पाकिस्तान में पत्रकारों पर हमले के मामलों में चालीस फीसद की वृद्धि हुई है। विडंबना ये है कि पाक की राजधानी इस्लामाबाद पत्रकारों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक जगह है। पाकिस्तान फ्रीडम नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक पत्रकारों के साथ होने वाली घटनाओं में आधे से ज्यादा इस्लामाबाद में ही होती हैं। सिंध प्रांत दूसरे नंबर पर है। यहां पर पत्रकारों के उत्पीड़न के 38 केस हैं। पंजाब में भी इतनी ही घटनाएं हुई हैं।
इस सूची में खैबर पख्तूनख्वा और गुलाम कश्मीर क्षेत्र भी है। पिछले साल मई से इस साल अप्रैल तक पत्रकारों के साथ 148 घटनाएं हुईं। जिनमें 22 मामलों में पत्रकारों पर प्राणघातक हमला किया गया और छह पत्रकारों की हत्या कर दी गई। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिकंन ने मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि पाकिस्तान में मीडिया स्वतंत्र नहीं है। यहां मीडिया संस्थानों और पत्रकारों का सुरक्षा बलों और उग्रवादियों दोनों के द्वारा उत्पीड़न किया जाता है।
वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक ए लब्बैक के आगे पूरी तरह घुटने टेक चुके हैं। अब इमरान खान कट्टरपंथियों के ईशनिंदा कानून को पूरी दुनिया में लागू करने के एजेंडे को आगे बढ़ाने में लग गए हैं। उनका इरादा है कि इस कानून को पूरी दुनिया में लागू कराया जाए। इसके लिए वह मुस्लिम देशों को लामबंद करने में जुट गए हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ईशनिंदा के मामले में सभी मुस्लिम देश एक जुट हों। फ्रांस की तरह ईशनिंदा के मामले अगर सामने आते हैं, तो उस देश के साथ व्यापार करने पर पाबंदी लगाई जाए।
अफगानिस्तान में टैंकरों में लगी आग, सात की मौत
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के निकट एक साथ कई टैंकरों में आग लगने से हुए हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, 14 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह तोड़फोड़ की घटना थी या महज दुर्घटना। ये सभी गैसोलीन के टैंकर थे। जानकारी दी गई है कि पहले एक टैंकर में आग लगी, उसके बाद अन्य टैंकर भी आग की चपेट में आ गए। घटना के बाद राजधानी के कुछ हिस्से में बिजली बंद कर दी गई। तालिबान के प्रवक्ता जबीबुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनका इस घटना में कोई हाथ नहीं है।