नकली दूतावास खोलने वाले हर्षवर्धन ने फ्रांस-लंदन में पढ़ाई की:लग्जरी गाड़ियों का शौक, पत्नी गोल्ड कारोबारी; यूपी ATS से राज कबूले

गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन को लग्जरी लाइफ पसंद थी। कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाला हर्षवर्धन अक्सर दुबई, दक्षिण अफ्रीका, पेरिस लंदन, सऊदी घूमने जाता। महंगी कारों में चलता और 5 स्टार होटल में ठहरता। खास तरह के राजनयिक सूट पहनता था, जिससे वह एक असली अधिकारी जैसा लगता था। इसकी आड़ में शेल कंपनियों के जरिए हवाला का रुपया विदेशों तक पहुंचाता था।

STF के एक्शन में आने के बाद अब ATS ने हर्षवर्धन से 2.30 घंटे बंद कमरे में पूछताछ की। जो सवाल पूछे गए, वो कुछ इस तरह के थे…

  • हवाला के जरिए किसका रुपया, कहां पहुंचाया?
  • विदेश में काम दिलाने के बहाने कितने लोगों को कहां-कहां भेजा?
  • क्या ब्यूरोक्रेसी या पॉलिटिशियन की शह भी मिली हुई थी?
  • कारोबारी परिवार से होने के बावजूद इस तरह के धंधे को क्यों फैलाया?

मंत्रालयों में VIP की तरह जाता, बोला- कभी गाड़ी नहीं रोकी गई

हर्षवर्धन जैन ने पूछताछ में लगातार अपने बयान बदले हैं। वह कभी अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करता, फिर साक्ष्य दिखाए जाने पर एजेंसी को गुमराह करने वाले बयान देता रहा।

इतना जरूर सामने आया कि फर्जी दूतावास चलने वाले हर्षवर्धन की दिल्ली के कई मंत्रालयों में सीधी एंट्री थी, जो अलग-अलग गाड़ियों से वीआईपी की तरह मंत्रालय तक पहुंचता था। उसने बताया कि कभी भी किसी भी शहर में मेरी गाड़ी को रोका नहीं गया, न ही किसी ने फर्जी समझा। हर्षवर्धन ने पूछताछ में यह भी बताया कि फ्रांस से मैंने पीएचडी की डिग्री हासिल की थी।

ATS से कहा- ब्यूरोक्रेसी में अच्छी पहचान रही

ATS के अधिकारी ने पूछा- मंत्रालयों में क्यों आते-जाते थे? हर्षवर्धन ने कहा- दूसरे देश के लोगों के दूतावास संबंधी काम मेरे पास आते थे। मैं अपनी पहचान के दम पर उन्हें करता था। बदले में हवाला के जरिए मुझे पैसा मिलता था।

जब ATS ने पूछा कि मंत्रालयों में एंट्री कैसे होती थी? हर्षवर्धन ने कहा- विदेश जाने से पहले मैं मंत्रालयों में जाता रहता था। कुछ ब्यूरोक्रेसी के अधिकारियों से अच्छी पहचान हो गई थी। इसलिए एंट्री में कभी कोई दिक्कत नहीं आई।

12 विदेशी घड़ी, 4 लग्जरी कारें, घर से 44 लाख करेंसी

घर की एक अलमारी से एजेंसी को 12 विदेशी घड़ी मिली हैं। इनकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपए बताई जा रही है। वहीं घर के बाहर 4 लग्जरी कार मिली हैं। इनमें मर्सिडीज, 2 हुंडई की सोनाटा कारें शामिल थीं।

उसके पास से 44 लाख रुपए की भारतीय और विदेशी करेंसी मिली है। इसमें अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीयन करेंसी शामिल है। हर्षवर्धन ATS और STF को इस करेंसी से संबंधित दस्तावेज नहीं दिखा सका है।

STF ने मंगलवार आधी रात को गाजियाबाद के कविनगर में छापेमारी केंद्रीय एजेंसियों के इनपुट पर की थी। थाने में आरोपी हर्षवर्धन के खिलाफ STF द्वारा संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जिसे बुधवार शाम कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

पत्नी का दिल्ली में गोल्ड का बड़ा कारोबार

2.30 घंटे की पूछताछ में जांच एजेंसी को पता चला है कि हर्षवर्धन जैन की पत्नी का दिल्ली में चांदनी चौक के पास एक ऑफिस है। वह गोल्ड और चांदी का बड़ा कारोबार कर रही हैं। परिवार में हर्षवर्धन का एक बेटा है, जो गाजियाबाद के एक प्राइवेट स्कूल में 12वीं की पढ़ाई कर रहा है।

