कोरोना की दूसरी लहर में जिंदगियों की सांसें थमने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले दस दिनों से हर रोज प्रदेश में 150 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही हैं। एकाएक मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने से श्मशान घाटों में लकड़ी का संकट गहराना शुरू हो गया है। लकड़ी के संकट से निजात दिलाने के लिए वन विभाग ने सहयोग का कदम बढ़ाया है। वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर की ओर से प्रदेश के सभी नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं से लकड़ियों की जरूरत मांगी गई है।
प्रदेश भर से 13 हजार 950 क्विंटल की आई मांग, महकमे ने मुहैया कराई 1618 क्विंटल
प्रदेश में कोरोना से पिछले एक महीने के दौरान 2575 लोगों की मौत हुई है। एक महीने में इतनी बड़ी तादाद में मौतें होने से प्रदेश के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार करने की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमा गई हैं। कई जगह लकड़ियों की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है तो कई जगह अंतिम संस्कार के निर्धारित राशि से ज्यादा पैसे लेने के मामले भी सामने आए हैं। सबसे ज्यादा संकट लकड़ियों का बना हुआ है।
सभी नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं से मांगी गई लकड़ियों की जरूरत की जानकारी
अब अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की आपूर्ति पूरी करने को वन विभाग की ओर से प्रदेश की सभी पालिकाओं के अंतर्गत आने वाले श्मशान घाटों में लकड़ी आपूर्ति की डिमांड मांगी गई है। प्रदेश भर से 13 हजार 950 क्विंटल लकड़ी की डिमांड आई है, जिसमें से एक हजार 618 क्विंटल लकड़ी मुहैया भी करवा दी गई हैं।
वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि प्रदेश में हो रही मौत चिंताजनक हैं। कुछ जगहों पर लकड़ी की किल्लत के मामले सामने आए हैं। वन विभाग की ओर से अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी मुहैया कराई जाएंगी। विभाग के पास लकड़ी (बालन) पर्याप्त मात्रा हैं। कुछ स्थानों पर अंतिम संस्कार के लिए इलेक्ट्रिक व गैस संचालित मशीनें भी लगाई हैं, लेकिन लोगों की धारणा अंतिम संस्कार की ही बनी हुई है। इसी धारणा को देखते हुए वन विभाग की ओर से प्रदेश में हर जगह लकड़ी मुहैया करवाई जाएगी।