काशी में भगवती मां कूष्माण्डा के संगीत महोत्सव में रविवार रात सांसद और भोजपुरी सिंगर मनोज तिवारी पहुंचे। उन्होंने मां कूष्माण्डा को चरणों मे प्रणाम करके मंच संभाला तो हर-हर महादेव के जयकारे गूंज उठे।
मनोज ने भजन की शुरुआत दुर्गाकुंड के दुर्गा मंदिर में जाके शीश नवाईला… से की तो दर्शकों ने भी उनके साथ सुर में सुर मिलाया। फिर बाड़ी शेर पर सवार… से मां की आराधना की। जिया हो बिहार के लाला…की जब तान छेड़ी तो श्रोता झूम उठे। इसके बाद उन्होंने हमरा बुझाता बा बबुआ पीएम होइए… पेश किया।
मीडिया से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा- मां की शक्ति लेकर अब बिहार चुनाव में जाएंगे। उन्हीं की शक्ति है कि हम जहां भी गए, वहां विजय मिली। बिहार चुनाव में भी इस शक्ति के साथ प्रचार-प्रसार के लिए जाएंगे। मां की कृपा से बिहार विधानसभा में भी जीत मिलेगी।
लगातार 31वीं साल मां के दरबार में पहुंचे मनोज तिवारी मनोज तिवारी ने कहा- मां के दरबार में आने की अनुभूति शब्दों में बयां ही नहीं की जा सकती। मुझे धीरे-धीरे जीवन में महसूस हुआ कि दुर्गाकुंड की मां बड़ी विचित्र शक्ति के साथ विराजमान है। उन्होंने बागेश्वर बाबा को भी याद किया। कहा- मैंने उनसे सुना था कि वह अपनी माता जी के साथ आया करते थे। आज 31वीं साल है, जब मैं लगातार माता के दरबार में गीत गाने पहुंचा।
उन्होंने कहा कि हमें समाज का ध्यान सच्चाई से रखना है। हमारे PM मोदी यहां के सांसद हैं। योगीजी यहां के मुख्यमंत्री हैं। हम सभी मां की कृपा से सच्चाई पर चल रहे हैं। जो कुछ काम बचे हैं, वे भी जल्द होंगे।
चुनाव आयोग का निर्णय सही, विरोध करना गलत
मनोज तिवारी ने कहा- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की बात वही करते हैं, जो चुनाव आयोग को नहीं मानते हैं। जो मतदाता फर्जी हैं, उन्हें वोटर लिस्ट से हटाना है। उसमें सहयोग करने की बजाय विपक्ष उसका विरोध कर रहा है। चुनाव आयोग सही दिशा में कदम उठा रहा है। चुनाव आयोग का ये निर्णय सही है। विरोध करने वालों को ऐसा नहीं करना चाहिए, ये गलत बात है।
लक्ष्मी हार से मां का श्रृंगार किया गया
7 दिवसीय महोत्सव का रविवार को पांचवां दिन था। मां कूष्मांडा का लक्ष्मी हार से श्रृंगार किया गया। पंचामृत स्नान के बाद लाल चटख बनारसी साड़ी और बनारसी दुपट्टे से सजी मां को पीले सफेद मोतियों के साथ लक्ष्मी हार से सुशोभित किया गया। गुलाब, जूही, बेला, कठुआ की मालाओं से मां की दिव्य छवि सजाई गई। मां के स्वर्ण श्रृंगार के दर्शन को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रृंगार पं. कौशलपति द्विवेदी और आरती पं. किशन दुबे ने उतारी।