चुनावों में वोटर लिस्ट में गड़बडियों को लेकर राहुल गांधी चुनाव आयोग को घेर रहे हैं। बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप भी लगा रहे हैं। अगले चुनाव में जीत को लेकर राहुल गांधी कनेक्ट सेंटर के जरिए एमपी के हर बूथ की जानकारी से अपडेट रहेंगे।
राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय और भोपाल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कनेक्ट सेंटर तैयार कराए हैं। ये कनेक्ट सेंटर एमपी के हर मतदान केन्द्र के बूथ लेवल एजेंट्स से सीधे जुडे़ रहेंगे।
दिल्ली से बनने वाले हर प्लान की जानकारी कनेक्ट सेंटर के जरिए बीएलओ तक पहुंचेगी। काम की रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग भी कनेक्ट सेंटर के जरिए होगी। राहुल गांधी ने दिल्ली से भोपाल के कनेक्ट सेंटर के लिए एक एक्सपर्ट को तैनात किया है।
70 हजार बूथों पर BLA की नियुक्ति होगी
एमपी में कांग्रेस के 71 संगठनात्मक जिले हैं। 1100 के करीब ब्लॉक और 5 हजार मंडलम कमेटियां हैं। प्रदेश की 230 विधानसभाओं में करीब 70 हजार बूथ हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्षों के बाद अब तेजी से ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति कर रही है। इसके बाद मंडलम अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। 70 हजार मतदान केन्द्रों पर बूथ स्तर पर बीएलए(बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त किए जाएंगे।
ऐप पर हर वोटर की जानकारी को वेरिफाई करेंगे
एमपी कांग्रेस ने एक मोबाइल ऐप तैयार कराया है। इस पर एमपी की हर विधानसभा के सभी मतदान केंद्रों की जानकारी और वोटर्स की डिटेल दर्ज होगी। कांग्रेस के 70 हजार बीएलए अपने पोलिंग बूथ के हर वोटर की जानकारी को वेरिफाई करेंगे।
बीएलए यह जांचेंगे कि मतदाता जीवित है या नहीं। मृत मतदाताओं के नाम हटवाने और मतदाताओं की जानकारी में यदि कोई गलती है तो निर्धारित फॉर्म भरवाकर उन्हें सुधरवाने का काम करेंगे।
बीएलए को अपने बूथ की हर जानकारी आसानी से समझ आ सके, इस हिसाब से ऐप में जानकारी दर्ज कराई जा रही है। हर मतदाता का नाम हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में होगा।
दूसरे दलों के बीएलए की जानकारी भी कांग्रेस के पास होगी
कांग्रेस अपने बूथ लेवल एजेंट्स के साथ ही बीजेपी और दूसरे दलों के बीएलए की जानकारी का रिकॉर्ड भी रखेगी। बीएलए को दिए गए टास्क की भोपाल के कनेक्ट सेंटर से निगरानी होगी। दिल्ली में राहुल गांधी की टीम कनेक्ट सेंटर के जरिए बूथ लेवल की जानकारी जुटाएगी।
वॉर रूम में 9 टीमें होंगी
- कम्युनिकेशन डिवीजन
- ट्रेनिंग
- कनेक्ट सेंटर
- लीगल
- नरेटिव कोआर्डिनेशन डिवीजन
- सिविल सोसाइटी, वॉलेंटियर कनेक्ट
- ऑर्गेनाइजेशन कम्युनिकेशन डिवीजन
- कॉल सेंटर
- एडमिनिस्ट्रेशन
कनेक्ट सेंटर: वॉर रूम से बूथ लेवल पर किए जाने वाले कामों की सबसे अहम कड़ी होगी। कनेक्ट सेंटर में जोन वार डेस्क होंगी। एक जोन में अधिकतम 5 विधानसभाएं शामिल होंगी। हर डेस्क का एक प्रभारी होगा और मैनेजमेंट सहयोग के लिए तीन से पांच सहयोगी भी होंगे। यह कनेक्ट सेंटर मंडलम स्तर से नीचे बूथ स्तर तक सीधे कनेक्ट रहेगा।
कम्युनिकेशन डिवीजन: नरेटिव बनाने के लिए यह डिवीजन सबसे अहम होगा। इसमें मीडिया और सोशल मीडिया के डिवीजन शामिल होंगे, जो कंटेंट क्रिएट करने और उसके प्रसार का काम संभालेंगे।
इसमें ऐसे लोग शामिल किए जाएंगे, जो सोशल मीडिया मामलों के एक्सपर्ट हों और जिन्हें राजनीति का भी अच्छा ज्ञान हो। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में समाचारों की मॉनिटरिंग करने में एक्सपर्ट लोग इसमें शामिल किए जाएंगे। उनमें त्वरित फैसले लेने की क्षमता होनी चाहिए।
तेजी के साथ सटीक कंटेंट तैयार करने और उसे नेटवर्क में सर्कुलेट करने में भी एक्सपर्ट लोग इसमें शामिल होंगे। नेशनल वॉर रूम से भेजी गई सामग्री का अनुवाद करने की क्षमता वाले लोग इसमें जोड़े जाएंगे। यह डिवीजन अभियानों और कम्युनिकेशन के लिए जरूरी इनपुट तैयार करने के लिए रिसर्च डिपार्टमेंट के साथ भी काम करेगा।
ऐसी होगी कम्युनिकेशन की टीम
इस डिवीजन में एक कम्युनिकेशन हेड के साथ मीडिया और सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के एक-एक सदस्य शामिल किए जाएंगे। 5 एक्जीक्यूटिव खबरों की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किए जाएंगे। रणनीतिक कंटेंट बनाने के लिए कंटेंट क्रिएटर, मूवी और ग्राफिक्स एडिटर के साथ कंटेंट को सर्कुलेट करने वाले एक्सपर्ट शामिल किए जाएंगे।
ट्रेनिंग: इस डिवीजन के जरिए वॉर रूम के अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स की ट्रेनिंग कराई जाएगी। इसमें बूथ लेवल वर्कर्स से लेकर स्टेट लेवल लीडर्स की ट्रेनिंग के लिए स्टैंडर्ड ट्रेनिंग मटेरियल तैयार किया जाएगा। वॉर रtम में नियुक्त नए मेंबर्स की ट्रेनिंग कराएंगे। अलग-अलग स्तरों पर ट्रेनिंग देने के लिए ट्यूटोरियल वीडियो भी बनाएंगे।