भारत में अप्रैल में भी सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिली। हालांकि, इसकी रफ्तार पिछले तीन माह में सबसे ज्यादा नरम रही। कोविड-19 की दूसरी लहर और लागत से जुड़े दबाव में पिछले नौ वर्ष में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी के बावजूद भारत के अप्रैल के सर्विसेज पीएमआई का डेटा काफी अधिक लचीलता को दिखाता है। निक्की/ आईएचएस मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनजेर्स इंडेक्स (PMI) अप्रैल में 54.0 पर रहा जो मार्च में 54.6 पर रहा था। सर्विसेज पीएमआई का यह डेटा जनवरी के बाद सबसे निचले स्तर पर है लेकिन इसके बावजूद वृद्धि को दिखाता है।
उल्लेखनीय है कि PMI पर 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि को दिखाता है। इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।
आईएचएस मार्किट की एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डि लीमा ने कहा, ”बिजनेसेज को आने वाले वर्षों में आउटपुट में वृद्धि का अनुमान है लेकिन महामारी से जुड़ी चिंताओं की वजह से कारोबारी धारणा कमजोर हुई है।”
कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों की संख्या मंगलवार को दो करोड़ के आंकड़ों को पार कर गई। पिछले 24 घंटों में वायरस संक्रमण के 357,229 नए मामले आए हैं। पिछले 24 घंटों में इस संक्रमण की वजह से 3,449 लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है।
लागत व्यय के दिसंबर, 2011 के बाद सबसे तेजी से बढ़ने की वजह से सर्विस सेक्टर की कंपनियों पर दबाव बड़ा है।
लिमा ने कहा कि सर्विसेज सेक्टर में सक्रिय कंपनियों ने कहा है कि उनके कुल खर्च में पिछले नौ साल में सबसे तेज दर से वृद्धि देखने को मिली है।
रोजगार के मोर्चे पर बात की जाए तो कंपनियों ने अप्रैल में लगातार पांचवें महीने छंटनी की। हालांकि, इसकी रफ्तार धीमी रही। केवल तीन फीसद कंपनियों ने पिछले महीने नौकरियों में छंटनी की।
अप्रैल में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च के मुकाबले मामूली सुधार देखने को मिला लेकिन सर्विसेज सेक्टर में नरमी देखने को मिली। इससे कम्पोजिट इंडेक्स 55.4 पर आ गया जो मार्च में 56.0 पर था।