पानीपत में शुक्रवार को फिर से मौसम बदल गया। सुबह पांच बजे अचानक 60 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। अनेक स्थान पर पेड़ टूटे, बिजली के खंबे लाइनें टूटने से आपूर्ति बाधित हो गई। तेज हवा के बाद झमाझम बारिश हुई।
जिले में औसतन 17 एमएम बारिश दर्ज की गई। मई माह में यह सबसे अधिक बारिश है। तापमान में गिरावट होने से गर्मी के मौसम में सर्दी महसूस की जा रही है। चार दिन पहले एसी चलने शुरू हो गए थे। अब फिर से पंखे से काम चल रहा है। दो दिन पहले बुधवार को दिन भर बूंदाबांदी रही। वीरवार को सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। आठ बजे के बाद मौसम खुल गया। दिन भर मौसम साफ रहा।
शुक्रवार सुबह मौसम बदल गया। झमाझम बारिश होने से जगह-जगह पानी भर गया। ड्रेन नंबर एक भी ओवर फ्लो हो गई। सुबह साढ़े आठ बजे सूर्य के दर्शन हुई। आंशिक बादल छाए रहे। मौसम विभाग के अनुसार जिले में सबसे अधिक बारिश इसराना ब्लाक में 20 एमएम दर्ज की गई। समालखा में 19 एमएम, मतलौडा में 18 एमएम, बापौली में 17 एमएम व पानीपत सिटी में 12 एमएम बारिश दर्ज की गई।
मार्निंग वाक पर नहीं निकल सके
सुबह बारिश होने के कारण लोग मार्निंग वाक पर नहीं निकल पाए। पार्कों में भी पानी भर गया। तेज बारिश होने के कारण सब्जी मंडी में कारोबार प्रभावित हुआ। सब्जी मंडी खोलने का समय 5 से 11 बजे है। बारिश आने के कारण दो घंटे तक कामकाज प्रभावित रहा।
बारिश ने धोया प्रदूषण
कोरोना महामारी के चलते उद्योगों में कम उत्पादन होने व लाकडाउन के चलते वाहन कम चलने से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। बारिश ने वायु प्रदूषण को धो डाला। शुक्रवार को पीएम 2.5 83 अंक रहा।
कुरुक्षेत्र में भी जमकर बरसे बदरा
धर्मनगरी में शुक्रवार की अल सुबह टाक्टे चक्रवात का असर दिखा और जिला भर में 17 एमएम बारिश हुई। इससे पहले बुधवार और वीरवार को सात एमएम बारिश हुई थी। वीरवार को दिन भर मौसम साफ रहने के बाद शुक्रवार की अलसुबह गरज व चमक के साथ बादल जमकर बरसे। ऐसे में इस्माईलाबाद में सबसे अधिक 32 एमएम और थानेसर में 12 एमएम बारिश हुई है। बारिश ने मौसम को भी सुहावना कर दिया। बारिश के चलते न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा है। हवा की नमी की मात्रा 64 फीसद और हवा की गति 14 किलोमीटर प्रतिघंटा रही है। मौसम विशेषज्ञों ने दिन भर धूप खिलने से अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है।
अल सुबह शुरू हुई बूंदाबांदी
एक दिन पहले वीरवार को ही सुबह साढे छह बजे तक हल्की बूंदाबांदी जारी रही थी। इसके बाद दिन भर मौसम साफ रहा। शुक्रवार की अल सुबह चार बजे के करीब आसमान में गरज और चमक के साथ बादल छा गए। इसके बाद तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बारिश सुबह साढे छह बजे तक जारी रही। इस दो घंटे में इस्माईलाबाद में सबसे अधिक 32 एमएमा और थानेसर में 12 एमएम बारिश हुई। बारिश के चलते शहर भर में सड़कों पर पानी जमा हो गया।
अब धान की पनीरी बिजाई का काम होगा प्रभावित
बारिश के तेज होने पर कई जगह खेतों में पानी खड़ा हो गया था। ऐसे में धान की पनीरी बिजाई का काम प्रभावित हो गया है। इसके साथ ही कुछ किसान धान की सीधी बिजाई के काम में लगे थे। कृषि विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान के चलते पहले ही इन किसानों को सीधी बिजाई का काम दो दिन रोक देने की सलाह दी थी। अब कई क्षेत्रों में ज्यादा बारिश होने के चलते कई दिन सीधी बिजाई के लिए खेत तैयार नहीं हो सकेंगे।
खेत की मिट्टी सही होने पर ही करें धान की सीधी बिजाई
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि बारिश के चलते खेतों में पानी खड़ा हो गया है। अब पानी सूखने और मिट्टी के सही होने के बाद ही किसान अपने खेत में धान की सीधी बिजाई करें।
कैथल में निचली कालोनी व कई जगह सड़कों पर जलभराव
जिलेभर में शुक्रवार की सुबह हुई बरसात के बाद मौसम सुहावना हो गया है। लोगों को उमस भरी गर्मी से भी राहत मिली है। उधर, बरसात के बाद किसानों की पनीरी को फायदा हुआ। वहीं नरमा कपास की बिजाई का कार्य प्रभावित हो गया है।अबता दें कि वीरवार से ही मौसम का मिजाज बदला-बदला दिखा। आसमान में बादल छाए रहे। उसके बाद शुक्रवार सुबह चार बजे तेज आंधी के साथ बरसात शुरू हो गई। सुबह छह बजे तक बरसात हुई। उसके बादल आसमान में बादल छाए हुए है। इससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तापमान में गिरावट आने और हवाएं चलने से लोगों को गर्मी से छूटकारा मिला। वहीं मौसम विभाग शुक्रवार शाम तक बरसात होने का अनुमान जता रहा है। वहीं तेज आंधी के कारण सुबह से ही कई गांव की बिजली सेवाएं भी प्रभावित रही है। मौसम विज्ञानियों अनुसार शुक्रवार शाम तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। बरसात न होने से पहले तापमान 38 से 40 डिग्री के पास पहुंच गया था।
यहां हुआ जलभराव
तेज बरसात होने के कारण सुबह तक सड़कों पर पानी खड़ा रहा। लघु सचिवालय व कोर्ट के मुख्य गेट पर पानी जमा हो गया। सुबह के समय लघु में आने वाले लोगों को निकलने में परेशानी हुई। करनाल रोड, ढांड रोड, भगत सिंह चौक पर बरसात का पानी जमा हुआ दिखाई दिया।
मौसम विज्ञानिक रमेश चंद्र ने बताया कि बरसात होने से सीधी धान बिजाई व मक्का बिजाई का काम अगले दो दिनों तक रूक गया है। धान की पनीरी के लिए यह मौसम फायदेमंद हैं। किसान धान की रोपाई के लिए अपने खेतों को तैयार कर रहे है। सब्जी, तरबूज व खरबूजा की फसल के लिए भी मौसम फायदेमंद रहा हैं। कपास की बिजाई प्रभावित हुई है। कपास एक दाे दिन पहले कपास की बिजाई वाले किसानों को नुकसान भी हुआ है।