पिता जेडी जैन उद्योगपति हैं, एजेंसियों को ये भी इनपुट मिले हैं कि वो मिनिस्ट्री ऑफ इनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से रिटायर्ड अधिकारी हैं।

हर्षवर्धन ने पूछताछ में बताया- साल 2012 में जब दिल्ली मंत्रालय के इनपुट पर मेरे घर से सैटेलाइट फोन बरामद किया गया था, उस समय मुझे थाने भी पूछताछ के लिए लाया गया था, लेकिन मेरा देश विरोधी गतिविधियों में कोई रोल नहीं था। मुझे छोड़ दिया गया था।

हर्षवर्धन के ताऊ बरेली में रहते हैं, एजेंसी करेगी पूछताछ

हर्षवर्धन के पास से जो 4 लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई है, इनमें 3 गाड़ी अभी तक हर्षवर्धन के परिवार के नाम हैं। जिसमें एक गाड़ी में उसके दादा का नाम भी शामिल है, हर्षवर्धन के मामा के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मेरे रिश्तेदारों की डेथ हो चुकी है। एक ताऊ बरेली में रामपुर गार्डन के पास रह रहे हैं। अब यूपी एसटीएफ और एटीएस हर्ष वर्धन के रिश्तेदारों और उसके संपर्क वाले लोगों की छानबीन में जुट गई है।

आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद विदेश मंत्रालय और दूसरी जांच एजेंसी भी पूरा नेटवर्क खंगालने में जुटी है। पीएनबी के 7 खातों की जांच की जा रही है।

अपने घर से 100 मीटर दूर चला रहा था दूतावास

गाजियाबाद के कविनगर में जहां पर फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया गया है, वहां से 100 मीटर की दूरी पर 500 गज में आलीशान कोठी है, इसके बाहर अनूप सिंह का नाम लिखा है। बुधवार को दिन भर दरवाजा बंद रहा।

पड़ोस के लोग कैमरे के सामने नहीं आए, लेकिन इतना बताते रहे कि यहां पर लग्जरी गाड़ी आती, जिनमें काले शीशे होते थे और अलग तरीके के नंबर प्लेट होती थी। उन गाड़ियों की इस कोठी में सीधे एंट्री थी। कई गाड़ी बाहर भी खड़ी होती थी। झंडे लगे होने के कारण कभी उन्हें शक नहीं हुआ।

यहीं से 100 मीटर दूर हर्षवर्धन के पिता की कोठी है, बताया गया है कि कई साल पहले पिता ने हर्षवर्धन के गलत कामों के चलते उसे अपने घर से बाहर कर दिया था। जिसके बाद वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ इसी किराए की कोठी में रह रहा था। उसके आने जाने और रहन-सहन की लाइफ स्टाइल अलग थी। कई लग्जरी गाड़ियों का मालिक है, वह अधिकांश लोगों से इंटरनेट और वॉट्सऐप कॉल पर ही बात करता था।

गिरफ्तार हर्षवर्धन जैन ने बताया कि मेरी उम्र 47 साल है। मेरे पिता जेडी जैन एक प्रतिष्ठित उद्योगपति रहे हैं, जैन रोलिंग मिल गाजियाबाद के मालिक थे। राजस्थान में बांसवाडा एवं काकरोली में इंदिरा मार्बल्स और जेडी मार्बल्स के नाम से माईन्स थी, जहां पर इसने भी काम किया है। इन्हीं माईन्स से इनके द्वारा लंदन में भी मारबल एक्सपोर्ट किया जाता था।

हर्ष वर्धन के पास से कई कंपनियों के दस्तावेज मिले

STF SSP सुशील घुले ने बताया- हर्षवर्धन केबी 35 कविनगर में किराए का मकान लेकर अवैध रूप से ‘वेस्ट आर्कटिक दूतावास’ चला रहा था। वह खुद को वेस्ट आर्कटिक, सबोरगा, पुलावाविया, लोडोनिया देशों का कॉन्सुल एंबेसडर बताता है। हालांकि, इन नामों के कोई देश नहीं हैं।

उन्होंने बताया- हर्षवर्धन डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियों से चलता था। लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई अन्य बड़े लोगों के साथ अपनी मॉर्फ की हुई फोटो का इस्तेमाल करता था। उसका मुख्य काम कंपनियों और प्राइवेट व्यक्तियों को बाहर के देशों में काम दिलाने के नाम पर दलाली करना और शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चलाना था।

हर्षवर्धन के पास से दो फर्जी प्रेस कार्ड, दो फर्जी पैन कार्ड, माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट, कई देशों की विदेशी मुद्रा, विभिन्न कंपनियों के दस्तावेज और 18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट भी बरामद की गई हैं।

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