कोरोनाकाल में हर किसी के दिल और दिमाग पर सिर्फ इस वायरस का खौफ सवार है। इस वायरस से बचाव की उधेड़ बुन में लोग बाकी सारी परेशानियों को नज़रअंदाज कर रहे हैं। जहां कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है वहीं इस वायरस के साथ ही लोगों को एक और बीमारी परेशान कर रही है वो है टाइफाइड जिसे लोग कोरोना का लक्षण मानकर चल रहे हैं। गर्मियों के मौसम में टायफाइड की बीमारी होने का खतरा अधिक होता है।
टायफाइड का बुखार पाचन तंत्र और बल्डस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण होता है। टाइफाइड पानी और फूड जनित बीमारी है। इस बीमारी में सलोमोनेला टाइफी नाम का बैक्ट्रीरियां गंदे पानी और खाने के जरिए शरीर में प्रवेश करके पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। हालांकि इस बीमारी के ज्यादातर लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं। आइए जानते हैं कि टाइफाइड कैसे होता है और इसके लक्षण और बचाव के उपाय क्या है।
कैसे होता है टाइफाइड?
टाइफाइड गंदगी से फैलने वाली बीमारी है। इसका बैक्टीरिया दूषित या गंदे पानी व खाने के जरिये शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है। इस बीमारी का बैक्टीरिया जल या सूखे मल में सप्ताह भर तक जिंदा रहता है, जिसके संपर्क में आते ही कोई भी संक्रमित हो सकता है।
टाइफाइड के लक्षण:
- मरीज को कमजोरी महसूस होना
- संक्रमण बढ़ने से भूख का कम होना
- सिर दर्द होना
- बॉडी पेन होना
- ठण्ड के साथ बुखार आना
- सुस्ती व आलस होना
- दस्त की समस्या भी हो सकती है
- पाचन तंत्र का बिगड़ना
- टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति का बुखार 102 से 104 डिग्री तक भी जा सकता है
- अगर आप अपने में यह सभी लक्षण महसूस कर रहे हैं तो सबसे पहले कोरोना की जांच कराएं। रिपोर्ट निगेटिव आने पर आप टाइफाइड की जांच कराएं और तुरंत इलाज शुरु करें।
टाइफाइड वाले रोगी बरतें ये सावधानियां:
- स्वच्छता का रखें ध्यान
- गर्म पानी और साबुन से हाथ धोएं।
- गर्म पानी पीएं
- कच्ची चीज़ों का सेवन नहीं करें। फलों को छील कर खाएं।
- खाने को पूरी तरह पकाकर खाएं, कच्चा खाना खाने से परहेज करें।
- लोगों से दूरी बनाकर रखें ताकि संक्रमण फैलने का खतरा कम रहे।
- खाना दूसरों के साथ शेयर नहीं करें। अकेले खाएं।
- मक्खन, पेस्ट्री, घी, तले हुए आहार व मिठाईयां आदि खाने से बचें, कुल मिलकार बाजार की बनी चीजों को खाने से बचें
- भारी खाना मांस, मछली और मटन खाने से परहेज करें।
- दारु-शराब, सिगरेट का सेवन नहीं करें।