पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने गुरुवार देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की।
यह मुलाकात व्हाइट हाउस में बंद कमरे में हुई। इस मीटिंग से मीडिया को दूर रखा गया। ट्रम्प ने करीब 30 मिनट तक शहबाज को इंतजार कराया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि बैठक में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी मौजूद थे। मीटिंग में किन मुद्दों पर बात हुई, इसे लेकर अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
इससे पहले दोनों नेताओं ने 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान मुलाकात की थी। उस बैठक में कतर, तुर्की, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मिस्र, UAE और जॉर्डन के नेता भी शामिल थे। उस दौरान गाजा जंग रोकने पर बात हुई थी।
शहबाज इंतजार करते रहे, ट्रम्प मीडिया से बात कर रहे थे
PAK पीएम रात करीब 2 बजे व्हाइट हाउस पहुंचे। उस वक्त ट्रम्प कार्यकारी आदेशों पर साइन कर रहे थे और पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
इसकी वजह से ट्रम्प को शहबाज से मुलाकात के लिए लगभग 30 मिनट की देरी हो गई। बाद में दोनों के बीच करीब 1 घंटा 20 मिनट तक बैठक चली। रात 3 बजकर 48 मिनट पर शहबाज व्हाइट हाउस से रवाना हुए।
बैठक से पहले पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा कि व्हाइट हाउस में एक ‘महान नेता’ आ रहा है। ट्रम्प ने मीडिया से कहा,
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल आ रहे हैं। वे बहुत अच्छे व्यक्ति हैं और प्रधानमंत्री भी। दोनों ही (शहबाज और मुनीर) बहुत अच्छे हैं।
शहबाज शरीफ की किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में पहली मुलाकात थी। पाकिस्तान के किसी पीएम अमेरिकी राष्ट्रपति से 6 साल बाद मुलाकात हुई है। इससे पहले जुलाई 2019 में इमरान खान और ट्रम्प के बीच बैठक हुई थी।
भारत के लिए इस मुलाकात के मायने?
यह मुलाकात भारत के लिए अहम है, क्योंकि अमेरिका और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकी से भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव आ सकता है। ट्रम्प ने भारत पर ऊंचे टैरिफ और वीजा नियमों को लेकर सख्ती की है, जिससे भारत नाराज है।
हाल के समय में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार देखने को मिला है। ट्रम्प और शहबाज के बीच रिश्तों में भी में गर्मजोशी देखने को मिली है।
ट्रम्प का यह दावा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया, भारत दावे को कई बार खारिज कर चुका है। इसके चलते भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव भी देखने को मिला।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने ट्रम्प की इस कोशिश की तारीफ की है और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है।
वहीं जुलाई में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक व्यापार समझौता हुआ, जिसके तहत वॉशिंगटन पाकिस्तान के तेल भंडारों को विकसित करने में मदद करेगा