COVID-19 संकट के बावजूद Export 80% बढ़ा, मई के शुरुआती सप्ताह में 7.04 अरब डॉलर पर पहुंच गया निर्यात का आंकड़ा

देश के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी जारी है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मई के शुरुआती सप्ताह में निर्यात पिछले वर्ष समान अवधि की तुलना में 80 फीसद बढ़कर 7.04 अरब डॉलर यानी करीब 51,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष समान अवधि में निर्यात आंकड़ा 3.91 अरब डॉलर और वर्ष 2019 की इसी अवधि में 6.48 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, मंत्रालय के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में आयात भी 80.7 फीसद बढ़कर 8.86 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पिछले वर्ष समान अवधि के दौरान देश में 4.91 अरब डॉलर और वर्ष 2019 की इसी अवधि में 10.39 अरब डॉलर मूल्य का आयात हुआ था।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले महीने का निर्यात आंकड़ा एक वर्ष पहले की समान अवधि के मुकाबले दो गुना बढ़कर 30.21 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पिछले वर्ष अप्रैल के दौरान लॉकडाउन की अवधि में निर्यात आंकड़ा सिर्फ 10.17 अरब डॉलर रहा था।

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार रत्न-आभूषण, जूट, कालीन, हस्तशिल्प, चमड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तेल खली, काजू, इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम उत्पादों, समुद्री उत्पाद और रसायन उत्पादों के कारोबार में अच्छी विकास दर देखी गई है।

निर्यातक संगठनों के महासंघ फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) के प्रेसिडेंट एसके सराफ ने कहा कि निर्यात वृद्धि उत्साहवर्धक है। निर्यातकों के पास अभी अच्छे ऑर्डर मौजूद हैं। उन्होंने सरकार से निर्यातकों की सुविधा देने के लिए देश से वाणिज्यिक वस्तु निर्यात योजना (एमईआइएस) और निर्यात उत्पादों पर शुल्क व टैक्स की आरओडीटीईपी (रोडटेप) दरों पर गौर करने का आग्रह किया।

सीमलेस ट्यूब्स व पाइप पर एंटी-डंपिंग शुल्क अक्टूबर तक

इसी बीच सरकार ने सीमलेस ट्यूब और पाइप की कुछ किस्मों लागू एंटी-डंपिंग शुल्क इस वर्ष अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। इसका मकसद घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा करना है। केंद्रीय परोक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि अगर सरकार बीच में शुल्क वापस नहीं ले लेती या उसमें संशोधन नहीं किया जाता तो सीमलेस ट्यूब और पाइप की कुछ किस्मों पर एंटी-डंपिंग शुल्क 31 अक्ट्रबर 2021 तक लागू रहेगा।