील्ड वैक्सीन में कच्चे माल की आपूर्ति अमेरिका व दूसरे देशों से होती है

भारत में तैयार होने वाली वैक्सीन कोविशील्ड में तकरीबन तीन दर्जन तरह के कच्चे माल की आपूर्ति अमेरिका व दूसरे देशों से होती है। कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूटट (एसआइआइ) की तरफ से हाल के दिनों में कई बार अमेरिका से आग्रह किया गया था कि वह कच्चे माल की आपूर्ति करे। भारत सरकार की तरफ से भी आग्रह किया जा रहा था। अमेरिका पर वहां के बुद्धिजीवी वर्ग व महामारी विशेषज्ञों का भी भारी दवाब है कि वह भारत को इस मुसीबत से निकलने में मदद करे। अमेरिका से आपूíत शुरू होने से भारत में वैक्सीन निर्माण का काम और तेज हो सकेगा।

जर्मनी की चांसलर मार्केल ने कहा- कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई हमारी साझा लड़ाई है

अमेरिका के इस बयान के कुछ घंटे बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के कार्यालय की तरफ से यह बयान दिया गया कि कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई हमारी साझा लड़ाई है। जर्मनी भारत के साथ खड़ा है और जल्द ही सहयोग पहुंचाने के लिए हम एक मिशन तैयार कर रहे हैं।

यूरोपीय संघ ने कहा- हम भारत की मदद को तैयार

रविवार देर शाम यूरोपीय संघ की तरफ से कहा गया है कि इसका आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ भारत को मदद देने की रणनीति पर काम कर रहा है। यूरोपीय संघ की प्रेसिडेंट उर्सूला लेयन ने कहा कि भारत में महामारी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। हम भारत की मदद को तैयार हैं। भारत के आग्रह पर जल्द ही कदम उठाया जाएगा। फ्रांस की तरफ से भी मदद आने की पुष्टि हुई है। यूरोपीय संघ अपने तमाम सदस्य देशों से अलग-अलग मदद एकत्रित कर उसे भारत को देने की तैयारी में है। इस बीच सऊदी अरब सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि भारत को 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन रवाना कर दिया गया है। सिंगापुर और यूएई से तरल ऑक्सीजन की खेप भी पहुंच गई है।

पाकिस्तान और ईरान ने की भारत को मदद पहुंचाने की पेशकश

भारत को मदद पहुंचाने की पेशकश करने वाले देश पाकिस्तान में खुद कोरोना की दूसरी लहर तेजी से पैर फैला रही है, जबकि ईरान में चौथी लहर है। पाकिस्तान ने भारतीय विदेश मंत्रालय से आग्रह किया है कि दोनों देशों के संबंधित विभाग बात कर इस आपदा में हमारी मदद जल्दी से हासिल कर सकते हैं। साथ ही भविष्य में इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का खाका भी तैयार कर सकते हैं। ईरान के स्वास्थ्य मंत्री डा. सईद नाकामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है और कहा है कि हमारा देश चौथी लहर झेल रहा है और हम भी दवाइयों व दूसरी चीजों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध को महसूस कर रहे हैं। ईरान ने भारत को कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी तकनीकी व दूसरी जरूरी चीजें देने की पेशकश की है। अभी तक छोटे बड़े दो दर्जन देशों ने भारत को मदद का प्रस्ताव किया है। भारतीय अधिकारी इनमें से कई देशों से बात कर रहे हैं।