Haryana Lockdown: हरियाणा में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए एक सप्ताह के लिए लागू लाकडाउन के दौरान निजी बसें नहीं चल रही हैं और हरियाणा रोडवेज बसें बहुत कम संख्या में चल रही हैं। इससे यात्रियाें को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निजी और सहकारी परिवहन समितियों की बसों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जबकि रोडवेज की इक्का-दुक्का बसें ही लंबे रूटों के लिए चल रही हैं।
बस स्टैंड पर किसी रूट के लिए पर्याप्त यात्री होने पर ही रवाना की गईं इक्का-दुक्का बसें
जरूरत के अनुसार रोडवेज बसों को संचालन का जिम्मा महाप्रबंधकों को सौंपा गया है। सभी रोडवेज डिपुओं में बस स्टैंड इंजार्च की ड्यूटी लगाई गई हैं जो बस अड्डे पर ज्यादा सवारियां होने की स्थिति में विभन्न रूटों पर बसों को रवाना कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में कुल क्षमता की करीब पांच फीसद बसें ही सड़कों पर उतर रही हैं।
एक महीने के दौरान 33 रुपये से घटकर 27 रुपये पर प्रति किलोमीटर पर आई रोडवेज बसों की कमाई
उल्लेखनीय है कि पिछले एक महीने से लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते अधिकतर यात्री रोडवेज बसों में सफर से परहेज कर रहे हैं। इसके चलते विभिन्न रूटों पर बसों की संख्या पहले ही कम कर दी गई थी। दूसरे प्रदेशों को जाने वाली बसें भी डिपुओं में खड़ी कर दी गई हैं।आलम यह है कि यात्रियों की कमी से रोडवेज बसों की प्रति किलोमीटर कमाई पिछले एक महीने के दौरान 33 रुपये से घटकर 27 रुपये पर सिमट गई है। इससे करीब 750 रुपये सालाना के घाटे से जूझ रहे परिवहन महकमे का नुकसान और बढ़ गया है।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में लाकडाउन के चलते हरियाणा रोडवेज की बसें बंद नहीं की गई हैं और भविष्य में भी बसें बंद करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। कोविड-19 प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए पात्र श्रेणियों के व्यक्तियों के लिए 50 फीसद क्षमता के साथ बसें चलाई जा रही हैं।
रोडवेज बसें आमजन के लिए परिवहन का सस्ता और विश्वसनीय साधन हैं। इसलिए बसों को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि लाकडाउन के दौरान केवल वही लोग बसों में यात्रा कर सकेंगे जिन्हें सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार छूट मिली हुई है। यात्रा के दौरान उन्हें चेहरे पर मास्क लगाकर रखना होगा और उचित दूरी का भी पालन करना होगा। बसों में सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जाएगा।