रिजर्व बैंक यानी RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। पटेल अगले तीन साल तक इस पद पर रहेंगे।
उर्जित पटेल 2016 में RBI के 24वें गवर्नर बने थे, उन्होंने रघुराम राजन की जगह ली थी। लेकिन 2018 में निजी कारणों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। पटेल को भारत की नई इन्फ्लेशन टारगेटिंग फ्रेमवर्क को बनाने वाला माना जाता है। उनकी लीडरशिप में बनी रिपोर्ट की वजह से सरकार ने 4% CPI को इन्फ्लेशन का टारगेट बनाया था।
एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर उर्जित पटेल IMF में ये जिम्मेदारियां संभालेंगे
- रूटीन कामकाज: एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर IMF के रोजाना के रूटीन कामकाज देखते हैं। वे IMF के बोर्ड का हिस्सा होते हैं, जो संगठन की पॉलिसी और फैसलों को लागू करता है।
- सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व: पटेल भारत और अन्य कुछ देशों (जो उनके समूह का हिस्सा हैं) का प्रतिनिधित्व करेंगे। वे इन देशों की आर्थिक नीतियों और हितों को बोर्ड में रखेंगे।
- आर्थिक नीतियों की समीक्षा: वे सदस्य देशों की आर्थिक नीतियों का विश्लेषण करेंगे और ग्लोबल, रीजनल और नेशनल लेवल के इकोनॉमिक इम्पैक्ट पर चर्चा करेंगे।
- वित्तीय सहायता की मंजूरी: IMF से किसी देश को मिलने वाली वित्तीय मदद (जैसे कर्ज) के प्रस्तावों की समीक्षा और मंजूरी में उनकी भूमिका होगी।
- कैपेसिटी डेवलपमेंट: पटेल IMF के कैपेसिटी डेवलपमेंट के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी देखेंगे, जिसमें देशों को इकोनॉमिक पॉलिसी और फाइनेंशियल मैनेजमेंट में सहायता देना शामिल है।
पटेल 1992 में भारत में IMF के डिप्टी रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव भी रहे
इससे पहले भी पटेल वॉशिंगटन डीसी में IMF के लिए काम कर चुके हैं और 1992 में भारत में IMF के डिप्टी रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव भी रहे। इसके अलावा वो RBI में डिप्टी गवर्नर के तौर पर भी काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने मॉनेटरी पॉलिसी, फाइनेंशियल रिसर्च, डेटा, इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट, पॉलिसी, कम्युनिकेशन और RTI जैसे मामलों को देखा।
उर्जित पटेल 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय में सलाहकार भी रहे। साथ ही, उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज, IDFC लिमिटेड, MCX लिमिटेड और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसी निजी और सरकारी कंपनियों में भी कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) एक ग्लोबल संगठन है। इसकी स्थापना 1944 में हुई थी, जो 190 देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देता है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में वित्तीय स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन को समर्थन देना है। IMF सदस्य देशों को फाइनेंशियल एड और पॉलिसी एडवाइस और टेक्नोलॉजी असिस्टेंस देता है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में है।