राजस्थान के स्टूडेंट को रूस-यूक्रेन युद्ध में उतारा:मां ने कहा-मेरे इकलौते बेटे को ले आयो; वीडियो में एक दोस्त की मौत का दावा किया

राजस्थान से रूस में पढ़ाई के लिए गए एक स्टूडेंट ने दावा किया है कि उन्हें युद्ध के मैदान में उतारा गया है। इसका एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वे वहां की सेना की वर्दी में नजर आ रहे है।

बीकानेर के स्टूडेंट अजय कुमार ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में बता रहा है किसी काम के लिए सेना के कैंप में उन्हें बुलाया गया थ और सीधे युद्ध के मैदान में भेज दिया गया है।

अजय खुद युद्ध के मैदान में है और दावा कर रहे है कि उनके एक दोस्त की भी मौत हो चुकी है। इधर, वीडियो जब अजय के माता-पिता के पास पहुंचा तो अब वे गुहार लगा रहे हैं कि उनका एक ही बेटा है, जिसे जल्द उनके पास लाया जाए।

पिछले साल एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गया था अजय

अजय बीकानेर के अरजनसर गांव का रहने वाला है। नवंबर 2024 में वे रूम में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे। अजय ने दो वीडियो जारी करते हुए युद्ध के हालातों के बीच बाहर निकलवाने की गुहार की है।

अजय का दावा है कि वे अकेले नहीं है, उनके साथ कई स्टूडेंट इसी तरह फंसे हुए हैं। अजय ने बताया कि नवंबर के बाद उन्हें और उनके कुछ दोस्तों को रूसी सरकार ने एक ट्रेनिंग के लिए भेजा। इसमें उनके साथी अजय, संदीप, विजय और ​अंकित को भी शामिल किया गया है। ट्रेनिंग के बाद उन्हें युद्ध के लिए रवाना कर दिया था।

पहले वीडियो में कहा- बोला गया एक बार परिवार से बात कर लो

अजय ने दो अलग-अलग वीडियो जारी किए है। पहले वीडियो में बताया कि वह अभी यूक्रेन में है। तीन महीने की ट्रेनिंग लेने की बात कहते हुए कहा गया था कि हर हाल में युद्ध के मैदान में उतरना होगा। सभी को घर वालों से बात करने का एक अवसर दिया गया था।

नौ भारतीय स्टूडेंट्स को भी ट्रेनिंग दी गई थी। जब ट्रेनिंग लेने से मना किया तो रूसी सेना के जवानों ने साफ कह दिया कि आप यूक्रेन की जमीन पर हो। आगे कोई सुनने वाला नहीं है, एक बार परिवार से बात कर लो। अजय ने वीडियो में आशंका जताई कि हो सकता है कि ये उसका लास्ट वीडियो हो।

दूसरे वीडियो में कहा- हमारे ऊपर हवाई फायर हुए

अजय ने दूसरा वीडियो जारी करते हुए कहा- पांच दिन के बाद मैं एक ट्रक में आया हूं। हमारे ऊपर हवाई फायर हुए हैं। मिसाइलें दागी गई हैं। हम चार बंदे थे, जिसमें एक तो वहीं खत्म हो गया। दो भाग गए और मैं रास्ता भटक गया।

आठ दिन के बाद मेरी बटालियन के बंदों ने ढूंढ़कर अब सेना पुलिस को सौंपा है, जो अभी सेलिडोज सिटी के अंदर है। ये सिटी भी युक्रेन में है। ये जगह तो यूक्रेन की है लेकिन रूस ने कब्जा कर रखा है। अ

भी तय नहीं है कि मुझे वापस आगे भेजेंगे या यहीं पर रखेंगे। मैंने यहां बयान दिया है कि हमारे साथ धोखा हुआ है। हमें बोला कुछ गया था, कराया कुछ और जा रहा है।

मां बोली- मेरा इकलौता बेटा है

अजय के पिता पिता महावीर प्रसाद सामान्य किसान है और मां कलावती देवी सामान्य गृहिणी। दोनों के साथ ही पूरा परिवार सदमे में है। पिता महावीर ने बताया कि 28 नवम्बर 24 को स्टडी वीजा पर रूस गया था। उसे रुपए का लालच देकर सेना में भर्ती कर लिया गया था।

महावीर ने भारत सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द अजय को वहां से मुक्त कराया जाए। मां कलावती का कहना है कि मेरा इकलौता बेटा है और उसे झांसे से सेना में भर्ती कर लिया गया।

पंद्रह दिन से संपर्क नहीं

अजय के पिता का कहना है कि पिछले 15 दिन से उसका बेटे से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। ये वीडियो भी पंद्रह दिन पुराने ही है। ऐसे में उसे अपने बेटे की सलामती को लेकर भी चिंता है। अब गांव के लोगों के साथ मिलकर महावीर प्रसाद अपने बेटे को वापस भारत बुलाने की कोशिश में जुटा है।

अजय के परिजनों का कहना है कि उसे तीन महीने की सामान्य ट्रेनिंग बताकर सेना में भर्ती किया गया था। ट्रेनिंग के नाम पर उसे अच्छी खासी धनराशि देने का भी आश्वासन दिया गया। यूक्रेन बॉर्डर पर ये कहकर बुलाया गया था कि यहां पर किचन का काम करना है। इसके बाद सीधे युद्ध में उतार दिया।

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