Delhi Lockdown 2021 Extension: 17 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने के हक में दिल्ली के कारोबारी, वजह भी बताई

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दिल्ली में घटने लगे हैं। संक्रमण से मौत के मामले कम हो रहे हैं, पर व्यापारियों में अब भी लॉकडाउन को हटाने से भय का माहौल है। दिल्ली में 20 अप्रैल से लॉकडाउन चल रहा है, जो 17 मई की सुबह तक के लिए है। लॉकडाउन को दिल्ली सरकार द्वारा हर सप्ताह बढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में द बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल ने ज्वैलरी बाजार कूचा महाजनी के साथ ही पुरानी दिल्ली की थोक व खुदरा बाजारों की स्थिति को सामने रखते हुए कहा कि ये बाजारें संकरी गलियों में स्थित है। अगर लॉकडाउन को हटा दिया गया तो स्थिति फिर से भयावह होने का अंदेशा है।

कहा जा रहा है कि दिल्ली में अब भी कोरोना की संक्रमण दर 10 फीसद से ऊपर है। ऊपर से राष्ट्रीय राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। अभी भी कोरोना संक्रमित लोगों की भर्ती और समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में दिल्ली सरकार को तब तक इस बारे में नहीं सोचना चाहिए जब तक की हर पीड़ित को मुकम्मल इलाज देने की व्यवस्था वह न कर लें। अन्यथा यह आत्मघाती कदम साबित हो सकता है। वैसे भी देश में तीसरी तथा दिल्ली में चौथी लहर आने का पूरा अंदेशा जताया जा रहा है।

योगेश सिंघल ने कहा कि लॉकडाउन से सर्वाधिक नुकसान दिल्ली भर के व्यापारियों को हो रहा है। सरकार से राहत व सहयोग की मांग भी की जा रही है, ताकि सबसे अधिक राजस्व देने वाले व्यापारियों को कुछ संबल मिल सकें। भविष्य में कारोबार को लेकर चिंताओं के बीच भी व्यापारी समुदाय को सबसे अधिक चिंता खुद, परिवार तथा लोगों की जान की है। इसलिए लाकडाउन में रियायत कहीं से भी सही कदम नहीं कहा जा सकता है।

जांच घटे, कैसे विश्वास करें

दरीबा व्यापार मंडल के महासचिव मनीष वर्मा ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण की मौजूदा हालत पर ¨चता जताते हुए कहा कि सरकार के आंकड़ों में कोरोना संक्रमण घट रहा है। पर यह भी यह सत्य है कि जांच की संख्या में कमी आ रही है। पहले जहां एक लाख से अधिक जांच हो रही थी। वहीं अब यह 60 से 70 हजार के बीच में है। इसलिए सरकारी आंकड़ों पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि यह लाकडाउन जारी रहे। जब तक की वास्तविकता में मामलों में सुधार नहीं हो जाता है।