सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य 30.73 करोड़ टन रखा, जानिए किस फसल का कितना है लक्ष्य

केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई, 2021-जून, 2022) के खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 10.43 करोड़ टन चावल उत्पादन का लक्ष्य रखा है। कृषि मंत्रालय के साथ राज्यों की शुक्रवार को बैठक में यह लक्ष्य रखा गया। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, पिछले खरीफ सत्र में 10.26 करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले चावल का उत्पादन 10.37 करोड़ टन रहा।

आगामी खरीफ सीजन के लिए राज्यों की तैयारियों का जायजा ले रहे कृषि आयुक्त एसके मल्होत्रा ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने की संभावना है। खरीफ मौसम की मुख्य फसल धान है। इसकी बोआई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून के साथ शुरू होती है।

उन्होंने चावल के निर्यात में रासायनिक अवशेषों की उपस्थिति से बचने के लिए राज्यों को चावल में ट्राइसाइक्लाजोल और बुप्रोफेजिन का विवेकपूर्ण उपयोग करने की सलाह दी। मल्होत्रा ने चावल की उन्नत किस्मों की पैदावार बढ़ाने को कहा जो सूखा और बाढ़ जैसी भौगोलिक आपदाओं को झेलने में सक्षम हैं।

वर्ष 2021-22 के खरीफ सीजन में मोटे अनाजों का उत्पादन लक्ष्य 3.73 करोड़ टन, तिलहन का 2.62 करोड़ टन और दलहनों का 98.2 लाख टन रखा गया है। इस वर्ष के खरीफ सत्र के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 15 करोड़ 14.3 लाख टन रखा गया है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 14.79 करोड़ टन रहा था, जो उस सीजन के लिए निर्धारित 14.93 करोड़ के लक्ष्य से थोड़ा कम था।

मंत्रालय ने चालू वर्ष के लिए कपास का उत्पादन लक्ष्य 3.7 करोड़ गांठ (प्रत्येक गांठ 170 किलोग्राम), गन्ना 38.7 करोड़ टन, जबकि जूट/मेस्ता उत्पादन का लक्ष्य1.06 करोड़ गांठ (प्रत्येक गांठ 180 किलोग्राम) निर्धारित किया गया है। मल्होत्रा ने कृषि लागतों के बारे में कहा कि इस वर्ष के खरीफ सीजन में 177.53 लाख टन यूरिया, 65.18 लाख टन डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) , 20.24 लाख टन म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) और 61.87 लाख टन एनपीके उर्वरकों की जरूरत का अनुमान है। मंत्रालय का मानना है कि मक्का और सोयाबीन को छोड़कर अधिकांश खरीफ फसलों के लिए बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

मल्होत्रा ने बताया कि आगामी खरीफ सीजन में 73,445 टन मक्का बीज और 87,656 टन सोयाबीन बीज की कमी का अनुमान है। इस कमी को राष्ट्रीय बीज निगम और निजी बीज कंपनियों से पूरा किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार पूरे फसल वर्ष 2021-22 के लिए समग्र खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य 30.73 करोड़ टन रखा गया है।