इजराइल ने गाजा सिटी को तबाह करने की धमकी दी:कहा- राफा शहर की तरह मलबे में बदल देंगे; जंग रोकने के लिए 5 शर्तें रखीं

इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने शुक्रवार को गाजा सिटी को पूरी तरह तबाह करने की धमकी दी। काट्ज ने कहा, ‘अगर हमास इजराइल की शर्तें नहीं मानेगा तो उसे अंजाम भुगतना होगा।’

यह बयान ऐसे समय में आया जब एक दिन पहले काट्ज ने गाजा सिटी पर कब्जे के लिए सेना को अनुमति दी थी।

काट्ज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- गाजा का हाल राफा और बैत हनून शहरों जैसा हो सकता है, जो मलबे में तब्दील चुके हैं। ठीक जैसा मैंने वादा किया था।

दरअसल, इजराइल ने जंग खत्म करने के बदले सभी कैदियों की एक साथ रिहाई और हमास के पूरी तरह से हथियार डालने समेत 5 शर्तें रखी थी।

इजराइल ने जंग खत्म करने के बदले 5 शर्तें रखी

  • हमास पूरी तरह हथियार डाले।
  • बचे हुए सभी कैदियों की एक साथ रिहाई।
  • गाजा से सैन्य ताकतों का खात्मा।
  • गाजा पर इजराइल का सुरक्षा नियंत्रण।
  • गाजा में ऐसा ऑप्शनल नागरिक प्रशासन बनाना, जो न तो हमास हो और न ही फिलिस्तीनी प्राधिकरण।

हमास आधे बंधकों को छोड़ने की शर्त पर सीजफायर करने को राजी

हमास ने इजराइल की सभी शर्तों को मानने के बजाय 18 अगस्त को गाजा में सीजफायर और दो चरणों में इजराइली बंधकों की रिहाई के समझौते पर सहमति जताई थी।

अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता के बाद यह प्रस्ताव अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने जून में पेश किया था।

गाजा-सिटी पर कब्जे की तैयारी कर रहा इजराइल

हमास के जबाव पर काट्ज ने 20 अगस्त को गाजा सिटी पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दी। इसके लिए उन्होंने करीब 60 हजार एक्स्ट्रा सैनिकों (रिजर्व फोर्स) को ड्यूटी पर बुलाने का भी आदेश दिया।

इजराइल ने गाजा सिटी पर कब्जे के लिए 1.30 लाख सैनिकों को मोर्चे पर तैनात करने का फैसला किया है। सैनिकों को ड्यूटी जॉइन करने से कम से कम 2 हफ्ते पहले नोटिस दिया जाएगा।

पहली खेप में 2 सितंबर को करीब 40-50 हजार सैनिक बुलाए जाएंगे। दूसरी खेप नवंबर-दिसंबर में और तीसरी फरवरी-मार्च 2026 में बुलाई जाएगी।

गाजा सिटी पर कब्जे के इस अभियान को गिदोन’स चेरिएट्स-बी नाम दिया गया है। इस दौरान पहले से ड्यूटी कर रहे हजारों रिजर्व सैनिकों की सेवा 30-40 दिन और बढ़ा दी जाएगी।

इस कार्रवाई में 5 आर्मी डिवीजन शामिल रहेंगे। इसमें 12 ब्रिगेड-लेवल टीमें होंगी, जिनमें पैदल सेना, टैंक, तोपखाना, इंजीनियरिंग और सपोर्ट यूनिट शामिल होंगी। इसके अलावा गाजा डिवीजन की नॉर्थ और साउथ ब्रिगेड भी हिस्सा लेंगी।

इजराइली सेना बोली- ये अभियान कई स्टेप में चलेगा

इजराइली सेना ने बताया है कि गाजा सिटी पर कब्जे की तैयारी शुरू हो चुकी है। अभी गाजा सिटी के बाहरी इलाकों में ऑपरेशन चल रहा है।

जैतून इलाके में नहल और 7वीं आर्मर्ड ब्रिगेड ऑपरेशन चला रही है। वहीं एक दूसरे इलाके, जबालिया में गिवाती ब्रिगेड कफ्र ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।

यह अभियान कई स्टेप में चलेगा। सबसे पहले नागरिकों को गाजा सिटी खाली करने का नोटिस मिलेगा। इसके लिए अंतिम तारीख 7 अक्टूबर 2025 तय की गई है। इसके बाद सेना शहर को चारों तरफ से घेरकर अंदर बढ़ेगी।

इजराइल ने गाजा सिटी से लगभग 10 लाख लोगों को साउथ गाजा भेजने का प्लान बनाया है। इसके लिए राहत केंद्र, टेंट और फील्ड अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। खान यूनिस में भी यूरोपियन अस्पताल फिर से शुरू किया जाएगा।

गाजा के 75% इलाके पर पहले से इजराइल का कंट्रोल

इजराइल का मकसद गाजा सिटी में उन इलाकों में घुसना है, जहां हमास के कब्जे में अभी भी कई बंधक होने की आशंका है। ये वो इलाके हैं जहां अब तक इजराइली सेना ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं की है।

इजराइली सेना (IDF) के मुताबिक गाजा पट्टी के लगभग 75% हिस्से पर उसका नियंत्रण है। गाजा सिटी उस 25% इलाके में है, जो IDF के कब्जे में नहीं हैं।

गाजा में मानवीय संकट, 60 हजार से ज्यादा मौतें

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि गाजा में भुखमरी अब नियंत्रण से बाहर है। हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि जंग शुरू होने के बाद से कुपोषण से मरने वालों की संख्या 170 हो गई है, जिनमें 95 बच्चे हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मई 2025 से जीएचएफ के सहायता स्थलों के पास 1,353 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से कई भोजन की तलाश में थे।

यूनिसेफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि इजराइली बमबारी और मानवीय सहायता रोकने के चलते गाजा में हर दिन लगभग 28 फिलिस्तीनी बच्चों की मौत हो रही है।

अक्टूबर 2023 से अब तक 18 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। यूनिसेफ ने कहा कि बच्चों की मौतें बमबारी, कुपोषण और सहायता के अभाव से हो रही हैं।

गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद अभी तक 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई और घायलों की संख्या 1.5 लाख पार कर चुकी है।

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