चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों के रुझान और नतीजे सामने आने लगे हैं। शुरुआती नतीजों से भाजपा के शानदार प्रदर्शन और कांग्रेस के फ्लाप शो की तस्वीर साफ है। इन नतीजों ने मोटे तौर पर सत्ता विरोधी लहर को भी खारिज कर दिया। बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने, असम में भाजपा ने, पुडुचेरी में राजग ने और केरल में सत्ताधारी एलडीएफ ने वापसी की है। केवल तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन होता दिख रहा है। यहां अन्नाद्रमुक को हराकर स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक सत्ता में आ रही है।
बंगाल में तृणमूल की सत्ता में वापसी, ममता नहीं बचा पाईं अपनी सीट
बंगाल के चुनाव पर पूरे देश की निगाह टिकी थी। यहां तृणमूल ने सत्ता में वापसी तो कर ली है, लेकिन ममता अपनी सीट नहीं बचा पाई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में हरा दिया। भाजपा ने राज्य में अपना दम दिखाया है। 294 सीटों वाली विधानसभा में 2016 में तीन सीट पर जीतने वाली भाजपा इस बार 76 सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है। पार्टी का वोट प्रतिशत 10 से 38 पर पहुंच गया है। वहीं तृणमूल ने भी प्रदर्शन सुधारा है। पिछली बार 211 सीटें जीतने वाली तृणमूल के खाते में 214 सीटें आती दिख रही हैं। पार्टी का वोट प्रतिशत 44 से 48 पर पहुंच गया है। इस बार 292 सीटों पर मतदान हुआ है। नतीजे कांग्रेस और वामदलों को आईना दिखाने वाले हैं। बंगाल में इनका खाता भी नहीं खुला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल में शानदार प्रदर्शन के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है।
असम में कांग्रेस का सपना टूटा
असम में भी कांग्रेस के लिए नतीजे अच्छे नहीं रहे। यहां सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर भाजपा को हराने की कांग्रेस की कोशिश रंग नहीं लाई। 126 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दल 75 सीटों पर जीत हासिल करते दिख रहे हैं। अकेले भाजपा 56 सीटें जीत रही है। उसकी सहयोगी अगप के खाते में 11 और यूपीपीएल के खाते में आठ सीटें आती दिख रही हैं।
केरल में नहीं काम आई राहुल की मेहनत
इस बार केरल की वायनाड लोकसभा सीट से संसद में पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां विधानसभा चुनाव में पार्टी की कमान संभाली थी। अभियान का ज्यादातर समय उन्होंने केरल में ही बिताया था। इसके बावजूद उनकी मेहनत काम नहीं आई। मुख्यमंत्री पी विजयन के नेतृत्व में वाम गठबंधन एलडीएफ 140 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के खाते में 41 सीटें आ रही हैं।
तमिलनाडु में स्टालिन का चमत्कार
अन्य राज्यों से इतर तमिलनाडु में सत्ता बदल रही है। यहां 234 सदस्यीय विधानसभा में द्रमुक 121 सीटों पर जीत रही है, जिसका पूरा श्रेय पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन को जाता है। द्रमुक की सहयोगी के तौर पर लड़ी कांग्रेस को 16 सीटें मिल रही हैं। सत्ताधारी अन्नाद्रमुक 80 सीटों पर सिमटती दिख रही है।
बंदिशों को धता बताकर मना जश्न
कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी दलों को जीत का जश्न मनाने से रोका है। इसके बावजूद चुनावी राज्यों में जगह-जगह विभिन्न दलों के कार्यकर्ता जश्न मनाते देखे गए। इस दौरान लोग कोरोना से बचाव के कदमों का पालन करते भी नहीं दिखे।
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के लिए ममता दीदी को बधाई
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के लिए ममता दीदी को बधाई। कोविड-19 के खिलाफ विजय हासिल करने और लोगों की आकांक्षाओं की पूíत के लिए बंगाल सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव सहयोग जारी रहेगा। हमारी पार्टी को आशीर्वाद देने के लिए भी मैं बंगाल के भाइयों और बहनों को धन्यवाद देता हूं। पहले हमारी मौजूदगी नगण्य थी और वहां से आज हमारी मौजूदगी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। केरल, तमिलनाडु व अन्य राज्यों में जीत हासिल करने वालों को भी बधाई– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।
ममता ने कहा- बंगाल के लोगों की और लोकतंत्र की जीत
यह बंगाल के लोगों की और लोकतंत्र की जीत है। बंगाल ने आज भारत को बचा लिया है। कोरोना से लड़ना अब मेरी प्राथमिकता है। महामारी से पार पाने के बाद कोलकाता में ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मेगा रैली का आयोजन किया जाएगा। मैं नंदीग्राम की जनता के फैसले को भी स्वीकार करती हूं। वहां के लोगों को फैसला करने दें। लेकिन मुझे लगता है कि कुछ गड़बड़ी हुई है। मेरी जीत की खबरों के बाद चीजें बदल गई। मैं इस मामले में अदालत जाऊंगी– ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, बंगाल।
जनादेश
– बंगाल में भाजपा का दिखा दम, कांग्रेस और लेफ्ट का नहीं खुला खाता
– असम में भाजपा की वापसी, पुडुचेरी में भी राजग की जीत
– केरल में विजयन ने बचाई कुर्सी, कांग्रेस का सपना टूटा
– तमिलनाडु में इस बार सत्ता द्रमुक के हाथ, अन्नाद्रमुक वापसी में नाकाम।