नूंह जिला जेल में कार्यरत व अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही राकेश कादियान ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। सरकारी सेवा में रहते हुए भी पर्वतारोहण के प्रति जुनून बनाए रखने वाले राकेश ने अब यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश (5642 मीटर) और दूसरी सबसे ऊंची चोटी (5621 मीटर) पर भारतीय तिरंगा फहराया।
इससे पहले वह माउंट एवरेस्ट, ल्होत्से, किलिमंजारो, सतोपंथ और नून जैसी दुर्गम चोटियों पर भी तिरंगा लहरा चुके हैं। अपने साहस और उपलब्धियों के दम पर राकेश कादियान न केवल हरियाणा बल्कि पूरे भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन कर रहे हैं।
कादियान ने 2018 में की शुरुआत
पर्वतारोही राकेश कादियान मूल रूप से झज्जर जिले के गांव बेरी के रहने वाले हैं। राकेश ने अप्रैल 2018 में शुरुआत की, बेसिक माउंटेन कोर्स करके ( HMI संस्थान दार्जिलिंग) से किया। फिर अगस्त 2018 में लेह लद्दाख की 6400 मीटर ऊंची चोटी माउंट कांग यात्से-1 पर चढ़ाई की।
उसके बाद अक्टूबर 2018 में एडवांस माउंटेन कोर्स (HMI संस्थान दार्जिलिंग) से पास किया। इसके बाद उन्होंने जेल में नौकरी करने के साथ-साथ तैयारी को जारी रखा। जिसमें वह ड्यूटी भी करते और मेहनत भी करते थे।
लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
राकेश कादयान ने बताया कि माउंट एवरेस्ट ओर माउंट ल्होत्से पर 21 साल सरकारी सेवा में सेवारत रहते हुए 45 साल की उम्र में ये चढ़ाई करने वाला दुनिया का पहला कर्मचारी बना हूं । इसके साथ ही लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ।
उन्हें कहा कि जेल विभाग से अपनी निजी छुट्टी लेकर ये सब अभियान किए हैं, विभाग में साल 2003 में वार्डर के पद पर भर्ती हुआ था। छुट्टियों की वजह से अब तक कोई प्रमोशन नहीं हुआ है। जबकि मेरा सर्विस रिकॉर्ड बिल्कुल ठीक है, जेल विभाग हरियाणा का अब तक का प्रथम अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही हूं।
उन्होंने कहा कि किसी भी चोटी पर चढ़ाई करने जाते हैं, तो वापस अपने परिवार के पास आने की कोई गारंटी नहीं होती , पर्वतारोही मौत के साथ खेलते हैं। सबसे जोखिम भरा खेल है। उन्होंने कहा कि अपनी सामान्य ड्यूटी पूरी करने के बाद ही तैयारी करता हूं ,अब तक 40 लाख रुपए खर्च हो चुका है।
यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा
पर्वतारोही राकेश कादियान ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश (5642 मीटर – पश्चिमी छोर) और दूसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश (5621 मीटर – पूर्वी छोर) पर भारतीय तिरंगा फहराकर नूंह जिले और हरियाणा का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है।
24 अगस्त को रात 2 बजे बेस कैम्प (4000 मीटर) से शुरू हुई चढ़ाई के बाद राकेश ने सुबह 6 बजे पहली चोटी पर और 10:15 बजे दूसरी चोटी पर सफलता पाई। वह इतने कम समय में दोनों चोटियों पर फतह करने वाले विश्व के पहले पर्वतारोही बन गए। माउंट एलब्रुश फतह के समय टेम्प्रेचर -25 ओर हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। प्रत्येक चोटी पर बर्फ बहुत ज्यादा होती है। हवा से सामना करते हुए आगे बढ़ना पड़ा जो बहुत मुश्किल था, इस अभियान में राकेश ने किसी गाइड की सहायता नहीं ली।