इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर तक बढ़ा दी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने देर रात एक सर्कुलर जारी किया। इससे पहले 15 सितंबर तक डेडलाइन थी।
इस साल अब तक 7.3 करोड़ लोग इनकम टैक्स फाइल कर चुके हैं। पिछले साल की तुलना में दो लाख ज्यादा हैं। 2024-25 में 7.28 करोड़ लोगों ने ITR फाइल किया था।
मई में टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फाइल करने की तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर किया था। तकनीकी कारणों की वजह से तारीख को बढ़ाया गया था। अब इसे तीसरी बार एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है।
वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए ITR फॉर्म में हुए बदलावों की वजह से ITR फाइलिंग टूल्स और बैक-एंड सिस्टम में भी बदलाव करने की जरूरत थी।
पहले 30 सितंबर तक डेट बढ़ने की खबर वायरल हुई थी
आयकर विभाग ने उन अफवाहों का भी खंडन किया है जिसमें दावा किया गया था कि डेडलाइन को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) आनंद जैन से रिटर्न भरने की प्रोसेस 4 स्टेप में जानें…
1. सभी कागजात तैयार रखें
- सैलरी, टीडीएस की जानकारी के लिए के लिए फॉर्म 16। कितना टैक्स जमा किया और कितना बाकी है इसके लिए फॉर्म 26AS और एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS)।
- बैंक स्टेटमेंट, ब्याज प्रमाण पत्र के अलावा एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी जैसे इन्वेस्टमेंट प्रूफ। घर/मकान लोन की डिटेल। किराए की रसीद, कैपिटल गेन की जानकारी।
2. सही आईटीआर फॉर्म चुनें
- ITR-1 : यदि आय सैलरी, एक मकान और ब्याज से है। आय ₹50 लाख से कम है।
- ITR-2: अगर आय वेतन व पेंशन से है। एक से अधिक घर है या कैपिटल गेन है।
- ITR-3: अगर आय बिजनेस या प्रोफेशन से है।
- ITR-4: प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम के तहत रिटर्न फाइल कर रहे है।
3. ऑनलाइन आईटीआर फाइलिंग
- इनकम टैक्स वेबसाइट (https://incometax.gov.in) पर लॉगिन करें।
- ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपना पैन और पासवर्ड डालें।
- आय के हिसाब से सही फॉर्म चुनकर जानकारी भरें।
- टैक्स कैलकुलेट करें। यदि अतिरिक्त टैक्स देना है तो ऑनलाइन पेमेंट करें।
4. आईटीआर वेरिफिकेशन
- रिटर्न फाइल करने के बाद 30 दिन के अंदर ई-वेरिफिकेशन करना जरूरी।
- वेरिफिकेशन के लिए – आधार OTP, नेट बैंकिंग, डीमैट अकाउंट जैसे ऑप्शन।
16 सितंबर तक ITR नहीं भरने पर लेट फीस
- 16 सितंबर तक रिटर्न दाखिल नहीं करने पर ₹5,000 तक जुर्माना लगेगा।
- 31 दिसंबर के बाद फाइल करने पर ₹10,000 तक का जुर्माना देना होगा।
- यदि आय ₹5 लाख तक है तो अधिकतम लेट फीस ₹1,000 होगी।
- टैक्स बाकी है, तो बची राशि पर हर महीने 1% ब्याज देना होगा।
रिटर्न में गलत जानकारी देने से बचें
कई टैक्सपेयर गलत डिडक्शन जैसे – LIC, मेडिक्लेम, हाउस लोन इंटरेस्ट और चंदे की गलत जानकारी देकर टैक्स बचाते हैं। लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आज के समय में AI के जरिए रिटर्न का डेटा एनालिसिस करता है। गलत जानकारी देने से नोटिस आ सकता है।