पंजाब के अमृतसर में 2012 के चर्चित ASI रविंदर पाल हत्याकांड के दोषी धर्मजीत सिंह उर्फ धर्मा की गुरुवार रात गालियां मारकर हत्या कर दी गई। वह 12 सितंबर को 14 दिन की पैरोल पर बाहर था। उसकी हत्या की जिम्मेदारी जग्गू भगवानपुरिया गैंग ने ली है। फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
एसीपी शिवदर्शन सिंह ने अनुसार, घटना की जानकारी पुलिस को रात 12.15 बजे मिली थी। दवाइयां वाला बाजार छेहर्टा में उसे गोलियां मारी गईं। वह रात तकरीबन 12 बजे घर के बाहर अपनी क्रेटा कार पार्क कर रहा था। इसी दौरान 3 हमलावर बाइक पर आए और उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
जग्गू गैंग ने पोस्ट में क्या लिखा…
- बंबीहा गैंग के आदमी थे: इस घटना की जिम्मेदारी जग्गू गैंग ने ली है। जग्गू गैंग ने एक पोस्ट वायरल की। हालांकि, दैनिक भास्कर इस पोस्ट की पुष्टि नहीं करता। पोस्ट में लिखा है- आज 25/9/25 को जो अमृतसर में हमने कत्ल कांड किया है, उस धर्मा की हत्या हुई है जो पैरोल पर था। उसकी जिम्मेदारी हम हैरी चाट्ठा, केशव शिवाला, अमृत दालम और सिकंदर कनाडा लेते हैं। यह हमारे एंटी-ग्रुप बंबीहा के आदमी हैं और डोनी लहंदे का खास था। जेल के अंदर हमारे जितने एंटी हैं, ये गिनती करता था।
- मां और छोटे भाई की हत्या की थी: गैंगस्टरों ने लिखा- यह कत्ल कर संदेश दिया है कि जो हमारे एंटी (विरोधी) को जेल के अंदर या बाहर करेगा, उसकी सजा मौत होगी। इन्होंने हमारी मां और छोटे भाई के कत्ल करने वाले शूटरों को पनाह दी थी और उनकी मदद कर रहे थे। ये दोनों कत्ल कर अपने भाई बने फिरते हैं। बाकी हम किसी फिरौती के लिए कत्ल नहीं करते, न ही किसी बच्चे या औरत का।
- जिन्होंने कभी कुत्ते को लाठी नहीं मारी, वे भी तैयार रहें: पोस्ट में लिखा है- एक बात और, जितनी भी बकरियां बाहर बैठी हैं, जिन्होंने इंडिया में कभी कुत्ते को लाठी भी नहीं मारी, वे भी तैयार रहें। धरती पर कहीं भी कोई जगह नहीं, जहां जाकर वे बच सकें। हम उनको कहां और कब मारना है, यह सब सरप्राइज है, आप सब तैयार रहो। दो-चार दिन बाजार में मूंगफली के आने से बादाम के रेट नहीं घटते।
ASI हत्याकांड के बारे में 3 पॉइंट्स में जानिए…
- बेटी को बचा रहे ASI को मार डाला: 5 दिसंबर, 2012 को पंजाब पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) रविंदरपाल सिंह की हत्या कर दी गई। वह अपनी बेटी रॉबिनजित कौर की इज्जत को बचाने की कोशिश कर रहे थे। आरोप था कि पूर्व अकाली नेता रंजीत सिंह राणा उनकी बेटी को बार-बार छेड़ता था।
- 4 साथियों के साथ आया था अकाली नेता: पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, छेहर्टा में राणा ने पहले रविंदरपाल के पैरों में गोली मारी थी। इसके बाद वह वहां से चला गया, लेकिन उसका मन शांत न हुआ तो वह घटनास्थल पर दोबारा दूसरी बंदूक लेकर आया। गोलीबारी के दौरान रॉबिनजित कौर भी घायल हुई। घटना के समय धर्मा और तीन अन्य साथी भी राणा के साथ थे।
- सभी को आजीवन कारावास हुआ: राणा उस समय अकाली दल का महासचिव था। उसके साथ कोर्ट ने धर्मजीत सिंह, संदीप रामपाल, गुरबीर सिंह और विक्रम ओहरी को भी दोषी ठहराया था। अदालत ने इन्हें कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।