महिला मुक्केबाजों के लिए जेंडर टेस्ट अनिवार्य:पेरिस ओलिंपिक में विवाद के बाद वर्ल्ड बॉक्सिंग में उठाया कदम; बिना टेस्ट के टूर्नामेंट नहीं खेल पाएंगी

महिला बॉक्सरों को जेंडर टेस्ट कराना जरूरी हो गया है। वर्ल्ड बॉक्सिंग एसोसिएशन ने इसके आदेश जारी किए हैं। 4 से 14 सितंबर तक होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जेंडर टेस्ट से गुजरना होगा। वर्ल्ड बॉक्सिंग के अनुसार,’यह परीक्षण पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट या इसके समकक्ष जेनेटिक स्क्रीनिंग टेस्ट के जरिए होगा, जो जन्म के समय के लिंग को निर्धारित करने के लिए Y क्रोमोसोम की मौजूदगी या अनुपस्थिति की जांच करेगा वर्ल्ड बॉक्सिंग के अध्यक्ष बोरिस वैन डेर वोर्स्ट ने कहा, ‘हम सभी व्यक्तियों की गरिमा का सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि हमारा खेल यथासंभव समावेशी हो। लेकिन, मुक्केबाजी जैसे खेल में हमारा दायित्व है कि हम खिलाड़ियों की सुरक्षा और प्रतिस्पर्धा में निष्पक्षता बनाए रखें।’

पेरिस ओलिंपिक में भी हुआ था जेंडर विवाद, अल्जीरियाई बॉक्सर पर पुरुष होने के आरोप

पेरिस ओलिंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट अल्जीरिया की इमान खलीफ और ताइवान की लिन यू-टिंग को अपने लिंग को लेकर आरोपों का सामना करना पड़ा था। खलीफ ने कई बार कहा है कि वह जन्म से महिला हैं और उन्होंने लगभग एक दशक तक महिलाओं की शौकिया मुक्केबाजी में हिस्सा लिया है।

खलीफ ने जून में नीदरलैंड में होने वाले वर्ल्ड बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भाग लेने से इनकार कर दिया था, जब संगठन ने पहली बार लिंग परीक्षण की योजना की घोषणा की थी। बाद में वैन डेर वोर्स्ट ने खलीफ का नाम विशेष रूप से लेने के लिए माफी मांगी थी।

वर्ल्ड एथलेटिक्स ने महिलाओं के लिए SRY जीन टेस्ट लागू किया है

इससे पहले वर्ल्ड एथलेटिक्स काउंसिल ने महिला एथलीटों के लिए SRY जीन टेस्ट लागू किया है। जो खिलाड़ी इस टेस्ट से नहीं गुजरेगी, वह वर्ल्ड रैंकिंग प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले सकेगी। ये नियम 1 सितंबर 2025 से लागू होगा। 13 सितंबर से टोक्यो में होने जा रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिला एथलीट्स इस टेस्ट को पास किए बिना भाग नहीं ले सकेंगी।

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